आज चाहे कोई भी tourist places हो , हरे भरे खूबसूरत पहाड़ हो या झील , समुद्र के खूबसूरत तट हो या historical places , शिमला हो या मनाली , सिक्किम हो या दार्जलिंग , माथेरन हो या लोनावला , सबसे बड़ी समस्या से जूझ रहा है वो है पानी , cold ड्रिंक की bottles और चिप्स के पैकेट !
ऐसा नही है कि इसके अलावा और किसी भी तरह के कूड़े से परेशानी न हो रही हो लेकिन यह सच मे इतनी ज्यादा है कि अब इस बारे में बात करनी ही चाहिए ! क्या सच मे इसका कोई हल नही है , अगर है तो फिर हम क्यों ऐसा कर रहे है !
अप्रैल -जून के महीने में जब भारत के अधिकतर हिस्से बुरी तरह से गर्मी के चपेट में होते है तो कुछ चुंनिन्दा ठंडे हिल स्टेशनों की हालत इतनी बुरी हो जाती कि पूछिये मत !
क्या आप एक पानी की bottle ख़रीदते समय यह सोचते है कि अब हम अपनी प्रकृति को 100 -150 सालो के लिए यह garbage गिफ्ट कर रहे है , अगर सच मे आप यह नही सोचते तो अब वक्त है कि हम इस बारे में सोचे और हम जो भी कर सकते है करे !

क्या कर सकते है -
आमतौर पर मैं अब चाहे long trip पर रहू या शार्ट ट्रिप पर , मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं जो bottle घर से ले गया हूँ उसे बार बार riffile करू ! हो सकता है आप ये कहे कि यह सम्भव नही है पर मेरे जैसे frequent traveller ने ये किया है !
जब आप बाइक से travel करते है तो bottle पेट्रोल पंप पर reffile कर सकते है क्योंकि हर पेट्रोल पंप पर पीने के पानी की सुविधा होती है , और अगर ट्रेन में travel कर रहे है तो अब लगभग सभी स्टेशन पर ही R. O. पानी की shop उप्लब्ध है ! अगर आप पहाड़ या झरने पर है तो आप bottle वहीं से भर सकते है ! कुछ लोकल दुकानों या ढाबो पर भी आप पानी भर सकते है !
अब बात आती है चिप्स और cold ड्रिंक की तो ये कोई अमृत तो है नही ! कोल्ड ड्रिंक की जगह आप नारियल पानी भी पी सकते है !
किसी भी सुदूर पहाड़ी स्थानों पर garbage recycling जैसी सुविधा बड़े शहरों के मुकाबले न के बराबर होती है और water bottles या चिप्स के खाली पैकेट्स को dustbin में डालना इस समस्या का हल बिल्कुल भी नही है !
लोकल vendor से कुछ ऐसा खरीदिये जिससे आपको भी कुछ अच्छा खाने को मिले और उन्हें भी रोजगार मिले ! अगर जल्दी जल्दी खाने की आदत हो तो आप अपने साथ ड्राई friuts रख सकते है या आप मौसमी फल भी खा सकते है !
मैं सच बोलू तो मैंने ऐसे भी ट्रैवलर देखे है जो ac कार से window बंद कर प्रकृति को निहारते है और फिर पावर विंडो को थोड़ा नीचे कर कूड़ा वही फेंक देते है वो dustbin तक जाने की भी जहमत नही उठाते !
मैं यह सब इसलिए लिख रहा हूं कि मैं यह कर पा रहा हूँ आप मे से भी बहुत सारे ट्रैवलर ऐसा ही करते होंगे लेकिन कुछ जो है जो ऐसा नही सोचते ( पहाड़ो की दुर्दशा इसकी गवाह है ) आप भी करिए और अपने बच्चों ( अगर हो तो ) को भी प्रकृति के प्रति सजग बनाइये !
