बस्ती शहर से 5 किमी दूर बाबा भदेश्वर नाथ का मंदिर है,यूँ तो पहले यहां निर्जन वन होता था,लेकिन अब आबादी बढ़ चुकी है।
कहा जाता है ये मंदिर त्रेतायुगीन है,लंकापति रावण इसे कैलाश से लाकर स्थापित किया था।
अज्ञातवास में पांडवों ने यहां समय व्यतीत किया था।
प्रति सोमवार को यहां मेले जैसा उत्सव रहता है,सावन माह में,दूर दूर से कांवरियों का जत्था बस्ती सहित लखनऊ,अयोध्या, गोंडा, बाराबंकी,संतकबीरनगर,सिद्धार्थनगर से आता है,पवित्र सरयू जी का जल अयोध्या से लाकर पैदल 60 किमी की यात्रा तय करके बाबा भदेश्वर नाथ को अर्पित करता है
बाबा की महिमा दूर दूर तक फैली है,बहुत सारे चमत्कारों की बातें भी सुनने को मिलती है
एक बार चोरों ने शिवलिंग चोरी करने की कोशिश की,वो बैलगाड़ी पर लादकर शिवलिंग लेकर जाने लगे,बैलगाड़ी कीचड़ में फंस गई,लाख प्रयत्नों के बाद भी नही निकल पाया उसका पहिया।चोर थक कर चले गए।
आज भी मंदिर प्रांगण में वो बैल गाड़ी का पहिया मौजूद है
मंदिर में होने वाली प्रातःकालीन और सांध्य कालीन आरती मन को मोहने और बाबा के भक्ति में सराबोर करने वाली होती है
जय बाबा भदेश्वर नाथ
मनोज पंकज सिंह

