SINGAPORE RETURNS: A trip to Remember

Tripoto
Photo of SINGAPORE RETURNS: A trip to Remember by Shalu Awasthi

Travelling” – it leaves you speechless, then turns you into a storyteller, ये बात किसी ने सच ही कही है। हम यात्रा करते हैं फिर लोगों को इसके बारे में बताते हैं। बीते साल मैं सिंगापुर गई, ये मेरी पहली इंटरनेशनल ट्रिप थी, इसलिए ये मेरे लिए बहुत खास है। आगे पढ़िए कैसे पहुंचे वहां, क्या दिक्कतें आईं।

क्यों है खास

सिंगापुर यात्रा मेरे लिए हमेशा ख़ास रहेगी क्योंकि ये मेरी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा थी। किसी भी दूसरे देश जाने के लिए सबसे पहले जो ज़रूरी होता है वो है VISA। ना ना उससे भी पहले ज़रूरी होता है ये फ़ैसला लेना कि हमें जाना कहाँ है? कई दिनों तक रिसर्च की, बजट के बारे में सोचा फिर उसमें सिंगापुर बेस्ट लगा। इसके बाद वहाँ घूमने की जगहें देखीं, खाने-पीने और शॉपिंग के डेस्टिनेशन देखें ताकि वहाँ पहुँचने पर समय की बचत हो और हुबहू हुआ भी वही। वैसे तो सारी जानकारियाँ आज कल एक क्लिक से गूगल बाबा दे ही देते हैं और बची कुची कसर यूट्यूब के इंफ्ल्युएंसर्स पूरी कर देते हैं। लेकिन फिर भी ख़ुद का अनुभव बताना अगले के लिए चीज़ें आसान कर देता है। पढ़िए क्या करें, क्या न करें...

A𝐯o𝐢d a𝐠e𝐧c𝐲 𝐁o𝐨k𝐢n𝐠

बंधकर रहने की आदत तो कभी रही ही नहीं...इसीलिए मैंने किसी एजेंसी से कोई पैकेज नहीं लिया था। सारी चीजें खुद अलग-अलग बुक कराई। फ्लाइट से लेकर होटल और वहां घूमने वाली चीजों के लिए पता किया और बुक किया। पैकेज में आप बंध जाते हैं और किसी और के मुताबिक घूमना और चलना पड़ता है। पहले से निर्धारित हुई चीजों में मजा नहीं आता। इसके बाद करेंसी भी यहीं से बदलवाकर ले गई थी। नोएडा सेक्टर 18 में थॉमस कुक से करेंसी बदलवाई, बैंक स्टेटमेंट और आधार कार्ड देना होता है फिर लगे हाथ आपको करेंसी मिल जाएगी।

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तो चलिए सबसे पहले बताती हूँ, वीज़ा की प्रक्रिया। सिंगापुर जाने के लिए वीज़ा अप्लाई करने के लिए सबसे बेस्ट एजेंसी Jetsave India Tours Pvt.Ltd. है जो ईस्ट पटेल नगर में है। सिंगापुर के लिए ये ऑथराइज़्ड एजेंसी है जिसके बारे में आपको सिंगापुर एम्बेसी की वेबसाइट में भी पता चल जाएगा, www.jetsavetours. com पर जाकर पता कर सकते हैं। सिर्फ़ 2500 रुपए में अपने डॉक्युमेंट्स (पासपोर्ट, फ्लाइट टिकट्स, वहाँ रुकने यानी होटल बुकिंग की डिटेल्स, पिछले 6 महीने का बैंक अकाउंट स्टेटमेंट) जमा करना होगा। क्योंकि अभी मैं unmarried हूँ, तो इसमें डैडी के भी डॉक्युमेंट्स और NOC लगनी थी। ये सब जमा किए और दो दिन में वीज़ा आ गया।

… तो अब वीज़ा आ चुका था। मन में जो संशय था वो ख़त्म हो चुका था, अब ये surety मिल चुकी थी कि अब तो जाना ही जाना है। वीज़ा कलेक्ट करने गए और फिर आते ही पैकिंग शुरू क्योंकि एक दिन छोड़कर ही रात की फ्लाइट थी। एयर इंडिया में खाने की बुकिंग हो रखी थी तो साढ़े पाँच घंटे की कोई टेंशन नहीं थी।

