दूसरा दिन (19.03.2019)
सुबह लिटिल प्रिंसेस सिया ने जगाया । हम दोनों बाहर बरामदे में आकर बैठे। पक्षियों का कलरव कानों में मानो शहद घोल रहा था। नींद धीरे धीरे विदा ले रही थी । सामने एकदम शान्त महासागर मानो वो भी अभी नींद में हो ।
चाय तैयार थी। हम जब भी बाहर जाते हैं "अप्सरा इंस्टेंट चाय" के सैशे अपने साथ ले जाते हैं । एक कप गर्म पानी में एक सैशे डालो, चम्मच से मिलाओ और बस ख़ुशबूदार, देसी, कड़क चाय तैयार । चाय की चुस्कियों के साथ हम लोग आज की प्लानिंग कर रहे थे।
आज, मॉरीशस के सबसे ख़ूबसूरत आइलैंड " इले ऑक्स सर्फ्स (Ile Aux Cerfs ) " घूमने का प्लान तय था। यह आइलैंड अपनी ख़ूबसूरती के साथ ही विभिन्न वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिये भी प्रसिद्ध है। अगर आप यहाँ जाते हैं तो बार बार भीगने के लिये तैयार रहिये । वस्त्र ऐसे पहनें जो शरीर पर ही जल्द सूख जाएँ। और हाँ एक जोड़ी अतिरिक्त वस्त्र और तौलिया साथ रखना ना भूलें।
हमारा बैग तैयार था । सुबह 08:00 बजे हमारा पिक-अप तय था । हम फटाफट तैयार होकर ब्रेक-फ़ास्ट के लिये रिसॉर्ट के डेडिकेटेड रेस्त्रां पहुँचे। लाइट ब्रेक-फ़ास्ट के बाद हम लॉबी में थे। यदि आपको सी-सिकनेस या मोशन सिकनेस है तो अपने डॉक्टर की सलाहनुसार हल्के नाश्ते के बाद मेडिसिन ज़रूर लें । आइलैंड का सफ़र स्पीड बोट से होने वाला है जो आपके आन्तरिक तरल को उथल पुथल कर देगा। किसी भी स्थान की सुन्दरता उस स्थान के साथ साथ आपके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। अगर तबियत नासाज़ हुई तो जन्नत भी जहन्नुम के समान लग सकती है।
तय समय पर गाड़ी पोर्च में आ चुकी थी। दो और लोगों को दूसरे रिसॉर्ट से लेते हुए ड्राइवर ने हमें मॉरीशस के मध्य पूर्वी तट के विलेज "ट्रॉउ द'एओ डॉउस ( Trou D'eau Douce )" में स्थित एक वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ के ऑफिस में छोड़ा। यहाँ हमने "इले ऑक्स सर्फ्स (Ile Aux Cerfs )" आइलैंड ट्रिप और कुछ वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिये भुगतान किया।
यहाँ स्थलों के नाम मॉरीशस के कभी फ्रैंच कॉलोनी रहे होने को बखूबी बयाँ करते हैं। मॉरीशस पर सन 1715 से 1810 तक फ़्रेंच आधिपत्य रहा है। यहाँ करीब 90 प्रतिशत जनता द्वारा बोली जाने वाली भाषा मॉरिशिअन क्रियोल (Mauritian Creole ) जो कि फ्रेंच बेस्ड है।
सबसे पहले हमें "ट्रॉउ द'एओ डॉउस ( Trou D'eau Douce )" के बड़े ही सुन्दर समुद्रतट से एक स्पीड बोट द्वारा अंडर-सी-वॉक बोट स्टेशन पर ले जाया गया ।

जैसे ही हम ऑक्सीजन मॉस्क पहनकर पानी में उतरे अन्दर का नज़ारा अनुपम , अविस्मरणीय था। एकदम साफ पानी में विचरण करती छोटी छोटी मछलियाँ , सदियों में बनी कोरल संरचना बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रही थी। इन नयनाभिराम रंगबिरंगी कोरल संरचनाओं को देख कर लग रहा था कि प्रकृति के पास भी अपना कोई महान, अतुलनीय शिल्पकार है। अंडर-सी-वॉक गतिविधि मैंने थाईलैण्ड में भी की है पर ये निश्चित ही अलग और अद्भुत अनुभव था। लिटिल प्रिंसेस के लिये ऐज रिस्ट्रिक्शन के कारण यह एक्टिविटी अलाउड नहीं थी ।

