My first dehli toor

Tripoto
17th Jul 2025
Day 1

दिल्ली, भारत की राजधानी, एक ऐसा शहर है जो इतिहास, संस्कृति, और आधुनिकता का अनूठा संगम है। हाल ही में मैंने दिल्ली की सैर की, और यह अनुभव मेरे लिए बेहद खास रहा। इस लेख में, मैं अपने दिल्ली ट्रैवल टूर के कुछ रोमांचक पलों को साझा कर रहा हूँ, जो शायद आपको भी इस शहर की सैर के लिए प्रेरित करे।

दिन 1: पुरानी दिल्ली का जादू

मेरा दिल्ली का सफर पुरानी दिल्ली से शुरू हुआ। मैंने चाँदनी चौक की तंग गलियों में कदम रखा, जहाँ हर कोने से इतिहास की खुशबू आती है। यहाँ की भीड़, दुकानों की रौनक, और खाने की महक ने मुझे तुरंत अपनी ओर खींच लिया।

जामा मस्जिद

सबसे पहले मैं जामा मस्जिद पहुँचा। इसकी भव्यता और शांति ने मुझे अभिभूत कर दिया। मस्जिद के ऊँचे मीनारों से पुरानी दिल्ली का नजारा देखना एक अलग ही अनुभव था। मैंने यहाँ कुछ समय शांति से बिताया और फोटोग्राफी का भी आनंद लिया।

लाल किला

जामा मस्जिद के बाद, मैं लाल किले की ओर बढ़ा। मुगलकालीन वास्तुकला का यह नमूना देखकर मैं दंग रह गया। दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास की भव्यता ने मुझे उस दौर में ले जाकर खड़ा कर दिया। यहाँ के संग्रहालय में पुराने हथियारों और शाही वस्तुओं को देखना भी रोचक रहा।

चाँदनी चौक का स्वाद

दिन के अंत में, मैंने चाँदनी चौक के प्रसिद्ध पराठे वाली गली में खाने का लुत्फ उठाया। आलू, गोभी, और पनीर के पराठों के साथ दही और अचार ने मेरे दिन को और खास बना दिया। इसके बाद, मैंने नटखट समोसे और जलेबी का स्वाद भी चखा।

दिन 2: नई दिल्ली की आधुनिकता

दूसरे दिन मैंने नई दिल्ली की सैर की, जहाँ आधुनिकता और इतिहास का मेल देखने को मिला।

इंडिया गेट

सुबह की शुरुआत मैंने इंडिया गेट से की। यह स्मारक न केवल ऐतिहासिक है,, बल्कि यहाँ का माहौल भी बहुत जीवंत था। आसपास के हरे-भरे लॉन में टहलना और सूरज की किरणों में इंडिया गेट की तस्वीरें लेना मेरे लिए यादगार रहा।

हुमायूँ का मकबरा

इसके बाद, मैं हुमायूँ के मकबरे गया। इसकी वास्तुकला ताजमहल से मिलती-जुलती है, और यहाँ का शांत वातावरण मुझे बहुत पसंद आया। बगीचों में टहलते हुए मैंने यहाँ की खूबसूरती को करीब से महसूस किया।

कनॉट प्लेस

दिन के अंत में, मैं कनॉट प्लेस पहुँचा, जो दिल्ली का एक प्रमुख व्यावसायिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यहाँ की दुकानों, रेस्तरां, और कैफे ने मुझे शहर की आधुनिक जीवनशैली का अहसास कराया। मैंने एक स्थानीय कैफे में कॉफी पी और कुछ शॉपिंग भी की।

दिन 3: दिल्ली की संस्कृति और कला

तीसरे दिन मैंने दिल्ली की सांस्कृतिक और कला से जुड़ी जगहों को देखा।

नेशनल म्यूजियम

मैंने नेशनल म्यूजियम का दौरा किया, जहाँ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को करीब से देखने का मौका मिला। हड़प्पा सभ्यता के अवशेष, मुगल चित्रकला, और बौद्ध कला के नमूने देखकर मैं मंत्रमुग्ध हो गया।

लोटस टेम्पल

इसके बाद, मैं लोटस टेम्पल गया। इसकी अनूठी कमल के आकार की संरचना और शांत वातावरण ने मुझे बहुत प्रभावित किया। यहाँ ध्यान करने का अनुभव मेरे लिए बहुत सुकून भरा था।

हौज खास विलेज

दिन के अंत में, मैं हौज खास विलेज गया, जो दिल्ली की युवा और रचनात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यहाँ के कैफे, आर्ट गैलरी, और लाइव म्यूजिक ने मेरे ट्रिप को एक मजेदार मोड़ दिया। मैंने यहाँ एक स्थानीय बैंड का प्रदर्शन देखा और कुछ स्वादिष्ट कॉन्टिनेंटल खाना खाया।

दिल्ली के बाजार और खरीदारी

दिल्ली की सैर बिना खरीदारी के अधूरी है। मैंने सरोजिनी नगर और लाजपत नगर के बाजारों में समय बिताया। यहाँ सस्ते और स्टाइलिश कपड़े, ज्वेलरी, और हस्तशिल्प की वस्तुएँ खरीदना मेरे लिए मजेदार रहा। मैंने कुछ स्मृति चिन्ह भी खरीदे, जो मुझे इस यात्रा की याद दिलाएँगे।

दिल्ली का खाना

दिल्ली का खाना इस यात्रा का एक और आकर्षण था। चाँदनी चौक के पराठों से लेकर ढाबों की बटर चिकन और नई दिल्ली के कैफे में मिलने वाली पास्ता और पिज्जा तक, मैंने हर तरह के स्वाद का आनंद लिया। दिल्ली की स्ट्रीट फूड जैसे गोलगप्पे, चाट, और कबाब ने मेरे दिल को जीत लिया।

निष्कर्ष

मेरी दिल्ली की यह यात्रा इतिहास, संस्कृति, और आधुनिकता का एक शानदार मिश्रण थी। यह शहर हर यात्री के लिए कुछ न कुछ खास लेकर आता है। चाहे आप इतिहास के शौकीन हों, खाने के दीवाने हों, या बस एक नई जगह को एक्सप्लोर करना चाहते हों, दिल्ली आपको निराश नहीं करेगी। मैं इस शहर की जीवंतता और विविधता को फिर से अनुभव करने के लिए जल्द ही वापस आना चाहूँगा।

अगर आप भी दिल्ली की सैर का प्लान बना रहे हैं, तो मेरी सलाह है कि पुरानी और नई दिल्ली दोनों को एक्सप्लोर करें, स्थानीय खाने का आनंद लें, और इस शहर की कहानियों को अपने दिल में बसाएँ।

Further Reads