ये 6 बजट रोड ट्रिप्स दिखाती हैं भारत के पूर्वोत्तर की खूबसूरती!

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जो पहुँच गए हैं मंज़िल पे, उनको तो नहीं है नाज़-ए-सफ़र।

दो कदम अभी जो चले नहीं, रफ़्तार की बातें करते हैं।।

रोड ट्रिप, ये शब्द सुनते ही सबसे पहले दिमाग में क्या आता है? ख़ूब सारे दोस्त लेह की सड़कों पर बुलेट लेकर दौड़ रहे हैं, बैकग्राउंंड में 'यूँ ही चला चल राही' गाना चल रहा है। या फिर गोवा और स्पीति में दोस्तों के साथ ट्रिप लग रहे हैं। लेकिन ये सब सोचते हुए बाइक या कार भी साथ में खड़ी नज़र आती है, है ना? लेकिन क्या इन दोनों के बिना भी लोकल बसों से रोड ट्रिप लगाए जा सकते हैं? तो इसका जवाब है जी हाँ। और जब कुछ अनोखा कर ही रहे हैं तो वही पुरानी गोवा और लदाख की रोड ट्रिप पर क्यों निकलें, चलिए आपको भारत के पूर्वोत्तर की सुंदर सड़कों पर एक मज़ेदार यात्रा पर ले चलते हैं। आप फिलहाल इन रोड ट्रिप्स के बारे में जान लें और सही वक्त आने पर यात्रा करें।

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एक ट्रैवल राइटर हैं उमेश पन्त, उनके अनुसार जितना नॉर्थ ईस्ट के बारे में लिखा गया है, वो कुल का दस फ़ीसदी भी नहीं है। तो अन्दाज़ा लगा सकते हो आप कि अपने ट्रैवल लिस्ट में क्या क्या छूट रहा है आपसे।

1. मणिपुर - म्यांमार

भारत से थाईलैंड की रोड ट्रिप पर अब लोगों का दिल आने लगा है लेकिन अगर आप अपनी गाड़ी के साथ जाते हो तो म्यांमार में घुसते ही तगड़ा पैसा खर्चना पड़ता है। तो इससे सस्ता रास्ता भी सुन लीजिए। मणिपुर के मोरेह पहुँचिए, जो कि म्यांमार की सीमा पर आख़िरी क़स्बा है। यहाँ से टूरिस्ट वीज़ा के साथ आप म्यांमार की सीमा पार कर सकते हैं। याद रखिए, ई-वीज़ा से काम नहीं चलने वाला। इसके साथ एक और शर्त ये भी, कि म्यांमार में आप इस सीमा से अन्दर आए हैं तो इसी सीमा से बाहर भी जाना होगा। कुछ दिनों में इम्फ़ाल-मैंडले की बस सेवा भी चलने लगेगी, जिससे आपको सफ़र में आसानी होगी।

कैसे पहुँचें यहाँ

हवाई मार्ग- सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा इम्फ़ाल (109 किमी0) का है और यहाँ के लिए सभी बड़े शहरों से फ़्लाइट जाती हैं।

रेल मार्ग- नज़दीकी रेलवे स्टेशन जिरिबम, मणिपुर का है जो मोरेह से लगभग 300 किमी0 दूर है।

सड़क मार्ग- इम्फ़ाल से मोरेह के लिए शेयर में कैब चलती हैं।

जाने का सबसे सही समय- अक्टूबर से जून के बीच। यहाँ का तापमान 10 से 35 डिग्री तक होता है। बस मॉनसून के जुलाई से सितम्बर तक ना जाएँ तो बेहतर होगा।

2. गुवाहाटी - अगरतला ट्रेन का सफ़र

एक लेखक हैं पॉल थेरॉक्स, वो अमेरिकी ट्रैवल राइटर, जो दुनिया की सुदूर जगहों पर ट्रेन से पहुँचा है। हमारे मुल्क की ख़ूबसूरती देखनी हो तो ट्रेन से निकलिए। असम के पूर्वी इलाक़े की ओर निकलें, तो ये रेलवे लाइन कई ख़ूबसूरत घाटियों, आदिवासी गाँवों और जंगलों से गुज़रती है। आप गुवाहाटी से अगरतला की कोई भी ट्रेन ले लें, उसके यादगार सफ़र की गारंटी मेरी। गुवाहाटी-अगरतला की ट्रेनें आप यहाँ देख सकते हैं।

