दशाश्वमेध पवित्र शहर वाराणसी के सबसे पुराने और सबसे पवित्र घाटों में से एक है। यह स्थान अपनी गंगा आरती (एक पवित्र अग्नि अनुष्ठान) के लिए सबसे प्रसिद्ध है, जो एक विस्तृत और जीवंत समारोह है जो हर रोज शाम को होता है। यह गोदौलिया से गंगा जाने वाले मार्ग के अंतिम छोर पर पड़ता है। प्राचीन ग्रंथो के मुताबिक़ राजा दिवोदास द्वारा यहाँ दस अश्वमेध यज्ञ कराने के कारण इसका नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा।