आप सुन रहे हैं विविध भारती का ख़ास प्रोग्राम गीतमाला। अगला गीत है ‘वो कौन थी’ फ़िल्म से लग जा गले, जिसके बोल लिखे हैं राजा मेंहदी अली ख़ान ने और आवाज़ है लता मंगेशकर की। इस गीत की फ़रमाइश की है झुमरी तलैया से राजू, सोनू, पिंकी, चंपक और जेठा ने। आइए सुनते हैं...
50-60 दशक का दौर, रेडियो का दौर था। लोग अपनी फ़रमाइशें बतौर ख़त ऑल इंडिया रेडियो को भेजा करते थे, जिसमें एक बड़ा हिस्सा झारखण्ड के झुमरी तलैया का हुआ करता था। ऑल इंडिया रेडियो पर इस जगह के लोगों की इतनी फ़रमाइशें आई हैं कि ऑल इंडिया रेडियो ने बोल बोल के इसे पूरे हिन्दुस्तान में फ़ेमस कर दिया।
झुमरी तलैया के प्रसिद्ध होने की पूरी कहानी, विस्तार से
50 का दशक था। लोगों के घरों में टीवी तो बिल्कुल भी नहीं था। बिजली नहीं थी, टीवी की बात तो छोड़ ही दीजिए। मन बहलाने का अकेला एकमात्र सहारा था रेडियो। कभी कभी फ़िल्म लग गई, तो वहाँ हो लिए। झुमरी तलैया के लोग रेडियो को बहुत पसन्द करने वाले लोग थे।
अपने घरों, गाँवों से लोग रेडियो को अपनी फ़रमाइशें भेजते। झुमरी तलैया के रामेश्वर प्रसाद बरनवाल पहले आदमी थे, जिन्होंने यह सिलसिला शुरू किया।
चूँकि बरनवाल साहब लगभग हर दिन ही फ़रमाइशें भेजते थे, तो उनका नाम हर बार लिया जाने लगा। इससे झुमरी तलैया के दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिली। गंगा प्रसाद मगधीय और नंद लाल सिन्हा दूसरे साथी मिले, जिन्होंने पोस्ट कार्ड पर फ़रमाइशें लिखना शुरू किया।
जब इन तीनों का नाम गीतमाला में ख़ूब लिया जाने लगा, तो दुनिया भर के संगीत प्रेमियों को इसका चस्का लगा। अब लोग जगह-जगह से अपनी फ़रमाइशें लिखकर भेजने लगे। गीतमाला के साथ-साथ झुमरी तलैया भी फ़ेमस होता गया।
एक ऐसा समय भी आया, जब एक नए क़िस्म के पोस्टकार्ड तक आने लगे थे, जिसमें आप आसानी से अपना नाम और फ़रमाइश लिख सकते थे। लोग बाक़ायदा अपना नाम सुनने के लिए डाकिए को ज़्यादा पैसा भी देते थे, ताकि किसी दूसरे शख़्स का पोस्टकार्ड फ़रमाइश तक न पहुँच पाए।
बाद में आने वाली फ़िल्मों के गानों तक में इसको जगह मिली। मसलन हसीना मान जाएगी का गाना, 'मैं झुमरी तलैया जाऊँगी सैंया तेरे कारण'। या फिर जग्गा जासूस का गाना, 'मेरा गाँव झुमरी तलैया है'।
यह तो कहानी रही झुमरी तलैया के प्रसिद्ध होने की। लेकिन झारखण्ड की इस जगह पर घूमना भी आपको फ़ेमस कर देगा।
झुमरी तलैया के बारे में
झुमरी तलैया पड़ता है झारखण्ड के कोडरमा में। अभ्रक का ख़ूब काम होता है यहाँ। वैसे भी, झारखण्ड प्रसिद्ध है तो अपने खनिज के लिए। हरे जंगलों से घिरे इस ज़िले में ध्वजाधारी पहाड़ी भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है और हर महाशिवरात्रि को यहाँ पूजा होती है। बरसोती नदी के नज़दीक बसे इस ज़िले में चंचल धाम नाम की एक जगह भी है जहाँ पर यहाँ की प्रसिद्ध माँ चंचलानी देवी की पूजा होती है।
घूमने की प्रसिद्ध जगहें
1. तलैया डैम
1200 फ़ीट लम्बे और 99 फ़ीट ऊँचे इस डैम से आपको झारखण्ड के जंगलों की सुन्दरता और साफ़ आसमान दोनों दिखाई देते हैं। लेकिन इसका निर्माण दर्शन के लिए नहीं, बल्कि बाढ़ को रोकने के लिए किया गया था। लेकिन हमको क्या, हमारे लिए टूरिस्ट स्पॉट है।
