Dilwara temple, Mount abu rajasthan

Tripoto
21st Nov 2019
Day 1

दिलवाड़ा मंदिर भारत  के सबसे बेहतरीन और वास्तुशिल्प रूप से प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक है।
इस मंदिर में  हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। इसकी खूबसुरत वास्तुकला इसका प्रमुख आकर्षण है।
संगमरमर के पत्थर परसभी को मोहक कर देने वाली  नक्काशी और इस मंदिर के हर पहलू में श्रमिकों की उच्च गुणवत्ता वाली शिल्पकारी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, जो इसे वास्तव में अद्वितीय और विशिष्ट बनाती है। इसका भव्य प्रवेश द्वार वास्तव में आश्चर्यजनक और शानदार है।

यहां आने वाले लोग यहां की शांति की भावना का आनंद लेते हैं इस मंदिर  में पांच जैन तीर्थंकरों को समर्पित पांच खंड हैं। ये खंड भगवान महावीर स्वामी, श्री आदिनाथजी, श्री पार्श्वनाथजी, श्री ऋषभदेवजी और श्री नेमिनाथजी को समर्पित हैं। यह सबसे पुराना मंदिर माना जाता है।
इस मंदिर का निर्माण 11 वीं से 13 वीं शताब्दी के बीच किया गया था। संगमरमर के खंभों और छत पर की गई जटिल पत्थर की नक्काशी वास्तव में विस्मयकारी है। यह मंदिर हिंदू और जैन पुरानी  कथाओं से बहुत अधिक छवियों को प्रदर्शित करता है।
पंखुड़ियों, कमल की कलियों, और छत और खंभों पर उकेरे गए फूलों का मिश्रण मंदिर को एक विशिष्ट स्वरूप प्रदान करता है। नक्काशीदार गलियारे, आंगन, मेहराब और पोर्टिकोस मंदिर की अन्य विशिष्ट विशेषताएं हैं।

Photo of Dilwara temple, Mount abu rajasthan by Ankita Sharma