बारहवीं के बाद वो दौर आता है, जब आप पहली बार कॉलेज में पहुँचते हैं। यहाँ की दुनिया स्कूल जैसी नहीं है, जहाँ आपके मम्मी पापा आपके खाने से लेकर कपड़े पहनने को डिसाइड करते हैं। ये उमर होती है लड़कपन की, बदमाशियाँ करने की। यहाँ आप वो सब कुछ कर सकते हो, जो आपने अब तक अपने खुराफाती मन में दबा कर रखा था। बस बाबू... यहीं से तो काण्ड होना शुरू होता है। इस भोली भाली मासूम सी उमर में आप अपने दोस्तों की गैलरी को उन ‘शालीन’ तस्वीरों से भर देते हो, जो गाहे बगाहे आपक बर्थडे, सगाई, शादी जैसे हर मौक़े पर आपको शर्मिंदा करने के लिहाज़ से वायरल होती रहती हैं। कसूर आपका नहीं है, ये उमर है ही ऐसी। चलो साथी, आज हम मिलकर उन हरकतों को निकालें और उन पर शर्मिंदा हों।
तस्वीरें, यादों के झरोखों से...
1. झरने के नीचे नहाने की वो तस्वीरें

याद करो वो दिन, जब अपने दोस्तों के साथ झरने के नीचे नहाने का प्लान बनाया था। अब जब झरने के नीचे नहाने की बारी आती है, तो नहाने का सारा सामान भी होना चाहिए। चलो, वो भी ले लिया। इसके बाद कपड़े भी ले लिए। साथ में लड़कियाँ जा रही होती हैं, तो आप शालीन रहते हो। इसलिए ऐसे मौक़ों पर उनको इन्वाइट न करना ही बेस्ट है। सारे लड़के झरने के नीचे कच्छे में नहाने का आनंद ले ही रहे थे, लेकिन ऐसे सुखद मौक़ों पर कोई एक कमीना दोस्त होता है, जो इस मधुर मोमेंट को कैमरे में क़ैद कर लेता है। आप भी अपनी बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, सिक्स पैक दिखाने की नाकाम कोशिश करते हो। लेकिन ये सब कैमरे पर तब ही अच्छा लगता है, जब आपकी बॉडी जिम में तराशी गई हो। झरने के नीचे कच्छा पहनकर की गई ये हरकत आपको आने वाले हर बर्थडे पर याद दिलाई जाती है, जिसे देख-देख कर आप बार-बार शर्मिंदा होते हैं।
2. गोआ और उसका अफ़वाह बाज़ार

गोआ घूमना हर हिंदुस्तानी का सपना होता है। कुछ के सपने पूरे होते हैं, कुछ के सपने ही रह जाते हैं। गोआ घूमने से पहले वहाँ आदमी वहाँ की अफ़वाहों के बाज़ार में घूमता है। कि भाई साहब, वहाँ तो बियर बहुत सस्ती मिलती है, वहाँ पर चरस गाँजे पर कोई रोक टोक नहीं है। ज़िंदगी जीने के लिए बेस्ट जगह गोआ ही तो है... और न जाने क्या क्या।

हमारे दोस्त लोग जब गोआ का प्लान बनाए और फिर एग्ज़ेक्यूट कर वहाँ पहुँचे, तो एक अफ़वाह और भी थी। कि वहाँ की लड़कियों का ग्रुप बहुत आसानी से मिल जाता है। आप लड़के जितने के ग्रुप में हैं, उतने ग्रुप में आपको यहाँ पर मोहतरमाएँ भी मिल जाएँगीं। फिर आप पूरे ट्रिप पर उनके साथ गोआ घूम सकते हैं। उनकी खोज में हमने पूरा गोआ खोज मारा। आगे की कहानी आपको पता ही है।
3. सिगरेट पीना वैसे तो पाप नहीं है, लेकिन बस कोई अपना आपको देख न ले

