
उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा नदी पर बने करीब 89 साल पुराने लक्ष्मण झूला पुल को बंद कर दिया गया है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया गया है. आइए आपको इस पुल से जुड़ी कुछ खास और बेहद दिलचस्प जानकारियों से रू-ब-रू करवाते हैं. ने लक्ष्मण झूला की रेट्रोफिटिंग कर उसे संरक्षित कर धरोहर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। झूले के एक ओर के झुके पिलर को आधुनिक तकनीक से दोबारा आवाजाही का वजन सहने लायक बनाया जाएगा।
इसके लिए ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी ने अपने विशेषज्ञों की मदद देने के लिए सोमवार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के साथ मिलकर संरक्षण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह भी संभावना तलाशी जा रही है कि पुल को संरक्षित कर केवल पर्यटन और तीर्थाटन के लिहाज से खोला जाए।
ऋषिकेश में ब्रिटिश काल में बने लक्ष्मण झूल पुल को सरकार सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने पुल को आवाजाही के लिए उपयुक्त नहीं पाया था, जिसके बाद पुल को सामान्य आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है।⛰️
मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्मण झूला उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर है। पिछले 90 सालों से यह देश व दुनिया के पर्यटकों व श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला को संरक्षित करने के लिए यथा संभव प्रयास किए जाएंगे। 🏞️