स्पीड बोट द्वारा हमें पुनः तट पर ले जाया गया जहाँ से कार द्वारा एक दूसरे तट पर जहाँ एक बोट आइलैंड जाने के लिये हमारा इंतज़ार कर रही थी।
आइलैंड जाने के लिये दो ऑप्शन में से आप चुनाव कर सकते हैं - 1. सीधे आइलैंड जाना या 2. एक वॉटर फॉल विज़िट करते हुए आइलैंड पहुँचना। दोनों के प्राइस में सिग्निफिकेन्ट अंतर था। यूँ तो हम भारतवासियों के लिये वॉटरफॉल आम बात है पर मैंने कहीं पढ़ा था कि वॉटरफॉल के लिये जाने वाला रास्ता बेहद ख़ूबसूरत है इसलिये हमने दूसरा वाला ऑप्शन चुना।
और अब हम निकल पड़े थे, समुद्र फ़िर लैगून से होते एक सुन्दर सी बोट में इले ऑक्स सर्फ्स (Ile Aux Cerfs ) के शानदार सफ़र के लिये। के रास्ता वाक़ई में बेहद ख़ूबसूरत था। कहीं हरा कहीं नीला पानी , पानी के मध्य में हरी भरी झाड़ियाँ , वॉटरफॉल के पास ऊँची ऊँची चट्टानों का किनारा, ये अद्भुत नज़ारा मानों उस तुलिकार ने प्रकृति का सारा सौन्दर्य बस यहीं उँड़ेल दिया था। साग़र में हौले हौले विचरण करती केट'मरैन बोट्स तो कभी कुलाँचे मारकर भागती हुई स्पीड बोट्स समुद्र के दृश्य को और भी सुन्दर बना रही थी।







वॉटरफॉल विज़िट के बाद अब हमारी बोट साग़र के मध्य में थी जहाँ दिशाओं में दूर दूर तक बस पानी ही पानी नज़र आ रहा था। सामने थी एक बोट जो एक और एक्टिविटी "बम्पी राइड" के लिये तैयार थी।

हमारी बोट में सवार अन्य यात्री बारी बारी से राइड ले रहे थे । राइड के दौरान उनकी एक्साइटिंग आवाज़ें, राइड के बाद उनका एकदम एक्सीलेंट वाला रिऐक्शन हमें रोमांचित कर रहा था और हम और बेसब्री से अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। सबसे अन्त में हमारा नम्बर आया। हम तीनों सर्फ़िंग ट्यूब में बैठे। राइड स्टार्ट हुई, एक बड़ा सा राउंड लगा और देखा तो वो बोट जिसमें हम आये थे वो ग़ायब !!! एक तरफ़ बोट में रखे सामान की चिन्ता और दूसरी तरफ़ राइड का मज़ा , अज़ीब सा भावनाओं का मिश्रण हो रहा था, फ़िर सोचा जो होगा देखा जाएगा अभी राइड का आनन्द लेते हैं , शायद सुबह जो हमारे साथ आये थे वो सामान का ध्यान रख लेंगे। .............और फ़िर हम इसी ट्यूब में बैठकर किलोमीटर्स दूर आईलैंड के तट पर पहुँचे। हमारी बोट वहीं किनारे पर खड़ी थी और सामान बोट में सुरक्षित था और वो सहयात्री भी हमारा इंतज़ार कर रहे थे। तो इस तरह इस अद्भुत आइलैंड पर हमारी अद्भुत एंट्री जीवनपर्यंत याद रहेगी।
एकदम पारदर्शी हरा पानी और व्हाइट महीन सैंड .......इस आइलैंड के बारे में जितना सुना था उससे बढ़कर सुन्दर पाया।

अब हम लोग अपनी आज की अंतिम एक्टिविटी "पैरासेलिंग" के लिये जा रहे थे। एक छोटी बोट से हमें पैरासेलिंग स्टेशन पर पहुँचाया गया। पैराशूट से नीचे साग़र का दृश्य एकदम शानदार दिख रहा था। पारदर्शी हरे तटीय साग़र और गहरे नीले साग़र की मिलन रेखा स्पष्ट दिखाई दे रही थी। इस सौन्दर्य का शब्दों में वर्णन सम्भव ही नहीं है।


पैरासेलिंग के बाद हम लोग पुनः आइलैंड पर थे । पानी में कुछ मस्ती , और यहाँ स्थित रेस्त्रां में कुछ खाने पीने के बाद अब लौटने की बारी थी। शाम को 4:00 बजे के बाद यहाँ किसी को रुकने की अनुमति नहीं है । हम अपनी उसी बोट में सवार हुए और इस अप्रतिम सौन्दर्य को आँखों में भर लौट चले रिसॉर्ट की ओर।....................