26 जून 2024 को नई दिल्ली एयरपोर्ट से रात की फलाईट लेकर हम 27 जून 2024 को सुबह 2.50 बजे कंबोडिया की राजधानी फनोम पेन्ह एयरपोर्ट पर उतरे| वीज़ा आन अराईवल लेकर हम फनोम पेन्ह एयरपोर्ट के बाहर आए | एयरपोर्ट पूरा खाली था| एयरपोर्ट के बाहर आकर हमने फनोम पेन्ह शहर जाने के लिए टुकटुक बुक कर ली 6 अमेरिकी डॉलर में| कंबोडिया में आपको टुकटुक देखने के लिए मिलेगी| मोटरसाइकिल के पीछे एक बग्गी जोड़ दी जाती है जिसमें सीट लगाई होती है चार लोग बैठ सकते हैं| यह बग्गी दोनों साईड से खुली होती है| हमने कंबोडिया यात्रा पर बहुत बार टुकटुक में सफर किया| कंबोडिया में टुकटुक से पहला सफर हमने फनोम पेन्ह एयरपोर्ट से फनोम पेन्ह शहर तक का किया| सुबह के चार बजे हुए थे| फनोम पेन्ह एयरपोर्ट के बाहर वाली सड़क जो फनोम पेन्ह शहर की ओर जाती है | यह सड़क मुझे बिलकुल लुधियाना शहर के फिरोजपुर रोड़ की तरह लग रही थी| 35-40 मिनट में हम फनोम पेन्ह एयरपोर्ट से शहर के बीच में पहुँच जाते हैं|
कंबोडिया में जब भी कोई होटल बुक करते हो तो आपका चैक इन टाईम दोपहर के दो बजे से लेकर अगले दिन दोपहर के 12 बजे तक का होता है| यहाँ पर बहुत ठंडे दिमाग से सोचकर हर पहलू को ध्यान में रखकर होटल बुकिंग की थी| मान लीजिए हम 27 जून 2024 को फनोम पेन्ह शहर में होटल बुक कर लेते तो हम सुबह फनोम पेन्ह पहुँच जाते सुबह तीन बजे जयादा से जयादा हम सुबह चार या पांच बजे तक शहर के होटल में आ जाते लेकिन तब हमें होटल का चैक इन नहीं होता| दूसरा हमारी फलाईट भी उसी समय पर ही आती है| इसलिए हमने पहले दिन होटल की बुकिंग फनोम पेन्ह शहर से 350 किलोमीटर दूर सीयम रीप के होटल में कर ली थी| पहले दिन वैसे भी कहीं घूमने नहीं जाया जाता तो हमने सोचा आज का दिन फनोम पेन्ह से सीयम रीप के सफर के नाम लगा देते हैं| शाम के तीन चार बजे तक हम सीयम रीप पहुँच जाऐंगे और चैक इन टाइम भी हो जाऐगा होटल के 2 बजे के बाद का| टुकटुक वाले ने हमें फनोम पेन्ह शहर में एक बस कंपनी के दफ्तर के सामने उतार दिया| हमने वहाँ सीएम रीप की बस के बारे में पता किया तो उसने बताया बस सुबह 7 बजे चलेगी सीयम रीप के लिए| अभी तो पांच बजे रहे थे तो उसने कहा तब तक आप सैवन एलेवन माल में चले जाईये| मैं आपको सैवन एलेवन माल से खुद पिक कर लूंगा | हमने 30 अमेरिकी डॉलर देकर सीयम रीप की दो सीट बुक कर ली| हमने अपने टुकटुक वाले को बोला तुम हमें सैवन एलेवन माल के पास छोड़ दे| कुछ ही देर में हम सैवन एलेवन माल के सामने थे| सैवन एलेवन माल में अभी साफ सफाई चल रही थी तो हम इसके सामने स्माईल नामक माल में चले गए| एक नये देश में जाकर नये शापिंग माल में सामान खरीदना और देखना भी एक