दोस्तों कौन ऐसा व्यक्ति होगा जिसे यात्रा करना पसंद ना हो? हम सभी यात्रा करना पसंद करते हैं पर इसके लिए पैसे की ज़रूरत होती है, जहां पर आकर हमें सोचना पड़ता है और शायद कई बार इसी कारण से बहुत लोग यात्रा नहीं कर पाते। आज मैं आपको बताऊंगा कि कैसे हम थोड़ी सी प्लानिंग और मानसिक रूप से ख़ुद को तैयार करके बहुत ही कम बजट में एक रोमांचक और दिलचस्प यात्रा कर सकते हैं।
यदि आप दिल्ली NCR या आस पास क्षेत्र में रहते हैं तो यह आर्टिकल आपको कम बजट में यात्रा करने में मदद कर सकता है।
दोस्तों यदि आप शहर की अशांत और कोलाहल पूर्ण जीवन, या ऑफिस की मोनोटोनस जॉब से से ऊब गए हैं और सुकून की तलाश में हैं या ख़ुद से कनेक्ट होना चाहते हैं तो इंतजार किस बात की कर रहे हैं अपना बैगपैक उठाइये और निकल पड़िये यात्रा पर। कई बार ऐसा लगता है कि जैसे हम खुद से ही दूर हो गए हों, एक डिसकनेक्ट या कुछ खोया हुआ सा लगता है। कुछ कमी महसूस होती रहती है भीतर से। ऐसा अक्सर हर किसी के जीवन में यदा-कदा जरूर होता है। यदि आपके पास समय का अभाव है, एक या दो दिन की ही छुट्टी है और आप कम बजट में यात्रा करना चाहते हैं तो आपको कुछ प्लानिंग के साथ यात्रा शुरू करनी चाहिए।
कैसे करें प्लानिंग और किन बातों का रखें ख्याल:-
यदि आप दिल्ली NCR में रहते हैं तो आप शनिवार सुबह की बजाय देर रात यात्रा पर निकलिए उससे फ़ायदा यह होगा कि आपको शाम में होटल या हॉस्टल बुक करने की जरूरत नहीं पड़ती और उसका पैसा बच जाता है। दिल्ली से हरिद्वार लगभग 240 km है और ऋषिकेश लगभग 260 km है। दिल्ली से हरिद्वार 3:30-4:00 और ऋषिकेश पहुंचने में लगभग 4:30-5:00 घंटे का समय लगता है और आप एकदम सुबह हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंच जाते हैं। हरिद्वार या ऋषिकेश दोनों ही जगह गंगा घाट हैं तो आप सीधे गंगा घाट पहुंच कर स्नान करके अपनी आगे की यात्रा का शेष पड़ाव शुरू कर सकते हैं।
नित्य दैनिक क्रिया से निवृति होने के लिए आपको यहां सुलभ काम्प्लेक्स मिल जाएंगे जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस यात्रा का सुझाव ख़ासकर उन लोगों के लिए है जिनके पास महज एक दिन का समय है या जिनको सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलती है रविवार को, वे लोग इस तरीके से अपनी यात्रा प्लान कर सकते हैं। यदि आपके पास 2 दिन का समय है और आप दो दिन की यात्रा करना चाहते हैं तो आप शुक्रवार देर रात यात्रा शुरू कीजिए और आप हरिद्वार सुबह पहुंच जाएंगे।
हरिद्वार पहुंचकर आप यहां हर की पौड़ी पर स्नान कीजिए और फिर आगे की यात्रा शुरू करें। गंगा स्नान करने के बाद आप यहां प्रथम पूजा माँ गंगा में दीप को प्रज्वलित करके करें फिर उसके बाद यहां घाट पर उपस्थित मंदिर में पूजा-अर्चना कीजिए।
मैंने जो यात्रा की थी वह एक दिन के हिसाब से की थी तो हमने दिल्ली के कश्मीरी गेट से (मैं और मेरा एक दोस्त साकेत) जो हम दोनों एक ही ऑफिस में जॉब करते हैं रात के लगभग 11:00 बजे उत्तर-प्रदेश परिवहन की बस से हरिद्वार के लिए निकल पड़े। दिल्ली से हरिद्वार तक का किराया एक व्यक्ति का ₹240 था। हम लोग 4:00 बजे हरिद्वार बस स्टैंड पहुंच गए। बस स्टैंड से हर की पौड़ी की दूरी लगभग 1 km है जहां आप पैदल भी जा सकते हैं या ई-रिक्शा भी ले सकते हैं।
हर की पौड़ी पर पहुंचकर हम लोगों ने स्नान किया उसके बाद मां गंगा की आराधना दीप प्रज्वलित करके किया, तत्पश्चात घाट पर उपस्थित मंदिर में पूजा-अर्चना करके उसके बाद हम लोग पास ही ऊपर पहाड़ी पर स्थित माँ मनसा देवी मंदिर का दर्शन करने चले गए।