जाने से पहले ही कर ली थी बुकिंग

समय कम था, सिंगापुर में सिर्फ़ तीन दिन रुकना था तो पहले से योजना ये थी कि सभी घूमने वाली जगहों की बुकिंग यहीं से करके चलेंगे। इससे समय की भी बचत होगी और वहाँ घूमने के लिए समय भी ज़्यादा मिलेगा। मेरा सुझाव यही है कि आप भी अगर सिंगापुर जा रहे हैं तो कुछ जगहों की बुकिंग ऑनलाइन ही करें। वहाँ भीड़ बहुत रहती है, टिकट के लिए लंबी क़तारों में लगना पड़ता है। Klook ट्रैवल प्लान के लिए एक अच्छा माध्यम है। यहाँ से आप होटल बुकिंग से लेकर सिम कार्ड और फेमस डेस्टिनेशंस के ऐक्टिविटी की बुकिंग घर बैठे कर सकते हैं। सिंगापुर छोटा शहर है, वहाँ घूमने के लिए कुछ ही स्पॉट्स हैं। हमने Cloud forest, Flower dome, Universal studio, Jewel Changi airport attraction, Marina bay sands की बुकिंग पहले से कर ली थी ताकि वहाँ टिकट दिखाना हो और एंट्री मिल जाए। इनकी बुकिंग में 30-35000 का खर्च आया था।

प्लेन में साढ़े पाँच घंटे का सफ़र

अब तक की ज़िंदगी में प्लेन में इतने ज़्यादा घंटे के लिए पहली बार बैठे थे वरना मुंबई से लखनऊ ही आना जाना होता था जिसमें ढाई घंटे लगते थे। एयर इंडिया की फ्लाइट थी, रास्ते में वेज मील में दाल मखनी चावल के साथ कुछ डेजर्ट थे। खाया पिया और समय काटने के लिए सो गए। उठे तो देखा मोबाइल में समय बदल चुका था, सिंगापुर की टाइमिंग आ चुकी थी, बाहर के नज़ारे में समंदर था और उसमें तैरती छोटी छोटी नाव। लैंड होते ही वहाँ के नीले आकाश ने एकदम से बाहों में जकड़ लिया। सामान कलेक्ट किया और फिर सबसे पहले इमीग्रेशन। इसके लिए वहाँ एक बोर्ड है , जिसे स्कैन करके आप ऑनलाइन पासपोर्ट डीटेल्स और आइडेंटिटी प्रूफ की जानकारी देकर अपना इमीग्रेशन पूरा कर सकते हैं। सिंगापुर का चंगी एयरपोर्ट अपने आप में ही एक टूरिस्ट स्पॉट है। पूरा एयरपोर्ट घूमा, वहाँ फ़ोटोज़ ली। एयरपोर्ट से ही मेट्रो कार्ड भी ले लिया था। अब बज चुके थे वहाँ के 9. होटल में चेक इन दोपहर 2 बजे से था। हमने कैब की और पहुँच गए होटल ऑक्सफ़ोर्ड। ये क्वींस स्ट्रीट पर था। होटल किसी भी नार्मल एप से कर सकते हैं, ज़्यादातर समय सिर्फ़ घूमना ही था तो होटल पर ज़्यादा खर्च नहीं किया था, उस होटल में सिर्फ़ स्टे किया जा सकता है, ऑर्डर पर चाय तक भी नहीं मिलती। ख़ास बात ये थी कि ये शहर के बीचोंबीच था और walking distance पर मेट्रो स्टेशन।

कैब के लिए GRAB APP है, जिससे आप आसानी से कैब बुक कर सकते हैं। रास्ते का नज़ारा ऐसा था कि बस मन हो रहा था चलते ही जाओ, मंज़िल आए ही ना। दोनों तरफ़ पेड़, नीला आसमान, साफ़ सड़कें, रंग बिरंगी लक्ज़री गाड़ियाँ। ना हॉर्न की आवाज़ ना और किसी चीज़ का शोर। खैर होटल पहुँचे, समान रखा और फिर निकल गये लिटिल इंडिया। लिटिल इंडिया अपने आप में एक शहर है।