कॉलेज लाइफ़ शुरू होने के साथ ही इसका नाम भी ज़बान पर आना शुरू हो जाता है। दोस्तों का एक ग्रुप होता है, जिसका हिस्सा बनने के लिए आपको सिगरेट पीने की कला में पारंगत होना ज़रूरी होता है। इस ग्रुप का हिस्सा क्लास के टॉपर तक बनना चाहते हैं। हमारे भी एक टॉपर दोस्त ने इसके लिए सिगरेट पीना शुरू किया। पटनीटॉप की ट्रिप पर उन्होंने यह कठिन परीक्षा पास की और इस ग्रुप का हिस्सा बन गए। बदक़िस्मती से उनका यह वीडियो वायरल हो गया। कॉलेज के हर प्रोफ़ेसर ने इस वीडियो पर ख़ूब शेयर किया। और फिर... वह दोस्त टॉपर नहीं रहा।
4. कुछ लोग कभी बड़े नहीं होते
कुछ यादें इतनी ख़ास होती हैं, कि उनको ज़हन से नहीं उतारा जा सकता। कुछ दोस्त ऐसे होते हैं कि कभी बड़े नहीं होते। इस पर लिखा जाए, उसकी बजाय ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा वाला यह सीन याद कर लीजिए।
5. ऑटो को हाथ देना है, लेकिन बैठना नहीं है
ये वाली हरकत अभी ताज़ी ताज़ी मार्केट में आई है। हम 8 लोग एक फ़ेस्ट में चंडीगढ़ गए हुए थे। रात को 8 बजे यूँ ही हम किसी रोड पर हम लोग घूम रहे थे। वहाँ से जितने भी ऑटो गुज़रते, सबको हाथ दिखाते। वह रोक देता, पूछता कहाँ जाना है।
-कैसे हैं भैया, आपका ऑटो तो बड़ा अच्छा है।
-अरे जाना कहाँ है?
-जाना तो कहीं भी नहीं है। हमें तो बस पंचायत करनी है।
-तो हाथ काहे दिया?
-ऐसे ही, सेक्सी लग रहा था।
लगभग आधे घंटे हमने वहाँ से गुज़रने वाले हर ऑटो वाले को परेशान किया। इन हरकतों के लिए मैं तहे दिल से माफ़ी माँगता हूँ।
6. एक ही लाइफ़ मिली है, इसमें पूरी दुनिया घूम लेंगे

इस दिक्कत से हम सब वाकिफ़ हैं। आपके कुछ दोस्त हैं, साल भर किसी नई जगह घूमने का ज्ञान देते हैं। जब टिकट कराने की बारी आती है, तो उसी जगह पर आ जाते हैं, जहाँ पिछले साल घूमने गए थे। ये लोग यहीं नहीं ठहरते, ये लोग अगर भारत में हैं तो इटली का पिज़्ज़ा खाएँगे; और अगर ऊपर वाले की क़िस्मत से इटली पहुँच गए, तो वहाँ बटर चिकन ढूँढ़ेंगे। मैंने इनके साथ चार साल तक मैगी खाई है।
7. डकार की महक का स्वाद ही कुछ और है! (ये काफ़ी वियर्ड है)
खाने के बाद डकार आना बहुत कॉमन सी बात है। लोग ये भी कहते हैं कि ये पेट भर जाने का सिग्नल भी है। मैं नहीं मानता। जब खाना ख़त्म हो जाए, तो ही पेट भरने का असली सिग्नल होता है। लेकिन डकार जैसी चीज़ें तब बहुत अजीब हो जाती हैं, जब ये दोस्तों के बीच में हो रही हो। तो एक घटना हमारे दोस्त के साथ हुई जब वो और उसकी दोस्त (सिर्फ़ दोस्त, ऐसा वो बताता है) हमारे ग्रुप में शराब पी रहे थे। काफ़ी देर शराब पीने के बाद मैडम ने डकार मारी। और लड़के ने महक सूँघने के अंदाज़ में कहा, 'वाह, क्या महक है!'। हाँ, उसने सच में यही कहा। अब इस हरकत पर क्या कहा जाए, आप बताओ।
उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कोई क़िस्सा गुज़र चुका है, तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
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