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केरल को 6 दिन में कैसे घूमें? ऐसे करें बजट प्लानिंग
यात्रा का सार

केरल को अच्छे से देखने के लिए आपको बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। केरल इतना खूबसूरत है कि आप घूमते-घूमते थक जाएंगे लेकिन आपका मन नहीं भरेगा। यहाँ के शांत बैकवॉटर्स और सुरमई पहाड़ हर घुमक्कड़ का दिल खुश कर देते हैं। यहाँ के नजारे इतने बेशकीमती है कि इन्हें पैसों में नहीं तोला जा सकता है। कुमारकोम बर्ड सेंचुरी में प्रवासी पंछियों को देखने से लेकर मसालों के बागानों तक हर एक चीज आपको खूब पसंद आएगी। केरल में दिन की शुरुआत करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी होती है। सुबह उठकर ठंडी हवाओं के झोंकों का मजा लीजिए, कलकल बहते झरनों की आवाज सुनिए और केरल की मशहूर बोट रेस देखने का मजा लीजिए।

केरल में आपको वो सब अनुभव मिलेंगे जो आपको बाकी किसी जगह नहीं मिलेंगे। नदी किनारे रहना, ट्री हाउस में ठहरना, पहाड़ों की गोद में समय बिताना, लाजवाब साउथ इंडियन खाने का स्वाद, पेरियार सेंचुरी में एडवेंचर करना या किसी आयुर्वेदिक स्पा में रिलैक्स करते हुए दिन बिताना। केरल में आपको ये सब चीजें मिलेंगी। अगर आप भी केरल को बजट में घूमना चाहते हैं तो आपको इस तरह प्लानिंग करनी चाहिए।

कैसे पहुँचें?

केरल में कुल 3 हवाई अड्डे हैं: कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और कालीकट। इन सभी शहरों तक पहुँचने के लिए आपको देश के सभी हिस्सों से कम पैसों में आसानी से फ्लाइट्स मिल जाएंगी। इसलिए यदि आप कम बजट में केरल घूमना चाहते हैं तो उसके लिए भी यहाँ पूरा इंतजाम है। केरल में ट्रेनों का भी बढ़िया नेटवर्क है जो देश के बाकी शहरों से अच्छी तरह जोड़े रखता है। यदि आप सड़क के रास्ते केरल पहुँचना चाहते हैं तो उसमें भी कोई परेशानी नहीं होगी। केरल राज्य पर्यटन की कई बसें, टैक्सी और गाडियाँ चलती हैं जो घुमक्कड़ी आसान बनाते हैं। प्राइवेट टैक्सी भी चलती हैं। क्योंकि केरल में बैकवॉटर्स का बड़ा हिस्सा है इसलिए यहाँ शिप और मोटर बोट का भी विकल्प मौजूद है। सरकारी परिवहन को इस्तेमाल करने के लिए आपको पहले से टिकट बुक करना होता है।

कब जाएँ?

बरसात के समय पूरे केरल में भरपूर हरियाली होती है जिसको देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। इसके अलावा सितंबर से मार्च के बीच केरल में तमाम बोट रेस का आयोजन किया जाता है जिसे आपको जरूर देख लेना चाहिए।


पहला दिन

थेक्कडी

थेक्कडी से ट्रिप की शुरुआत करें
कोच्चि एयरपोर्ट थेक्कडी का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो केरल आने वालों की पहली पसंद होता है। अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो कोट्टायम रेलवे स्टेशन आपके लिए सही विकल्प रहेगा। थेक्कडी में घूमने की प्लानिंग इस तरह करें:

पेरियार नेशनल पार्क

पेरियार नेशनल पार्क की रिच बायोडायवर्सिटी और बेहतरीन नजारे इस पार्क को देखने योग्य बनाते हैं। पार्क से आप वेस्टर्न घाट को देखने का आनंद ले सकते हैं। इस पार्क में जानवरों की कुल 35 प्रजातियाँ हैं जो इसको भारत के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में से एक बनाती हैं। इस पार्क में आप ट्रेकिंग भी कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको गाइड लेना अनिवार्य होता है। थेक्कडी से 5 किमी की दूरी पर मसालों के तमाम बागान भी हैं जेपी घूमने लायक हैं।

दूसरा दिन

कुमारकोम

दो दिनों के लिए कुमारकोम जाएँ
थेक्कडी से लगभग 140 किमी की दूरी पर स्थित कुमारकोम वेंबानाद झील के आसपास बसा हुआ है। वेंबानाद झील केरल की सबसे बड़ी ताजेपानी की झील है। थेक्कडी से कुमारकोम पहुँचने में आपको 4 घंटों से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए।