क्या है लिटिल इंडिया

…होटल में सामान रखकर सीधे “लिटिल इंडिया” के लिए निकले। सिंगापुर के लिए निकलने से पहले ही थोड़ी बहुत रिसर्च में ये पता लग गया था कि इंडियन खाना तो सिर्फ़ लिटिल इंडिया में ही मिलेगा। मेरे होटल से सिर्फ़ दस कदम पर ही मेट्रो स्टेशन से था। वीकेंड था, ज़्यादा भीड़ नहीं थी। वहाँ मेट्रो में इंगलिश के अलावा तमिल में अनाउंसमेंट होती है। 20 मिनट में लिटिल इंडिया पहुँच गए थे। दिवाली की साज सजावट इतनी जितनी भारत में भी उस वक़्त नहीं शुरू हुई थी। सब अपने जैसे लोग दिख रहे थे, जाने पहचाने से। लिटिल इंडिया में कई सारे रेस्तराँ हैं, जो भारतीय खाना सर्व करते हैं। मैं “कोमल विलास” गई थी, जहां बाहर से ही लंबी लाइन थी। लगभग दस मिनट इंतज़ार करने के बाद मेरा नंबर आया और ऊपर वाले फ्लोर पर सीट पकड़ ली। वहाँ तमिल ज़्यादा आते है, लिहाज़ा वहाँ का साउथ इंडियन ही फेमस था। मैंने डोसा ऑर्डर किया, भर पेट खाया क्योंकि पता था अब ऐसा खाना और कहीं मिलने वाला नहीं है।

लिटिल इंडिया में ज़्यादातर तमिल रहते हैं। वहाँ के दफ़्तरों में भी ज़्यादातर भारतीय ही काम करते हैं। वहाँ लाइन से कई सारे भारतीय रेस्टोरेंट हैं, आप एक एक करके ट्राय कर सकते हैं। लिटिल इंडिया क्या है, इसकी अहमियत क्या है ये आप वहाँ जाकर ही जान पाएँगे। एक दिन लगभग 2-3 घंटे सिर्फ़ इण्डियन रेस्तराँ और शाकाहारी खाना ढूँढने में ही बर्बाद हो गए लेकिन कहीं भी नहीं मिला। यहाँ तक कि वहाँ के मैकडॉनल्ड में भी फ़्राइज़ के अलावा कुछ भी शाकाहारी नहीं था, बर्गर में भी सिर्फ़ चिकन मटन के ही ऑप्शन थे। होटल के पास ही एक मॉल है, जहां लाइन से कई सारी छोटी छोटी दुकानें थी जहां खाने पीने की चीज़ें थी। 12-15 दुकानों में पूछा लेकिन कहीं भी शाकाहारी कुछ नहीं था। आगे जाने पर पता चला कि एक रेस्टोरेंट हैं जहां वेज मिलता है, जिसे महिला चलाती है। वहाँ एक चाय और नूडल ऑर्डर किया। चाय तो किसी तरह पी ली लेकिन नूडल खाते ही उसमें से ऐसी महक आई कि उल्टी ही हो गई। उसमें सी फ़ूड जैसी महक आई और दिखने में भी कुछ ठीक नहीं लगा । थक हार के वापस लिटिल इंडिया ही जाना पड़ा। इस बार शकुंतला रेस्टोरेंट गए, जहां की लज़ीज़ बिरयानी खाई।

तो यदि आप शाकाहारी हैं और सिंगापुर जा रहे हैं तो ये समझ लीजिए कि खाना सिर्फ़ लिटिल इंडिया में ही मिलेगा। बाक़ी फ्रूट्स से काम चला सकते हैं लेकिन अगर आप सोच रहे हैं किसी भी रेस्टोरेंट में जाएँगे और वो शाकाहारी खाना सर्व करने का दावा करेगा तो ग़लत है, उसी कढ़ाई में मास बनाते हैं और उसी में आपको चावल या नूडल फ्राई करके दे देंगे, तो खाने के लिए सिर्फ़ लिटिल इंडिया ही जाएँ।

दुनिया का सबसे ऊंचा इंडोर वॉटरफॉल

सिंगापुर में कई सारी घूमने की जगहें हैं, जो किसी पैराडाइज से कम नहीं है। दिल्ली से निकलने से पहले ही हमने वहां की फेमस जगहों के बारे में रिसर्च कर ली थी, ताकि वहां समय की बचत हो। इसके बाद klook.com साइट से ही सबकी टिकट्स बुक कर ली, इससे वहां लंबी लाइन में लगने से बच गए। कई बार टिकट्स बिक भी जाती हैं, तो संभावना है कि मौके पर पहुंचने पर आपको निराश होना पड़े। तो हमने सिंगापुर में Gardens By The Bay -Flower Dome, Cloud Forest, यूनिवर्सल स्टूडियोज, स्पेक्ट्रा देखा, इसके अलावा आखिर में हम ज्वेल चंगी गए।

𝑮𝙖𝒓𝙙𝒆𝙣𝒔 𝑩𝙮 𝙏𝒉𝙚 𝘽𝒂𝙮 -𝑭𝙡𝒐𝙬𝒆𝙧 𝘿𝒐𝙢𝒆, 𝘾𝒍𝙤𝒖𝙙 𝙁𝒐𝙧𝒆𝙨𝒕

यहां आपको 3 चीजें देखने को मिलेंगी, जिसमें फ्लावर डोम, क्लाउड फॉरेस्ट और अवतार एंक्सपीरियंस है. इन तीनों का टिकट 3 हजार (भारतीय रुपए ) है। फ्लावर डोम को 2015 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था क्योंकि इसे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीनहाउस माना जाता है। यहां अलग अलग कॉन्टिटेंट के फूल मौजूद हैं, जिनके बारे में आप पढ़ सकते हैं, जान सकते हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां ऐसा टेंपरेचर रहता है, जो बाहर से एकदम अलग है। मतलब बाहर चाहे जितनी गर्मी हो, यहां पहुंचते ही आपको ढंड का एहसास होगा. क्लाउड फॉरेस्ट में दुनिया का सबसे बड़ा इंडोर वॉटरफॉल है , इसमें 130 फीट से ज्यादा ऊंचाई का झरना है, जहां लोग फोटोज क्लिक करवाते हैं, रील बनाते हैं। एलिवेटर है, जो ऊंचाई तक ले जाता है, जहां से इस झरने को और करीब से देख सकते हैं। इसके अलावा अवतार एक्सपीरियंस है, जहां 3-डी में फोटोज खिंचवा सकते हैं, फोटोज लेने के लिए अलग से चार्ज है।

𝙐𝙣𝙞𝙫𝙚𝙧𝙨𝙖𝙡 𝙎𝙩𝙪𝙙𝙞𝙤𝙨

बचपन से ही यूनिवर्सल स्टूडियोज के बारे में इतना सुना था, मूवीज में देखा था, कि यहां जाने की इच्छा बहुत थी. आखिरकार इस साल ये सपना भी पूरा हो गया. ये वो अम्यूजमेंट पार्क है, जहां बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग जाना चाहते हैं. यहां जाकर ऐसा लगा, जैसे एक अलग ही दुनिया में आ गए हैं. जिन्हें झूले पसंद हैं, उनके लिए ये जगह जन्नत से कम नहीं है, यहां ऊंचे ऊंचे हर तरह के झूले हैं. मुझे झूलों से डर लगता है, तो मैं तो सिर्फ घूमने और फोटोज वीडियोज ही लेने में लगी रही. यहां अलग अलग देशों के रेपलिका हैं, जैसे इजिप्ट, न्यू यॉर्क. यहां हमें इजिप्ट साइड एक ऐसा रेस्त्रां मिला, जहां इंडियन खाना था. ये किसी चमत्कार से कम नहीं था, यहां समोसे से लेकर बिरयानी तक थी.

𝐒P𝐄C𝐓R𝐀 – 𝐀 𝐌A𝐑I𝐍A B𝐀Y S𝐀N𝐃S L𝐈G𝐇T A𝐍D W𝐀T𝐄R S𝐇O𝐖

अगर सिंगापुर जा रहे हैं, तो वहां का सबसे ज्यादा मुख्य आकर्षण स्पेक्ट्रा शो जरूर देखिएगा, ये 15 मिनट का रोजाना रात में लेजर शो होता है, जहां पानी में लाइट और साउंड का शो होता है. म्यूजिक कान को सुकून देने वाली, लोग किनारों पर बैठकर इस नजारे को एंजॉय करते हैं. 1 घंटे के अंतराल में 2 शोज होते हैं, हमने दोनों ही बार देखा. खास बात ये है कि ये एकदम फ्री है. पानी के बीच अगर आप क्रूज का मजा लेना चाहते हैं तो उसके लिए टिकट लेना होगा. चारों ओर रंग बिरंगी इमारतें... इससे पहले ये सब टीवी पर ही देखा था. नजारा ऐसा था कि पूरी रात आप वहां बिता सकते हैं. इसके अलावा जो सबसे फेमस चीज है वो है ज्वेल चंगी... ये एयरपोर्ट का ही हिस्सा है, इसे घूमने के लिए आपके पास कम से कम 2 घंटे होने चाहिए.

सिंगापुर का श्री कृष्णन मंदिर हमारे होटल से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर था. ये मंदिर 1870 में बना था, जो सिंगापुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और सिंगापुर में कृष्ण और उनकी पत्नी रुक्मिणी को समर्पित एकमात्र दक्षिण भारतीय मंदिर है.इसके ठीक आगे, क्वान इम थोंग हुड चो मंदिर है, जहां काफी भीड़ रहती है. मंदिर के बाहर अपंग, गरीब लोग बैठे रहते हैं, जो कुछ न कुछ बेच रहे होते हैं. मोमबत्ती, पूजा के लिए फूल, अगरबत्ती जैसे पूजा का सामान रखते हैं. कुछ लोग बिना कुछ खरीदे भी इन्हें पैसे दे जाते हैं. इसी लाइन में कुछ और मंदिर भी हैं, जहां आप अपना भविष्य भी पता लगा सकते हैं.सब कुछ घूमने और देखने के बाद अब बारी थी भारत वापसी की। लेकिन सस्पेंस अभी ख़त्म नहीं हुआ… घूमने और देखने का सबसे खूबसूरत डेस्टिनेशन अभी बाक़ी है। वो है सिंगापुर का ज्वेल चांगी हवाई अड्डा। हमने इसे आख़िरी के लिए रखा था, आप भी अगर सिंगापुर जा रहे हैं तो जिस दिन वापसी हो, उसी दिन के लिए इसे रखें। इसे घूमने के लिए आपको कम से कम दो घंटे का समय चाहिए।

ज्वेल चांगी हवाई अड्डा की खासियत

ज्वेल चांगी हवाई अड्डे के अंदर स्काई ट्रेन चलती है, जिसका नज़ारा बेहद खूबसूरत होता है, आप फोटो, वीडियो में देख सकेंगे। इसके अलावा यहाँ दुनिया का सबसे ऊँचा इंडोर झरना है। यहाँ कैनोपी पार्क है, जिसे देखकर आपको लगेगा आप किसी जंगल में आ गए हैं। सफ़ी आर्किटेक्ट्स द्वारा डिज़ाइन किया गया ज्वेल चांगी एयरपोर्ट 135,700 वर्ग मीटर में फैला हुआ है जहां खाने पीने के साथ साथ शॉपिंग के भी कई डेस्टिनेशन हैं। बच्चों के लिए खेलने कूदने के लिए भी काफ़ी कुछ है।

मुख्य आकर्षण

-स्काई ट्रेन

-इंडोर झरना

-कैनोपी पार्क

-कैनोपी ब्रिज

शॉपिंग के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन

घूमने, खाने के अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती है वो है “शॉपिंग”। लड़का हो या लड़की, पुरुष हो या महिला… शॉपिंग एक ऐसी चीज़ है जिसके लिए कोई मना नहीं करता। सिंगापुर में वैसे तो कई मार्केट हैं लेकिन जो सबसे बढ़िया और सस्ती मार्केट है वो है “Bugis Street” । इसे लखनऊ का लव लेन और दिल्ली का सरोजिनी कह सकते हैं। यहाँ फल, सब्ज़ी से लेकर कपड़े, जूते, बैग और गिफ्ट्स की दुकानों की भरमार है। यहाँ आप मन चाहा बारगेन कर सकते हैं।सबसे ख़ास बात ये थी कि ये हमारे होटल से एकदम वॉकिंग डिस्टेंस पर था। इसलिए सुबह, शाम, रात… जब भी मौक़ा मिलता हम यहाँ चले जाते थे। यहाँ लोगों को तोहफ़े में देने के लिए कई सारे ऑप्शंस हैं। चॉकलेट, पर्स, सिंगापुर की फेमस चीज़ों के शो पीस, ये सब एक ही दुकान में मिलते हैं। यहाँ खाने की भी दुक़ाने हैं लेकिन वहाँ ज़्यादातर नॉन वेज और सी फ़ूड ही मिलता है। तो हमने वहाँ से ढेर सारी चॉकलेट ली, कुछ वहाँ के एग्जॉटिक फ्रूट्स लिए, कपड़ों की ख़रीदारी की, कुछ फुटवियर लिए। बस फिर वतन वापसी

Photo of SINGAPORE RETURNS: A trip to Remember by Shalu Awasthi
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