अलग अनुभव होता है| कंबोडिया में बंद बोतल पानी बहुत महंगा है| स्माईल माल में हमने दो लीटर पानी की बोतल 3.85 अमेरिकी डॉलर में खरीदी| यह दो लीटर पानी की बोतल हमें 335 भारतीय रुपये के हिसाब से मिली| भूख भी लग रही थी तो हमने समाईल माल से केले भी खरीद लिए| समाईल माल के बाहर लगी हुई कुर्सीयों पर बैठकर हमने केले खा लिए| सुबह अभी हुई नहीं थी तो हम वहीं बैठकर फनोम पेन्ह शहर की सड़क को निहारते रहे| हमें नींद भी बहुत आ रही थी लेकिन हम सो नही सकते थे| सुबह के छह बजे के बाद अब उजाला होना शुरू हो गया था| अब सैवन एलेवन माल भी खुल गया था| वहाँ से उठकर हम सैवन एलेवन माल में घुस गए| सैवन एलेवन माल में छानबीन करते समय हमने ठंडे दूध की दो पलासटिक की बोतलें खरीद ली | मैंने सट्राबेरी फलेवर वाला दूध खरीदा था और हरजीत सिंह ने नार्मल दूध की बोतल | सैवन एलेवन माल के ऊपर ही सीढ़ियों को चढ़कर आप एक हाल में बैठ सकते थे| हम भी दूध की बोतल का पेमेंट देने के बाद सीढ़ियों को चढ़कर सैवन एलेवन माल के ऊपर बने हुए हाल में लगी हुई कुर्सी पर बैठ गए| सुबह का ब्रेकफास्ट हमने दूध की बोतल पीकर ही कर लिया| वहाँ पर कुछ लोग बैठे हुए थे जो खाना खा रहे थे और कुछ सो रहे थे| हमने आधा घंटा वहाँ बैठकर गुजार दिया| सुबह 6.40 के आसपास हम सैवन एलेवन माल के बाहर आ गए| कुछ देर बाद ही हमें टुकटुक पर लेने के लिए बस की टिकट वाला आदमी आ गया| हम टुकटुक में बैठकर बस कंपनी के दफ्तर के बाहर पहुँच जाते हैं| यहाँ बैठकर हम अपनी बस का इंतजार करने लग जाते हैं| बस का टाइम तो सात बजे था सुबह लेकिन बस लेट आती है| खैर कुछ देर बाद बस आ जाती है| हम अपना सामान उठाकर बस में अपनी सीट पर जाकर बैठ जाते हैं| आधी से ज्यादा बस खाली थी|
कुछ ही देर बाद बस चल पड़ती है| कंबोडिया में हमारा बस सफर शुरू हो रहा था| बस में आधी से ज्यादा सीटें खाली थी| मैं और हरजीत सिंह आराम से अलग अलग दो सीटों वाली सीट पर बैठ गए| अब हम बस में बैठे ही कंबोडिया की राजधानी फनोम पेन्ह शहर के नजारे देख रहे थे| कुछ देर बाद बस वाट फनोम मंदिर के सामने से गुजरी | वाट फनोम के बारे में मैंने पहले ही पढ़ रखा था | सीयम रीप से फनोम पेन्ह की वापसी में फनोम पेन्ह शहर घूमते समय हमने वाट फनोम को भी देखा | अब हमारी बस फनोम पेन्ह शहर में टेन्ले साप नदी के ऊपर बने एक खूबसूरत पुल के ऊपर से गुजर रही थी| अलग अलग जगहों पर बस में कुछ सवारियों को चढ़ाया गया| कुछ देर बाद बस फनोम पेन्ह शहर से बाहर निकल गई|अब हमारी कंबोडिया के ग्रामीण क्षेत्र से गुजर रही थी| कंबोडिया में हरियाली बहुत है| खेत खलियान भी दिख रहे थे| धान के खेत भी दिखाई दे रहे थे| थकान होने