कुमारकोम के बैकवॉटर्स

कुमारकोम के बैकवॉटर्स पर नाव की सवारी जरूर करनी चाहिए। इसके बिना आपकी केरल की यात्रा अधूरी रह जाएगी।

तीसरा दिन

कुमारकोम बर्ड सेंचुरी

कुमारकोम की बर्ड सेंचुरी देखना आपकी केरल ट्रिप में जरूर होना चाहिए। बर्ड सेंचुरी में आप सर्बियन क्रेन जैसे दुर्लभ है चुके प्रवासी पंछी देख सकते हैं।

आउर प्लेस रेस्त्रां

ये कैफे इतना छोटा है कि इसको ढूंढा लगभग नामुमकिन जैसा लगता है। इस कैफे में यूरोपीय और कॉन्टिनेंटल खाना मिलता है जो बहुत स्वादिष्ट होता है। इस रेस्त्रां में मिलने वाले खाने में ज्यादा तेल मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है जो इसको और भी टेस्टी बना देता है।

स्पाइस गार्डन

ये कैफे मसालों के बागानों से घिरा हुआ है जो इसके नाम पर एकदम फिट बैठता है। इस कैफे की खासियत है यहाँ मिलने वाला लाजवाब भारतीय खाना जो हर घुमक्कड़ को खूब पसंद आता है।

चौथा दिन

टी काउंटी रोड

इस चाय के बागान में आप घूमने के साथ साथ बढ़िया मसाला चाय पीने का मजा उठाया जा सकता है।

एराविकुलाम नेशनल पार्क

आपको एराविकुलम नेशनल पार्क में इसलिए भी आना चाहिए क्योंकि यहाँ एक ऐसा फूल है जो 12 सालों में एक बार ही खिलता है। अगर आपकी किस्मत अच्छी रही तो आपको वो फूल भी दिखाई दे सकता है। बैंगनी रंग के इन फूलों के खिलने पर पूरी घाटी बेहद खूबसूरत लगती है। हरी भरी पहाड़ियाँ इन फूलों से ढक जाती हैं जिसकी वजह से ये नीली दिखाई देने लगती हैं। इस पार्क में आने के लिए आपको 55 रुपए का टिकट लेना होता है। ये पार्क फरवरी और मार्च में बंद रहता है।

पांचवां दिन

मुन्नार की पहाड़ियों की तरफ जाएँ

मुन्नार कुमारकोम से लगभग 150 किमी की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। कुमारकोम से मुन्नार के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है इसलिए आपको मुन्नार जाने के लिए एक छोटी सी रोडट्रिप करनी होती है। इस रोड ट्रिप में 4 से 5 घंटों का समय लगता है।


मुन्नार में घूमने के लिए का सबसे अच्छा तरीका है किराए पर साइकिल लीजिए और यहाँ की घुमावदार पहाड़ियों में घूमने निकल जाइए। इसके अलावा आप किसी भी आयुर्वेदिक स्पा में पारंपरिक केरलाई मसाज करवाने भी जा सकते हैं। मसाज करवाने के लिए आपको 1500 से 3000 रुपए के बीच खर्च करने होंगे जो कि आपके पैकेज की कीमत के ऊपर निर्भर करता है।

 

छठवां दिन

अथिरापल्ली वाटरफॉल्स

त्रिशूर में बताएँ एक दिन

ट्रिप की सबसे खूबसूरत चीजों को आखिर के लिए बचाकर रखना चाहिए। इस दिन आपको अथिरापल्ली वाटरफॉल देखने जाना चाहिए। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस वॉटरफॉल को देखना बहुत सुखद एहसास होता है जिसे आपको मिस नहीं करना चाहिए। अगर आप इस वॉटरफॉल को इसके सबसे खूबसूरत अवतार में देखना चाहते हैं तो आपको बारिश के मौसम में यहाँ आना चाहिए।

वापसी

केरल में आखिरी दिन बिताने के बाद अब आपको वापसी करने का प्लान बनाना चाहिए। वापस जाने के लिए आपको त्रिशूर रेलवे स्टेशन से तमाम गाड़ियाँ मिल जाएंगी। अगर आप फ्लाइट लेना चाहते हैं तो आपको कोच्चि एयरपोर्ट से आसानी से फ्लाइट मिल जाएगी। कोच्चि एयरपोर्ट त्रिशूर से केवल 1 घंटे की दूरी पर है इसलिए आपको कोई परेशानी नहीं होगी।

 

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