कृष्णा नदी के किनारे उत्कर्ष और समृद्ध इतिहास को समेटे विजयवाड़ा आज एक सुरम्य और समृद्ध शहर है। ये शहर तीन तरफ से जल निकायों और एक ओर से इंद्राकिलाद्री पहाड़ियों घिरा है। संस्कृति और राजनीति के लिए ये शहर महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही ये व्यवसायिक आकर्षण के केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध है।
विजयवाड़ा सदियों पुरानी कलाकृतियों से लेकर मनोरम प्राकृतिक वातावरण के लिए मशहूर है। इस शहर के हर नुक्कड़ पर आपको हैरान कर देने वाले दृश्य दिख जाएंगे। विजयवाड़ा की गलियां यहां आने वाले पर्यटकों की यात्रा में एक अलग ही अनुभव को जोड़ देती हैं।
विजयवाड़ा कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा: विजयवाड़ा का निकटतम हवाई अड्डा गन्नवरम में स्थित है, जो शहर से लगभग 20 किमी की दूरी पर है।
रेल मार्ग द्वारा: विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन राज्य का एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है और ये सभी प्रमुख शहरों से ट्रेनों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा: विजयवाड़ा से राज्य के सभी नजदीकी शहरों और कस्बों के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं। विजयवाड़ा का बस जंक्शन काफी व्यस्त रहता है क्योंकि यह देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
विजयवाड़ा आने का सही समय
विजयवाड़ा घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीनों में होता है जब मौसम 25 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान के साथ सुहावना रहता है।
विजयवाड़ा के दर्शनीय स्थल
भवानी आईलैंड
कृष्णा नदी पर स्थित भवानी द्वीप, विजयवाड़ा में आने वाले पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। कृष्णा नदी के सबसे बड़े द्वीपों में से एक भवानी द्वीप 130 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर आप स्विमिंग पूल, वॉटर स्पोर्ट्स और नाव की सैर कर सकते हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच ये आईलैंड बहुत प्रसिद्ध है।
उनादल्ली गुफाएं
ये गुफाएं काफी पेचीदा और गहरी हैं। चार मंजिला उनावल्ली की गुफाएं प्राचीन काल से ही लोकप्रिय हैं। 7वीं शताब्दी में निर्मित उनावल्ली की गुफाएं इस क्षेत्र की सबसे प्रारंभिक गुफाओं में से एक हैं। यह विजयवाड़ा में अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व रखती हैं और इसकी शानदार वास्तुकला एवं मूर्तिकला पर्यटकों को विस्मृत कर देती हैं। सुरम्य पृष्ठभूमि पर बनी इन गुफाओं में भगवान विष्णु की एक भव्य मूर्ति स्थापित है जो एक ग्रेनाइट खंड से निकली हुई है। इस स्थान से सूर्यास्त का बेहद सुंदर और मनोरम नज़ारा देखने को मिलता है।
प्रकाशम बैराज
प्रकाशम बैराज कृष्णा नदी पर बना हुआ है। यह बांध 1223.5 मीटर लंबा है। ये बांध एक शानदार पिकनिक स्पॉट है। प्रकाशम बैराज का निर्माण सन् 1852 से 1855 के बीच करवाया गया था। बांध की तीन जल धाराएं हैं जो शहर से होकर गुज़रती हैं। इस बांध से एक खूबसूरत झील भी बनाई गई है एवं बांध से झील का विहंगम नज़ारा देखने को मिलता है।
मोगलाराजपुरम गुफाएं
विजयवाड़ा में मोगलाराजपुरम गुफाओं चट्टानों को काटकर बनाया गया अभ्यारण्य है। 5वीं शताब्दी में इन गुफाओं को अच्छी तरह से संरक्षित किया गया था और गुफाओं में प्रवेश करते ही आपको ऐसा लगेगा कि आप 5वीं सदी में पहुंच गए हैं। इन गुफाओं में अर्द्धनारीश्वर की राजसी मूर्ति देखने को मिलती है। मोगलराजपुरम गुफाएं सबसे सुंदर पुरातन मूर्तियों को अपने अंदर समेटे हुए हैं। पर्यटकों को इन गुफाओं में आकर भारत के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला का परिचय मिलता है।