दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज गंगा विलास वाराणसी से 51 दिनों के सफर पर निकल चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी, 2023 को हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। देश को इस सबसे लंबे रिवर क्रूज की सौगात मिलने से पर्यटन के क्षेत्र में काफी तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। गंगा विलास को लेकर देश-दुनिया में काफी चर्चा हो रही है। विदेशी पर्यटकों की ओर से काफी पॉजिटिव रेस्पॉन्स देखने को मिला है। लोकप्रियता का आलम ये है कि पहली यात्रा में सिर्फ स्विट्जरलैंड के ही 32 पर्यटक जा रहे हैं।
गंगा विलास उत्तर प्रदेश के वाराणसी से असम में डिब्रूगढ़ के बीच की यात्रा 51 दिनों में पूरा करेगी। गंगा नदी से शुरू होने वाली यह यात्रा ब्रह्मपुत्र नदी पर जाकर 1 मार्च, 2023 को खत्म होगी। इस दौरान यह 27 नदियों के बीच से करीब 32 हजार किलोमीटर की यात्रा करेगी। गंगा नदी के साथ यह भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मातला, सुंदरवन रिवर सिस्टम्स-5, मेघना, पद्मा, जमुना और ब्रह्मपुत्र समेत 27 नदियों से होकर डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।
वाराणसी से डिब्रुगढ़ के बीच यह बांग्लादेश से होकर भी गुजरेगी। इससे पर्यटकों को बांग्लादेश भी घूमने का मौका मिलेगा। गंगा विलास बांग्लादेश में करीब 1,100 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस क्रूज में यात्रा करने वाले पर्यटक नदियों के किनारे स्थित प्रसिद्ध शहरों और पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण भी करेंगे।
गंगा विलास अपने 51 दिनों की यात्रा में पर्यटकों को भारत-बांग्लादेश के 50 प्रमुख स्थलों का भ्रमण कराएगा। इस सफर में पर्यटक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के प्रमुख पर्यटक स्थलों को देख सकेंगे। वाराणसी से गाजीपुर, बक्सर, पटना, मुंगेर, भागलपुर, कोलकाता, ढाका, गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ तक की इस यात्रा में इस क्रूज का करीब 50 जगहों पर ठहराव होगा।
पर्यटक इन पर्यटक स्थलों पर ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को करीब से देखने के साथ भारत की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वैभव का भी अनुभव करेंगे। गंगा आरती, मंदिर-गुरुद्वारा दर्शन, स्मारक, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और सुंदरबन डेल्टा सहित कई स्थलों को देख सकेंगे। भारत की इतिहास, योग, कला, संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। पर्यटक हर रोज गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद उठा सकेंगे।
गंगा विलास में पर्यटकों के लिए सारी सुख-सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। नाम की तरह ही इसमें विलासिता की सभी चीजें मौजूद हैं। यह लग्जरी यात्रा को हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए क्रूज को कई हाइटेक सुविधाओं से लैस किया गया है। म्यूजिक, बार, स्पा, जिम, सनडेक और लाउंज के साथ 40 सीटों वाला एक रेस्त्रां है।
रेस्त्रां में इंडियन के साथ कॉन्टिनेंटल फूड की व्यवस्था है। यात्रा के दौरान विदेशी पर्यटक भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। उन्हें रास्ते से गुजरने वाले स्थानों पर स्थानीय खानपान से भी अवगत कराया जाएगा। इस क्रम में उन्हें जलेबी- कचोरी, चाट, लिट्टी-चोखा, माछ-भात, भुजिया चावल, चूड़ा- मटर और उत्तर भारतीय थाली भी परोसे जाएंगे।
तीन डेक वाले गंगा विलास में 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं। सुइट में कन्वर्टिबल बेड, एलईडी टीवी, बाथ टब की सुविधा वाला लग्जरी बाथरूम दिया गया है। सुइट के साथ एक सुंदर बालकनी दिया गया है, जहां बैठकर चाय-कॉफी की चुस्की के साथ बाहर के खूबसूरत नजारे का आनंद ले सकते हैं। सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, फायर अलार्म लगे हैं और स्टीमर्स भी लगाए गए हैं।
किराया-
गंगा विलास से 51 दिनों की यात्रा के लिए आपको 19 लाख रुपये देने होंगे। सुइट का किराया 38 लाख रुपये है। इसमें प्रति व्यक्ति प्रति दिन लगभग 25,000 रुपये खर्च होंगे। अगर आप इससे यात्रा करना चाहते हं तो Antara Luxury River Cruises की वेबसाइट https://www.antaracruises.com से बुकिंग करा सकते हैं। वैसे कंपनी का कहना है कि अगले दो साल तक के सभी टिकट बुक हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि अगले पांच साल तक के लिए करीब 60 प्रतिशत टिकट बुक हो चुके हैं।
कैसे पहुंचे वाराणसी-
इस यात्रा की शुरूआत वाराणसी से होती है। वाराणसी देश के सभी इलाके से बेहतर ढ़ंग से जुड़ा हुआ है। आप यहां रेल, सड़क या वायु मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।
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