माँ मनसा देवी का मंदिर हर की पौड़ी के पास ही ऊपर पहाड़ी पर स्थित है। यहां जाने के लिए आपके पास दो ऑप्शन हैं - एक तो आप पैदल सीढ़ियों की चढ़ाई करके जा सकते हैं दूसरा रोपवे का इस्तेमाल करके जा सकते हैं। रोपवे से जाने के लिए आपको टिकट नीचे से ही मिल जाएगा। हम लोगों के पास समय पर्याप्त था और सुबह का समय था तो हमने पैदल सीढ़ियों से जाने का माध्यम चुना क्योंकि हल्की-हल्की बारिश हो रही थी और मौसम बहुत ही सुहावना था। चढ़ाई का रास्ता बिल्कुल पेड़-पौधों से घिरा है, पक्षियां सुबह के समय चहक रहीं थी उनके कलरव का ध्वनि बहुत ही मनमोहक और कर्णप्रिय था। मंदिर की चढ़ाई ऊपर पहाड़ी पर है और सीढियां बिल्कुल खड़ी हैं तो आप आराम-आराम से चलें अन्यथा थोड़े देर के बाद आपको कठिनाई महसूस होने लगेगा और आप चलने में ख़ुद को असमर्थ पाएंगे।
रास्ते में कई सारे छोटे मंदिर हैं। कई माताएं देवी गीत गाते हुए मंदिर की चढ़ाई कर रहीं थी। रास्ते में आप बंदरों से सावधान रहें और उन्हें बिल्कुल भी न छेड़ें। लगभग 30-40 मिनट चलकर हम लोग ऊपर मंदिर में पहुंच गए। ऊपर पहुंचने पर आपको जूता-चप्पल आदि रखने और हाथ धोने की सुविधा है। फिर हम लोग मंदिर में दर्शन किए। ऊपर पहाड़ी पर और भी सुंदर दृश्य और नज़ारा आपको मिलेगा जहां आप पूरी थकान भूल जाते हैं। इस मंदिर के टॉप से आपको पूरे हरिद्वार शहर का नज़ारा दिखायी पड़ता है और यदि आप फोटोग्रॉफी के शौक़ीन हैं तो यहां से आप बहुत सारे सुंदर फ़ोटो क्लिक कर सकते हैं। मंदिर में सभी देवताओं के दर्शन करने के बाद हम लोग नीचे आ गए।
मंदिर से नीचे आने के बाद अब हम लोगों को पेट-पूजा की जरूरत महसूस होने लगी ख़ासकर सीढ़ियों से जाने और आने के बाद यह और भी अधिक जरूरी हो गया हम लोग पास में ही एक कचौड़ी के दुकान पर बहुत ही स्वादिष्ट कचौड़ी का नाश्ता किया साथ ही कुछ साधुओं और अन्य जरूरतमंद लोगों को अपने साथ कचौड़ी का नाश्ता करवाया और वहां से आगे बढ़ चले। इसके बाद हम लोग पुनः बस स्टैंड आकर ऋषिकेश के लिए बस लेकर ऋषिकेश आ गए। हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी लगभग 25 km जो कि लगभग 40-50 मिनट में हम ऋषिकेश बस स्टैंड पहुंच गए।
ऋषिकेश बस स्टैंड से त्रिवेणी घाट लगभग 1.5 km है तो हम यहां से ऑटो लेकर त्रिवेणी घाट पहुंच गए। त्रिवेणी घाट पर थोड़ी देर रुकने के बाद पुनः हम रामझूला की ओर चल पड़े। रामझूला पार करके अब हमारा अगला पड़ाव था नीलकंठ महादेव के दर्शन करना।
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मैं और मेरे दोस्त ने यह तय किया था कि हम लोग ऋषिकेश से नीलकंठ तक की यात्रा पैदल करेंगे क्योंकि जैसे ही आप ऋषिकेश से आगे ऊपर नीलकंठ की ओर बढ़ते जाते हैं वहां का दृश्य और नज़ारा बहुत ही अद्भुत, सुंदर और मनमोहक होने लगता है पर इसी बीच बारिश तेज होने लगती है हम दोनों ने काफ़ी समय तक इंतज़ार किया पर इंद्रदेव मानने के मूड में नहीं थे और बारिश तेजी होती गयी तो हमने अपना इरादा बदल दिया और फिर गाड़ी से जाने का तय किया। रामझूला पार करके आप थोड़ा परमार्थ निकेतन से ऊपर की ओर जाएंगे तो वहां आपको प्राइवेट टैक्सी स्टैंड मिलेगा। वहां से हमने शेयरिंग में टैक्सी ली और नीलकंठ की ओर बढ़ चले।
ऋषिकेश से नीलकंठ की दूरी लगभग 32km है जो कि टैक्सी वाले भैया ने हमसे ₹250 प्रति व्यक्ति किराया लिया। जैसे-जैसे हमारी यात्रा नीलकंठ की ओर बढ़ रही थी हमे मनमोहक दृश्य और चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखने को मिल रहा था। आगे हमें कई सारे ऐसे तीर्थयात्री मिले जो पैदल जत्थों में गाते हुए और महादेव की स्तुति करते हुए जा रहे थे। पूरा रास्ता तीर्थयात्रियों से भरा हुआ था।
