बिनसरः उत्तराखंड का वो शांत शहर जहाँ से लौटने का मन नहीं करता!

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शहर का भागदौड़ भरा रूटीन ज़िंदगी को एक मशीन जैसा बना देता है। तब उस मशीनी दुनिया से बाहर निकलने के लिए हम घूमने निकल जाते हैं। लेकिन जब आप कहीं जाते हैं और वहाँ भीड़ पाते हैं तो उस घूमने में सुकून नहीं होता है। आजकल हर जगह इंटरनेट पर है और लोग बड़ी जल्दी उन जगहों पर पहुँच जाते हैं। ऐसे में सुकुन और शांत जगह कम ही बची हैं। ऐसा ही शांत और सुंदर हरियाली भरा घर है, बिनसर।

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श्रेय: माउथशट।

बिनसर एक गढ़वाली शब्द है। जिसका अर्थ होता है, नव प्रभात। देवदार के जंगलों से घिरा बिनसर अल्मोढ़ा से सिर्फ 33 कि.मी. की दूरी पर है। बिनसर समुद्र तल से करीब 2,200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। बिनसर में एक ऐसी जगह है जहाँ से हिमालय की चोटियाँ केदारनाथ, चैखंबा, नंदा देवी, पंचोली और त्रिशूल दिखाई देती हैं। बिनसर एक वन्यजीव अभ्यारण्य है। अगर आप यहाँ आते हैं तो आपको इस जंगल को घूमने का मौका भी मिलेगा और यहाँ रात भी गुज़ार पाएँगे जो एक अलग और खूबसूरत अनुभव होगा। जंगल और पहाड़ के अलावा बिनसर में करने के लिए बहुत कुछ है।

बिनसर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

Photo of बिनसर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, Binsar, Uttarakhand, India by Musafir Rishabh

बिनसर एक वन्यजीव अभ्यारण्य है, जो लगभग 49.59 वर्ग किमी. में फैला हुआ है। इस वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में प्रवेश के लिए आपको टिकट लेना पड़ता है। अगर आप गाड़ी भी अंदर ले जाना चाहते हैं तो उसका भी टिकट लेना होगा। जब आप इस वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में जाते हैं तो आप चलते-चलते घने जंगल में पहुँच जाएँगे जहाँ सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं आ पाती है और आपको लगेगा कि आप किसी अंधेरी दुनिया में आ गए हों। जंगल में शांति भी मिलेगी और पक्षियों की चहचहाहट भी सुनाई देगी। इस सेंक्चुरी में तेंदुआ, गोरा, जंगली बिल्ली, भालू, लोमड़ी, बार्किंग हिरण और कस्तूरी हिरण आदि पाए जाते हैं। आपको किस्मत अच्छी रही तो शायद आपको देखने को भी मिल जाएँ। यहाँ आपको उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल भी मिल सकता है।

बिनसर महादेव मंदिर

श्रेय: हेलो ट्रेवल

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देवदार के घने जंगलों के बीच यहाँ एक मंदिर भी है, बिनसर महादेव का मंदिर। जिसे ‘बिनसर महादेव’ के नाम से भी जाना जाता है जो भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। ये मंदिर हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र स्थान है। जून में इसी मंदिर महायज्ञ भी होता है। अगर आप बिनसर जाते हैं तो इस मंदिर में ज़रूर जाएँ। इस मंदिर के अलावा यहीं एक और मंदिर है, चितई मंदिर। इस मंदिर को चंद राजाओं के शासनकाल में बनवाया गया था। इस मंदिर में भक्त अपनी परेशानियों को कागज या स्टाम्प पेपर में लिखकर गोलू देवता के मंदिर में रख कर चले जाते हैं। मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में घंटी लगा जाते हैं। आज इस मंदिर में इतने घंटे हो गए हैं कि इसे “दस लाख घंटों” का मंदिर भी कहा जाता है।