बरकर नदी पर बना झारखण्ड का यह पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन डैम है। इसे 1953 में आम लोगों के घूमने फिरने के लिए शुरू किया गया था। तब से यह लोगों का पसन्दीदा टूरिस्ट स्पॉट बन गया है।
2. माँ चंचला देवी मंदिर
यहाँ के लोगों की आस्था माँ चंचला देवी के नाम पर बना है यह मंदिर। माँ चंचला देवी को दुर्गा जी का ही रूप माना जाता है। उनकी एक गुफ़ा भी है यहाँ पर। भक्त यहाँ से आसानी से गुज़र जाते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहाँ पर भक्त बड़ी संख्या में जुटते हैं।
चंचला माँ का यह प्रसिद्ध मंदिर समुद्र तल से 400 फ़ीट ऊपर बना है। और यहाँ पर पहुँचने के लिए आपको ज़िले से गिरिडीह-कोडरमा हाइवे पर 33 किमी0 का लम्बा सफ़र तय करना होगा। इस मंदिर में माँ को मिश्री और चावल का भोग लगाया जाता है और कई मौक़ों पर बड़ी संख्या में शादी की रस्में भी होती हैं। कहते हैं जो भी यहाँ के नियमों का ठीक से पालन नहीं करता, उसको कोई विषैला जीव आकर काटता ज़रूर है।
3. घोड़सिमर धाम
कोडरमा से 70 किमी0 दूर स्थित है घोड़सिमर धाम। अगर किसी को पुरातत्त्व की चीज़ों से मोहब्बत है, तो समझो स्वर्ग का टिकट यही है। घोड़सिमर बड़ता है घाटकिमसर के अन्दर, जो कि देवघर धाम के ठीक बगल में स्थित है। पुरातत्त्व विभाग के लिए और इनसे जुड़ी चीज़ों के लिए लोगों का दल आपको हमेशा यहाँ पर मिलेगा।
देवघर धाम, पहाड़ नदी कुछ घूमने की जगहें हैं यहाँ पर।
4. कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट
कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट झुमरी तलैया से बहुत दूर नहीं है। यह राँची हवाई अड्डे और कोडरमा रेलवे स्टेशन के ठीक बीच में स्थित है। दामोदर नदी और दामोदर घाटी भी यहाँ की देखने लायक जगहों में एक हैं।
अगर आप यहाँ पर घूमने के लिए आ रहे हैं तो कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट के साथ साथ चूरचूर आइलैण्ड देखना बिल्कुल न भूलें। यह जगह वाक़ई देखने घूमने, मौज मस्ती करने, खाना पकाने, खाने, शाम का आनन्द लेने के लिए परफ़ेक्ट है।
5. पेट्रो जलप्रपात
प्रकृति की गोद में बसा हुआ पेत्रो जलप्रपात, झारखण्ड के कुछ गिने चुने प्रसिद्ध जलप्रपातों में एक है। यहाँ पर पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले एक घने जंगल से होकर गुज़रना पड़ता है, तब जाकर आप यहाँ पहुँच पाते हैं।
यहाँ पहुँचना अपने आप में एक जोखिम भरा काम है, लेकिन इसके बाद भी यहाँ पहुँचने वालों की संख्या में कभी कमी नहीं होती। सितंबर में या फिर मॉनसून के महीनों में यहाँ आने का लाभ उठाया जा सकता है।
कैसे पहुँचे झुमरी तलैया
रेल मार्गः कोडरमा रेलवे स्टेशन सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहाँ पर आप दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे बड़े शहरों से सीधा पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्गः झारखण्ड की बड़ी जगहों से झुमरी तलैया अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राँची, धनबाद, गिरिडीह जैसी जगहों से आप यहाँ के लिए आसानी से बस पकड़ सकते हैं।
हवाई मार्गः राँची का हवाई अड्डा सबसे नज़दीकी (162 किमी0) है। वहाँ से आपको बस या कैब आसानी से मिल जाएगी।