गुवाहाटी कैसे पहुँचें

हवाई मार्ग- गुवाहाटी का गोपीनाथ बोरदोलोई हवाई अड्डा सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है।

रेल मार्ग- गुवाहाटी का रेलवे स्टेशन कई शहरों से जुड़ा हुआ है और यहाँ के लिए शताब्दी जैसे ट्रेनें भी हैं।

सड़क मार्ग- गुवाहाटी आने के लिए सिक्किम और बंगाल से प्राइवेट और पब्लिक बसें मिल जाएँगी।

जाने का सबसे सही समय- अक्टूबर से जून। यहाँ का तापमान 10 से 35 डिग्री तक होता है। बस मॉनसून के जुलाई से सितम्बर तक ना जाएँ तो बेहतर होगा।

गुवाहाटी में कहाँ रुकें- रि-सन (₹700, दो लोगों के लिए), होटल लीलावती ग्रैंड (₹1,872, दो लोगों के लिए)। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें।

3. अगरतला - ढाका

त्रिपुरा से बांग्लादेश की सीमा कुल 4 किमी0 दूर है। आप चलकर या फिर रिक्शॉ से यहाँ पहुँच सकते हैं। अगरतला में बांग्लादेश के वीज़ा के लिए आवेदन कर दें। सीमा के चेक पॉइंट पर ज़रूरत की चीज़ें दिखाकर आप यहाँ से ढाका के लिए निकल सकते हैं। इस पूरे रास्ते का सबसे सुन्दर पहलू यहाँ की ख़ूबसूरती है, अगर ये ना देखी तो पूरा सफ़र बस सफ़र ही रहेगा।

कैसे पहुँचें अगरतला

हवाई मार्ग- अगरतला का महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक हवाई अड्डा सबसे नज़दीकी है।

ट्रेन मार्ग- अगरतला के लिए आपको लगभग हर बड़े शहर से ट्रेनें मिल जाएँगी।

सड़क मार्ग- बस का सफ़र करने से बहुत बेहतर है ट्रेन या फ़्लाइट क्योंकि ना तो पहुँचने की गारंटी होती है और ना ही कोई सुविधा।

जाने का सबसे सही समय- अक्टूबर से जून। यहाँ का तापमान 10 से 35 डिग्री तक होता है। बस मॉनसून के जुलाई से सितम्बर तक ना जाएँ तो बेहतर होगा।

अगरतला में कहाँ रुकें- होटल स्टार (₹650, दो लोगों के लिए), होटल जिंजर (₹2,879, दो लोगों के लिए)। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

4. डिब्रूगढ़- आलो- मेचुका

हरी हरी पहाड़ियों के बीच से अपनी तेज़ गड़गड़ाहट के साथ गुज़रती है मेचुका नदी। किसी गाँव की सी रंगत मिलती है इस छोटी सी जन्नत से। बच्चे फ़ुटबॉल खेलते हुए, महिलाएँ खेतों में काम करती हुई और उनके पुरुष चाय संग चर्चा करते हुए। आपको इस गाँव तक पहुँचने के लिए अच्छी मेहनत करनी होगी। पहले ट्रेन, फिर फेरी, फिर बस, शेयर में टाटा सूमो; तब जाकर यहाँ पहुँचोगे आप।

आप सबसे पहले डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन उतरें। वहाँ से ब्रह्मपुत्र के लिए फेरी करो, वहाँ से आलो के लिए बस चलती है और आख़िर में आती है शेयर वाली टाटा सूमो। कुछ भी कहो, यहाँ पहुँचकर सफ़र सफल ना हो जाए तो कहना।

कैसे पहुँचे डिब्रूगढ़

हवाई मार्ग- डिब्रूगढ़ का चाबुआ हवाई अड्डा भारत के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

ट्रेन मार्ग- यहाँ पर दो रेलवे स्टेशन हैं, डिब्रूगढ़ टाउन और डिब्रूगढ़। भारत के लगभग हर बड़े स्टेशन से यहाँ के लिए ट्रेन मिल जाती हैं।

सड़क मार्ग- गुवाहाटी और कोहिमा से आपको डिब्रूगढ़ के लिए बस मिल जाएँगी।

जाने का सबसे सही समय- अक्टूबर से जून। यहाँ का तापमान 10 से 35 डिग्री तक होता है। बस मॉनसून के जुलाई से सितम्बर तक ना जाएँ तो बेहतर होगा।