जीरो पॉइंट

यहाँ वैसे तो कुछ भी फेमस नहीं है क्योंकि यहाँ आते ही कम लोग है लेकिन इस शांत जगह पर आप पैदल चलकर इसकी खूबसूरती को देख सकते हैं। जब आप पैदल चलकर किसी जगह को देखते हैं तो उस जगह को सिर्फ देखते ही नहीं, बल्कि एहसास भी करते हैं। आप बस आराम से चलते जाइए और प्रकृति का आनंद लीजिए। चलते-चलते आप जीरो पॉइंट पर जा सकते हैं। जीरो पॉइंट से पूरा बिनसर आपको दिखाई देगा। एक नज़र में आपको दूर-दूर तक बिनसर के जंगलों की हरियाली आपका मन खुश कर देगी। आपाको यहाँ से सूर्यास्त ज़रूर देखना चाहिए तब आपको लगेगा कि बिनसर आकर अच्छा ही किया।

बर्फ से ढके पहाड़

पहाड़ों में सबसे खूबसूरत होते हैं, दूर तलक दिखती चोटियाँ। आपको बिनसर में भी ऐसी ही खूबसूरत चोटियाँ दिखाई देंगी। यहाँ से आपको हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियाँ दिखाई देंगी। जो शायद पूरे बिनसर का सबसे खूबसूरत नज़ारा होगा। लेकिन ये बर्फीली चोटियाँ तभी दिखाई देती हैं जब मौसम पूरी तरह से साफ हो। इसके लिए आपकी किस्मत आपके साथ होनी चाहिए। इन पहाड़ों को देखने के लिए सबसे अच्छा समय है, सुबह का। ठंड में आपको अपनी रज़ाई से बाहर निकलकर आना होगा। तब आप पहले चारों तरफ लालिमा देखेंगे और फिर खूबसूरत सूर्योदय।

कहाँ ठहरें?

बिनसर, उत्तराखंड की फेमस जगहों में नहीं है इसलिए यहाँ ठहरने की सुविधा कम है। आप यहाँ कुमाऊँ पर्यटन विकास निगम के होटल में ठहर सकते हैं। इसके अलावा कुछ होटल भी हैं। आस-पास के गाँव में भी आप रुक सकते हैं। आप कम जगहों में अपने बजट के हिसाब से ठहरने की जगह चुन सकते हैं।

कैसे पहुँचे?

बिनसर उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में आता है। देहरादून से बिनसर की दूरी 370 कि.मी. है और नैनीताल से 95 कि.मी. की दूरी पर है। बिनसर से सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन, काठगोदाम है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन, दिल्ली रेल सेवा से अच्छे से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम से बिनसर की दूरी 105 कि.मी. है। काठगोदाम से आप सरकारी बस या टैक्सी बुक करके अल्मोड़ा जा सकते हैं। अल्मोड़ा से आपको बिनसर जाने की टैक्सी मिल जाएगी, अल्मोड़ा से बिनसर की दूरी 35 कि.मी. है। इसके अलावा सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट, पंतनगर है। पंतनगर से बिनसर की दूरी लगभग 140 कि.मी. है। आप वहाँ से बिनसर बस या टैक्सी बुक करके जा सकते हैं। इसके अलावा दिल्ली से काठगोदाम और अल्मोड़ा के लिए आसानी से बस मिल जाएगी।

कब जाएँ?

वैसे तो पहाड़ हर मौसम में देखने लायक हैं लेकिन अगर आप हिमालय की चोटियाँ देखना चाहते हैं तो साफ मौसम में आएँ। इसके लिए सबसे बेस्ट टाइम अक्टूबर से नवंबर तक का है। उस समय आसमान पूरी तरह साफ रहता है और हिमालय का खूबसूरत नज़ारा भी देखने को मिलेगा। अगर आपको यहाँ के जंगलों की खूबसूरती देखनी है तो मार्च-अप्रैल में आ सकते हैं। तब आपको यहाँ के जंगल में खिले हुए बुरांश के फूल मिलेंगे। उस समय पूरा जंगल फूलों से गुलज़ार होता है और पूरा लाल-लाल हो जाता है।

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