की वजह से हमें नींद आ रही थी| बस में एसी भी चल रहा था तो मैं सो गया| रास्ते में दो घंटे बाद एक जगह पर बस रुकी लेकिन हम नहीं उतरे| बीस मिनट तक बस रुकी रही लेकिन बस का एसी चालू था तो हम जग तो गए थे लेकिन आंख बंद करके फिर सो गए| रात की फलाईट की वजह से नींद पूरी नहीं हुई थी| तकरीबन दो से ढाई घंटे तक हम बस में सोते रहे| फिर एक जगह पर बस रुकी| किसी गाँव के बाहर एक छोटे से कंबोडियन ढाबे पर बस रुकी| अपनी लोकल भाषा में ड्राइवर ने कुछ कहा शायद यह ही कहा होगा कि खाना खाने के लिए बस रुकी है| हमें जयादा भूख तो नहीं थी फिर भी हम बस से नीचे उतर जाते हैं| यह देखने के लिए कि खाने में कया है कंबोडिया के ढाबे में| हमें वहाँ पर तले हुए कीड़े मकोड़े एक बड़ी थाली में भरे हुए दिखे| फिर हमने खाने का खयाल ही दिमाग से निकाल दिया| कोका कोला की एक बोतल खरीदी और पी ली| ढाबे के बाहर हाईवे के साथ एक बहुत पुराना वृक्ष लगा हुआ था| हमें यह वृक्ष बहुत पसंद आया| हम काफी देर तक इस वृक्ष के पास खड़े रहे| कुछ देर बाद बस चल पड़ी
बस आगे चल कर सैट्रल कंबोडिया के खूबसूरत शहर कम्पोंग थॉम में रुकती है| यह खूबसूरत शहर स्टींग सेन नदी के किनारे पर बसा हुआ है| लोकल भाषा में इस शहर का अर्थ है बड़ा पोर्ट कयोंकि यह शहर एक नदी के किनारे पर बसा हुआ है| कम्पोंग थॉम शहर फनोम पेन्ह और सीयम रीप के बिलकुल मध्य में है| कोई भी बस हो सीयम रीप या फनोम पेन्ह दोनों साईड से आए इस शहर में जरूर रुकती है| हमारी बस भी यहाँ पर लगभग 35 मिनट तक रुकी थी| बस एक बड़े होटल के बाहर रुकती है| दोपहर का समय था मैं थोड़ी दूर चलकर स्टेग सेन नदी के पुल के पास पहुंच गया पैदल चलकर | नदी के किनारे पर गुलमोहर के पेड़ लगे हुए थे जिसके खूबसूरत फूल इस शहर और नदी की शोभा को चार चांद लगा रहे थे| मैंने नदी के किनारे की और शहर की एक छोटी सी वीडियो बनाई| कुछ फोटोग्राफी की| कुछ देर मैं इस नदी को निहारता रहा| पास ही एक शानदार बुत बना हुआ था जिसमें हाथी दो बाघों से युद्ध करता हुआ दिखाई दे रहा था| हाईवे के पास ही कंबोडिया देश के पांच सात झंडे हवा में लहरा रहे थे जिनको मैंने अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया था| फिर हमने एक दुकान पर कोल्ड कौफी पी | कुछ देर बाद बस चलने का समय हो गया| हम बस में सवार हो गए| अभी भी आधा रास्ता बाकी था| हमें रास्ते में कंबोडिया के लकड़ी के बने हुए मकान दिखाई दे रहे थे जिनके पीछे हरे भरे खेत दिखाई दे रहे थे| बस में सफर करते हुए हम लगभग तीन बजे शाम को सीयम रीप शहर में पहुंच जाते हैं| इस तरह कंबोडिया में मेरी पहली बस यात्रा का फनोम पेन्ह से सीयम रीप का सफर लाजवाब रहा|