
लखनऊ
अगर आप कहीं पर्यटन स्थानों पर जाने का प्लान बना रहे हैं। तो ये रहे लखनऊ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटक स्थान जहां आप इन स्थलों पर जाकर अपने मन को आनन्दित कर सकते हैं। इसलिए आप इन पर्यटन स्थलों को EGNORE न करके एक बार अवश्य जाएं और अपने मन को भरपूर आनन्दित करें।

बड़ा इमामबाड़ा*
इमामबाड़े का निर्माण नवाब आसिफउद्दौला ने 1784 में कराया था और इसके संकल्पनाकार 'किफायतउल्ला' थे, जो ताजमहल के वास्तुकार के संबंधी कह जाते हैं। इमामबाड़े का केन्द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है। स्तंभहीन इस कक्ष की छत 15 मीटर से अधिक ऊंची है। बड़ा इमामबाड़ा एक रोचक भवन है। यह न तो मस्जिद है और न ही मक़बरा, किन्तु इस विशाल भवन में कई मनोरंजक तत्व अंदर निर्मित हैं। कक्षों का निर्माण और वॉल्ट के उपयोग में सशक्त इस्लामी प्रभाव दिखाई देता है। इस भवन में तीन विशाल कक्ष हैं, इसकी दीवारों के बीच छुपे हुए लम्बे गलियारे हैं, जो लगभग 20 फीट मोटी हैं। यह घनी, गहरी रचना भूलभुलैया कहलाती है और इसमें केवल तभी जाना चाहिए जब आपका दिल मज़बूत हो।


छोटा इमामबाड़ा*
छोटा इमामबाड़ा को हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है। छोटा इमामबाड़ा का निर्माण 'मोहम्मद अली शाह' ने करवाया था। छोटे इमामबाड़े की मुख्य चोटी पर एक सुनहरा और बड़ा गुम्बद है।

*रूमी दरवाज़े*
की इमारत 60 फीट ऊंची है। अवध वास्तुकला के प्रतीक इस दरवाज़े को तुर्किश गेटवे कहा जाता है। रूमी दरवाज़ा कांस्टेनटिनोपल के दरवाजों के समान दिखाई देता है। रेसीडेन्सी

घंटाघर
लखनऊ रेसिडेंसी वर्तमान में एक राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक है। रेसिडेंसी अवध प्रांत की राजधानी लखनऊ में रह रहे, ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधिकारियों का निवास स्थान हुआ करता थी। रेजीडेन्सी के खंडहर हमें लखनऊ में 1857 के महान् विद्रोह की याद दिलाते हैं। वे यथास्थिति में परिरक्षित है जिसमें वे 1920 में केन्द्रीय संरक्षण में आए।


चारबाग
रेलवे स्टेशन चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। चारबाग में स्थित होने के कारण इसका नाम चारबाग़ स्टेशन हैं। चारबाग रेलवे स्टेशन 1914 में बनकर तैयार हुआ था। इसकी स्थापत्य कला में राजस्थानी भवन निर्माण शैली की झलक मिलती है।

पिक्चर गैलरी*
यहाँ लखनऊ के लगभग सभी नवाबों की तस्वीरें देखी जा सकती हैं। यह गैलरी लखनऊ के उस अतीत की याद दिलाती है जब यहाँ नवाबों का डंका बजता था।


डॉक्टर अंबेडकर पार्क
एक सार्वजनिक पार्क है | लखनऊ की गोमती नगर में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर भी उतर सकते हैं वहां से इसकी दूरी 4.9 किलोमीटर है। यह स्मारक बीआर अंबेडकर को समर्पित है "जो भारतीय संविधान के पिता है।"


Lulu Mall
11 एकड़ में 2 हजार करोड़ रुपये से बना है Lulu Mall सिटी सेंटर और एयरपोर्ट से Lulu Mall जाने में करीब 20 मिनट का वक्त लगता है। सुशांत गोल्ड सिटी में यह मॉल 1,85,800 स्क्वायर मीटर में बना यह लखनऊ का सबसे बड़ा मॉल है। 11 एकड़ में करीब 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना यह मॉल भारत के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल्स में से एक है।

Gomti Riverfront Park
हरियाली से भरपूर उत्कृष्ट बनावट सामने बहती गोमती नदी और लखनऊ के स्वाद को समेटे एक नवनिर्मित पार्क है यह एक ऐसा आकर्षण का केंद्र है जहाँ आप गोमती नदी को बिलकुल समीप से निहार सकते हो तो आइये गोमती रिवर फ्रंट पार्क और भी विस्तृत से जानते है |


।लखनऊ अपनी संस्कृति, खान-पान और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। इसे नवाबों का शहर कहा जाता है। अब इस शहर के साथ Phoenix Palassio का नाम भी जुड़ गया है। महलनुमा बना यह खूबसूरत मॉल 10 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है और लखनऊवासियों को काफी पहले से ही आकर्षित कर रहा है। इस शॉपिंग मॉल में अब तक की सबसे भव्य वास्तुकला को कैनवास पर उतारा गया है। खास बात यह है कि यहां आपकी फैशन से लेकर ज्वैलरी और एंटरटेनमेंट हर तरह की ख्वाहिशें पूरी हो जाएगी। अगर आप अभी तक Phoenix Palassio मॉल नहीं गये तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए, क्योंकि यहां शॉपिंग के लिए 300 से ज्यादा ब्रांड्स मिल जाएंगे।


नवाबों के युग में इस शहर में उम्दा तहज़ीब व तमीज़ के साथ - साथ मुंह में पानी ला देने वाले पकवानों व व्यंजनों को भी बढ़ावा दिया गया। उस अवधि में साहित्य, संगीत, नृत्य और कला व शिल्प भी चरम पर था। वास्तव में, लखनऊ वह शहर है जहां कई वाद्य यंत्र जैसे - सितार, टेबल और नृत्य जैसे - कत्थक आदि का जन्म हुआ है। समय के साथ, लखनऊ पर मुगल शासकों के बाद अंग्रेजों का बोलबाला हो गया, और आप यहां आकर यहां की इमारतों और स्मारकों में शाही शासन की झलक भी आसानी से देख सकते हैं।