डिब्रूगढ़ में कहाँ रुकें- भास्कर होमस्टे (₹1,000, दो लोगों के लिए), होटल नटराज (₹2,300, दो लोगों के लिए)। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

5. गुवाहाटी - जिरिबम

भारत के किसी भी रिमोट इलाक़े में ट्रेन का सफ़र और सुहाना हो जाता है। आदिवासी लोग अपने पारम्परिक परिधानों में देखने मिल जाते हैं, अपने सिर पर ख़ूब सारी फ़सल, साथ में अपने मवेशियों को लिए हुए। ये धन पैसों से नहीं मिलता, लेकिन ये अनुभव सोने से कम नहीं। ऐसा ही एक सफ़र है गुवाहाटी से जिरिबम का। कोई भी ट्रेन पकड़ लें और बदरपुर उतर जाएँ। अरुणाचल जंक्शन पर उतरकर जिरिबम के लिए दूसरी कोई ट्रेन कर लें। इस सफ़र में बड़े जंगल हैं, ऊँची चोटियाँ हैं, ढेरों दर्शनीय स्थल हैं, और बड़ी संख्या में आदिवासी लोग। आप ये सफ़र भूलने नहीं वाले, सच में।

जिरिबम कैसे पहुँचें

हवाई मार्ग- इम्फ़ाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (300 किमी0) सबसे नज़दीकी है।

रेल मार्ग- जिरिबम पहुँचने के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। इसके लिए आपको अरुणाचल जंक्शन, बदरपुर जंक्शन या फिर धर्मनगर पहुँचना होगा जहाँ के लिए आपको अगरतला, गुवाहाटी या दिल्ली से ट्रेन मिल जाएँगी।

सड़क मार्ग- बस की सलाह इसलिए नहीं दूँगा क्योंकि उसका कोई अता-पता नहीं। इसलिए हवाई और ट्रेन यात्रा पर ही भरोसा करें।

जाने का सबसे सही समय- अक्टूबर से जून। यहाँ का तापमान 10 से 35 डिग्री तक होता है। बस मॉनसून के जुलाई से सितम्बर तक ना जाएँ तो बेहतर होगा।

6. गुवाहाटी - भैराबी

गुवाहाटी से भैरबी के लिए लगभग वही रूट है जो गुवाहाटी से जिरिबम तक है। बस जिरिबम के लिए आप बदरपुर पर उतर जाते हो। बदरपुर से आगे ही दूसरे रूट पर मीज़ो पड़ता है। मीज़ो की रंगीन संस्कृति, नए नए देसी पकवान, कैथलिक चर्च, पारम्परिक मीज़ो गाँव, ख़ूबसूरत जल निकाय और चाय के बड़े बड़े बागान इस पूरे रास्ते को अनूठा अनुभव बना देते हैं। इस रेलवे लाइन का आख़िरी स्टेशन भैरबी है। यहाँ से आप टैक्सी लेकर आइज़ॉल निकल सकते हैं, जो कि दर्शनीय स्थल भी है और मिज़ोरम की राजधानी भी।

कैसे पहुँचें

हवाई मार्ग- अगरतला का हवाई अड्डा 280 किमी0 दूर है और सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ भी।

ट्रेन मार्ग- भैरबी पहुँचने के लिए आपको लोकल ट्रेन का सहारा ज़रूरी होगा। अरुणाचल जंक्शन और बदरपुर जंक्शन तक के लिए आपको अगरतला, गुवाहाटी या दिल्ली से ट्रेन मिल जाएँगी।

सड़क मार्ग- झूठी तसल्ली मैं देता नहीं। सच बोलूँगा, बस सर्विस पर भरोसा ना करें। ट्रेन या फ़्लाइट से ही सफ़र करें।

जाने का सबसे सही समय- अक्टूबर से जून। यहाँ का तापमान 10 से 35 डिग्री तक होता है। बस मॉनसून के जुलाई से सितम्बर तक न जाएँ तो बेहतर होगा।

उम्मीद है आपने भी कभी पूर्वोत्तर की ट्रिप के सपने ज़रूर देखे होंगे। अगर घूमने गए भी हैं तो अपना क़िस्सा हमारे साथ साझा करें।

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