नीलकंठ पहुंचकर हम लोग दर्शन के लिए आगे जैसे ही मंदिर परिसर में बढ़े पुनः बारिश तेज होने लगी एक अच्छी बात यह है कि यहां मंदिर परिसर में दर्शन के लिए जहां पंक्ति में लोग कतार लगाते हैं वह भी ऊपर से टीनशेड से ढका हुआ है तो हम भीगने से बच गए। यहां पर भक्तों का पूरा ताता (लंबी कतार) लगा हुआ था। सभी भक्त हर हर महादेव का जयकारा लगा रहे थे। यह मंदिर बिल्कुल पहाड़ों के बीच बसा हुआ है बारिश हो रही थी और ऊपर से पहाड़ों से झरनों के पानी आ रहे थे जिसकी ध्वनि से वातावरण और ही सुरम्य और सुंदर हो गया था। थोड़ी देर में हम मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन करते हैं और दर्शन-पूजन के बाद पुनः हम वापस ऋषिकेश की ओर प्रस्थान करते हैं।
ऋषिकेश पहुंचकर हम लोग पुनः ऋषिकेश से बस लेकर हरिद्वार लौट आते हैं। हरिद्वार पहुंचकर हम लोग लंच करते हैं और लंच करने के बाद हम लोग कुछ अन्य स्थानों और मंदिरों का भ्रमण करते हैं क्योंकि हम लोगों को हर की पौड़ी, गंगा घाट पर शाम के समय होने वाली आरती का बेसब्री से इन्तज़ार था।
शाम होने ही वाला था और अब हम लोग समय से पहले घाट के किनारे उपस्थित हो लिए क्यों कि हमें गंगा आरती नज़दीक से देखना था। यहां गंगा आरती में बहुत सारे श्रद्धालु और यात्री शामिल होते हैं तो जगह मिलना कई बार मुश्किल होता है तो मैं मेरे दोस्त के साथ समय से पहुंचकर घाट पर आरती होने वाले मंच से थोड़ा ऊपर बैठ लिए। थोड़ी देर के बाद आरती शुरू हो जाती है। आरती शुरू होते ही घाट का नज़ारा बड़ा ही दिव्य और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। सभी श्रद्धालु शांत चित्त होकर गंगा आरती में शामिल हो जाते हैं। दीप प्रज्वलित होने के बाद पूरा घाट दीपक के प्रकाश से प्रकाशित हो जाता है जिसका नज़ारा बड़ा ही अद्भुत होता है। गंगा घाट पर आपको दोने में दीपक और फूल आदि बेचने वाले मिलेंगे जिससे आप दीप लेकर गंगा में दीप को प्रज्वलित करके प्रवाहित कर सकते हैं।
गंगा आरती समाप्त होने के बाद हम लोग घाट पर ही प्रसाद लेते हैं जो कि गंगा आरती समीति द्वारा आयोजित होता है। प्रसाद लेने के बाद हम लोग घाट के आस-पास के एरिया में थोड़ी देर भ्रमण करते हैं उसके बाद हम लोग एक होटल पर आते हैं और डिनर करके फिर बस स्टैंड की ओर बढ़ चलते हैं।
यह तो एक दिन के हिसाब से यात्रा का प्लान रहा यदि आप दो दिन की यात्रा करना चाहते हैं तो एक दिन आप हरिद्वार को एक्सप्लोर कर सकेते हैं और दूसरे दिन ऋषिकेश को। ऋषिकेश और हरिद्वार दोनों ही आध्यात्मिक नगरी हैं यहां आपको घूमने के लिए अनेक स्थान और मंदिर आदि मिलेंगे।
यहां आपको ठहरने के लिए कई ऑप्शन हैं जैसे होटल, हॉस्टल, धर्मशाला, होमस्टे आदि जो कि काफ़ी बजट में और सस्ते मिल जाते हैं।
यात्रा का ख़र्च :-
हम दोनों का कुल मिलाकर ख़र्च लगभग ₹2000-2250 आया था जिसमें दोनों ओर की यात्रा खाने-पीने आदि सब चीजें शामिल हैं। रात में हम लोग बस लेकर भोर में 4:00 बजे तक दिल्ली पहुंच जाते हैं।
कुल मिलाकर यह यात्रा बहुत ही दिव्य, मनोरम, सुखद और यादों से भरा हुआ रहा। साथियों यह यात्रा विवरण आपको कैसा लगा अपने अनुभव और सुझाव जरूर साझा करें इससे मुझे प्रोत्साहन मिलने के साथ ही अपने यात्रा-वृतांत को और ज़्यादा उत्कृष्ट बनाने में मदद मिलेगी।
धन्यवाद..!!! हर हर महादेव..!!! #TripotoCommunity
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