
होली भारत के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे भारत में लगभग सभी धर्मो और सभी समुदाय के लोगो द्वारा बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। होली को रंगों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह फाल्गुन पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला एक वसंत त्योहार है जो मार्च के महीने के आसपास होता है। होली एक ऐसा त्यौहार है ,जिसमे हम एक दूसरे पर रंग गुलाल लगाते है, जिससे आपसी प्रेम और भाईचारा बढ़ता है, इसी वजह से इसे प्रेम का त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है।
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न भी मनाता है, क्योंकि इसी दिन भक्त प्रहलाद को मारने के प्रयास में खुद होलिका का दहन हो गया था, जिस वजह से इसे होलिका दहन के नाम से जाना जाता है। अगर आप भी हर साल होली का त्योहार घर पर ही रहकर दोस्तों और परिवारवालों के साथ मनाते हैं,तो इस बार कुछ अलग करें। देशभर में अलग-अलग जगहों पर होली का त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।ऐसे में आप भी इन जगहों पर जाकर रंगों के इस त्योहार का दोगुना मजा उठा सकते हैं-

1.बरसाने की होली ...
बरसाना उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा जिले का एक गाँव है यह वाही गाँव है जहां पर राधा का जन्म हुआ था । Barsaana ki Lathmar Holi बहुत प्रसिद्ध है यहाँ की औरते नंदगाँव के पुरुषो को लठ से पीटती है नंदगाँव श्री कृष्ण का जन्मस्थान है दो दिन की यह Lathmar Holi बहुत ही मजेदार होती है , होली खेलते हुए बरसाना की औरतो द्वारा नंदगाँव के पुरुषों की लट्ठ से पिटाई और पुरुषो द्वारा एक शील्ड की मदद से खुद को बचाना एक रोचक दृश्य होता है यदि आपको कभी भी मौका मिले तो Lathmar Holi जरूर देखने जाये , यह मुख्य सेलिब्रेशन लाडलीजी मंदिर (जो की राधा रानी का प्रमुख मंदिर है ) में मनाया जाता है | आपको इस साल बरसाने में होली बनाने यहां जरूर जाना चाहिए।



2. बृज की होली वृंदावन और मथुरा...
Braj ki Holi भी एक अलग ही रोमांच है और यह Best Places to Celebrate Holi in India में से एक है, मथुरा जनपद उत्तर प्रदेश में स्थित है और यह श्री कृष्ण की कर्मस्थली है यहाँ पर दो तरह की होली खेली जाती है जिसमे से एक होली में तो लोग एक दुसरे के ऊपर फूलो से भरी टोकरी फेंकते है और जोर जोर से चिल्लाते है राधे राधे अत्यंत मजेदार होती है यह होली फूल फ़ेंक कर राधे राधे बोलना देखकर मन भक्ति भाव से ओत प्रोत हो जाता है |
अच्छा दूसरी तरह की जो होली यहाँ पर मानते है उसमे ब्रज के लोग होली के एक दिन पहले ही कृष्ण लीला और रास लीला का आयोजन करते है | बांकेबिहारी मंदिर वृन्दावन में होली के कुछ दिन पहले से ही phoolon wali holi शुरू हो जाती है , द्वारकाधीश मंदिर मथुरा में भी रंगों की त्यौहार होली बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है braj ki Holi देखना अत्यंत आनंददायक होता है | इस जगह होली बनाने के लिए लोग बहुत दूर से आते हैं। आप भी इस जगह पर जरूर जाएं।



3.रॉयल होली जयपुर और उदयपुर...
Best Places to Celebrate Holi in India: जयपुर और उदयपुर होली पर घूमने जाने के लिए भारत की सबसे अच्छी जगहें में से एक है ,क्योंकि यहाँ होली भारत के अन्य हिस्सों से बिलकुल अलग रॉयल अंदाज में मनाई जाती है। झीलों की नगरी उदयपुर अपने ही शाही अंदाज में होली मनाता है। होली से एक दिन पहले रात में लोग अलाव जलाते हैं और इस अवसर को अच्छे दिन के रूप में मनाते हैं। उत्सव दो दिनों तक खिंचता है। पहले दिन, सिटी पैलेस में शाही निवास से मानेक चौक तक शानदार महल का जुलूस होगा, जिसमें बिस्तरों वाले घोड़े और शाही बैंड शामिल हैं। जिसके बाद होलिका का पुतला जलाया जाता है, होलिका जलाने के साथ शुरू हुआ यह त्यौहार उदयपुर के जगदीश मंदिर में मनाया जाता है। इस उत्सव में संगीत और पारंपरिक गीतों पर नृत्य भी किये जाते है जो इस रंगों के त्यौहार में और रंग बिखेर देते है।




4.बसन्तोत्सव , शान्तिनिकेतन पश्चिम बंगाल...
शान्तिनिकेतन में विश्व भारती पश्चिम बंगाल का एक सुप्रसिद्ध विश्विद्यालय है यहाँ की होली अत्यन्त सांस्कृतिक मानी जाती है यहाँ होली का त्यौहार बसंत उत्सव या बसन्त त्यौहार के रूप में मनाया जाता है इस बसंत उत्सव की शुरुवात कवि रवींद्र नाथ टैगोरजी ने शान्तिनिकेतन में विश्व भारती विश्विद्यालय मे की थी |
इस विश्व भारती विश्वविद्यालय के छात्र होली में बसंत उत्सव के पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते यहाँ के छात्र कवि टैगोर जी की कविताओ पर नृत्य करते है और एक विशाल संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते है Best Places to Celebrate Holi in India का यह एक Traditional विकल्प है यहाँ तमाम पर्यटक इस अद्भुत उत्सव को देखने आते है तो आप भी इस वर्ष की होली शान्तिनिकेतन में बनाइए और भारत की विशाल संस्कृति से रूबरू होइये |



5. Folk Holi , पुरुलिया पश्चिम बंगाल...
पुरुलिया पश्चिम बंगाल का एक जिला है जहा आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते है पुरुलिया को कोलकात्ता से दूरी लगभग 250 किलोमीटर है यहाँ पर होली के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय लोक उत्सव मनाया जाता है इसे ही फोल्क उत्सव या Folk Holi बोलते है इन तीन दिनों में यहाँ के विभिन्न नृत्य , विभिन्न प्रकार की लोक कलाए , गाने आदि आयोजित किए जाते है |
इस उत्सव के कुछ खास कार्यक्रम जैसे छऊ नृत्य , नटुआ नृत्य , दरबारी झूमुर पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है यदि आप को यहाँ के स्थानीय लोगो के साथ होली का रोमांच लेना हो तो स्वागत है ,आपका पुरुलिया की Folk Holi में |


