वो 7 अनोखे अनुभव जो आपको सिर्फ पहाड़ों में मिलेंगे और कहीं नहीं!

Tripoto

पहाड़ों पर जाना किसे नहीं पसंद? जब भी आँखें बंद कर कहीं घूमने का खयाल आता है तो हरियाली से लदे पहाड़ों का नज़ारे सबसे पहले आँखों के आगे झूमने लगते हैं। और अब जब पहाड़ तो क्या, घर से बाहर भी नहीं निकल सकते, तो उन ऊँचे पहाड़ों की तस्वीरें जैसे काटने को आ रही हैं। लेकिन इसी खाली वक्त में बैठे मुझे एहसास हुआ कि इन पहाड़ों ने ना जाने कितने अनमोल और यादगार अनुभव हमारी ज़िंदगी की पोटली में बाँध दिए और हमने शायद मुड़कर कभी शुक्रिया भी अदा नहीं किया!

तो चलिए आज उन्हीं अनुभवों को गिन लेते हैं जो सिर्फ और सिर्फ इन विशाल और उदार पहाड़ों की यात्रा पर मिलते हैं।

1. पहाड़ों पर पहुँचने से पहले ही रोमांच शुरू हो जाता है

पहाड़ी की खूबसूरती तो मन लुभाती ही है, लेकिन उससे पहले जलेबी से घुमावदार रास्ते और तीखे मोड़ आपके पहाड़ी सफर को रोमांच से भर देते हैं। जहाँ एक तरफ ऊँचे, हरे पहाड़ आपकी राह ताक रहे होते हैं तो दूसरी तरफ गहरी खाई धड़कनों को कुछ तेज़ कर देती है।

2. आज मैं ऊपर, आसमां नीचे!

ये गाना पहाड़ों में आकर सच होता देखा है मैंने। तीखे मोड़ों से ऊपर चढ़ते हुए जब आप मंज़िल तक पहुँचते हैं तो सफेद रुई से बादल आपको बाय-बाय करते नज़र आते हैं और आप उनसे नज़रे मिलाते हुए, हैरत और खुशी लिए आगे बढ़ जाते हैं।

और तो और यहाँ मौसम का मिजाज़ घर के सबसे छोटे बच्चे की तरह ही पल- पल में बदलता है। एक पल को सूरज आपके चेहरे को सेक दे रहा होता है तो दूसरे ही पल ठंडी हवाएँ आपको अपने आगोश में ले लेती है। कुदरत का ये जादू तो सिर्फ पहाड़ों पर ही होताा है।

3. आसामान से छलकते सफेद मोती!

अगर आपने पहाड़ों पर स्नोफॉल का मज़ा नहीं लिया है तो सच मानिए, आपने अपनी ज़िंदगी का सबसे मज़ेदार अनुभव अब तक नहीं लिया है। आप सामने खड़े हरे पहाड़ों पर नज़र बनाए हुए हैं कि अचानक ही एक मखमल सा कोमल, बर्फ का टुकड़ा आपके गाल पर आकर गिरता है। देखते ही देखते हरे पहाड़ों का नज़ारा एक सफेद चादर ओड़ लेता है और माहौल में एक ऐसी ठंडी लहर छा जाती है तो आपके शरीर को शीतल कर रही होती है आपके दिल को गर्मजोशी से गले लगा लेती है। आप ही बताइए, ये अनुभव कहीं और मिलेगा क्या?

4. इससे सुंदर सूर्योदय का नज़ारा और कहीं नहीं!

गहरे नीले आसमान और पहाड़ों की आड़ से सूरज धीरे-धीरे घूंघट उठाता है और पूरी घाटी पहले लाल, फिर नारंगी रंग में डूब जाती है और आखिर में पीली धूप में खिलखिला उठती है, कुछ ऐसा होता है पहाड़ों में सूर्योदय। एक बार आपने अपनी नींद और आलस को दांव पर लगाकर ये नज़ारा देख लिया तो इसे ज़िंदगी भ र नहीं भूलेंगे। और शाम को हाथ में चाय लिए सूरज को फिर से पहाड़ों के आंचल में छिपते देखना भी इतना ही अद्भुत है!

5. सादगी में खुशी ढँढना तो पहाड़ियों का टैलेंट है

सरलता और सादेपन की खुशबू तो पहाड़ों के हर कोने में बसती है। यहाँ के लोगों का जीने का तरीका सिर्फ मुसाफिरों के लिए ही नहीं, बल्कि हर किसी के लिए एक प्ररेणा है। सरल मगर स्वादिष्ट खाना, सिंपल मगर सुंदर घर और ईमानदारी और गर्मजोशी से भरे लोग, छोटी-छोटी चीज़ों को कैसे खुशियों से भरना ये कला तो सिर्फ एक पहाड़ी ही आपको सिखा सकता है।

6. टॉय ट्रेन का मज़ा कहीं है, तो बस पहाड़ों में

चाहे वो शिमला-कालका टॉय ट्रेन हो या दार्जिलिंग- हिमालय रेलवे, इनकी यात्रा करके एक बात तो साफ है, कि टॉयट्रेन का असली मज़ा तो सिर्फ पहाड़ों में ही है, और कहीं नहीं। कभी गुफाओं से गुज़रती, कभी पहाड़ों को छूती तो कभी कई फीट नीचे दौड़ती नदी के ऊपर से दिल की धड़कने रोकती, ये सारे अनुभव एक ही राइड में भला और कहाँ मिलेंगे?

7. शहर का शोर यहाँ नहीं पहुँचता!

हम शहर वालों को पहाड़ों की सबसे खास बात शायद यही लगती है, कि यहाँ आते ही वो कार के हॉर्न, वो बॉस की किट-किट, वो प्रदूषण से भरी हवा और वो ढेर सारी बिना-बात की टेंशन पल में गायब हो जाती है, कुछ रहता है तो वो है चहचहाते पक्षियों की सुरीली आवाज़ और पेड़ों से सरसराती हुई ठंडी हवा का संगीत।

और शाम ढलते ही यहाँ पर आसमान आपके के लिए चमचमाते मोतियों से जड़ा दुपट्टा ओढ़ लेता है। यहाँ सैंकड़ों तारों को आसमान में टिमटाते हुए देखने के लिए आपको किसी टेलिस्कोप की ज़रूरत नहीं, बस नज़रें उठाने की देर है!

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