राजस्थान की वो 12 जगहें जिन्हें देखकर आप भी कहेंगे पधारो म्हारो देश

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राजस्थान अपने विशाल स्मारक, लाज़वाब व्यंजन, गौरवशाली विरासत और लोक संस्कृति के लिए जाना जाता है। इस राज्य के कोने कोने में आपको अमर राजाओं और राजकुमारों की बहादुरी की प्रशंसा करती कहानियाँ जानने को मिलेंगी। राजस्थान के हर मोड़ पर एक नया अनुभव आपका इंतजार कर रहा होता है। डेजर्ट सफारी करना, ऐतिहासिक किले देखना, शानदार राजस्थानी थाली का स्वाद लेना या लोक प्रदर्शन देखना, यहाँ करने और देखने के लिए असीमित जगहें हैं। राजस्थान एक बहुत बड़ा राज्य है, और पर्यटक अक्सर इस भव्य राज्य के सबसे खूबसूरत शहरों को देखना चाहते हैं। यदि आप राजस्थान आने का सोच रहे हैं, तो हम आपको बताते हैं कि राजस्थान में छुट्टियाँ मनाने के दौरान आपको किन जगहों को मिस नहीं करना चाहिए।

1. जयपुर

जयपुर, जिसे गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से है। 1727 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा स्थापित, ये शहर अपने विभिन्न महलों, किलों और अद्भुत शॉपिंग अनुभव की वजह से पर्यटकों का प्रिय है। जयपुर की पहचान, हवा महल वो जगह है जो हर किसी को देखना चाहिए। हवा महल के पीछे का कॉन्सेप्ट ही काबिले तारीफ है- एक महल जहाँ बैठकर शाही घराने की महिलाएँ सड़कों पर दैनिक जीवन का निरीक्षण कर सकें। इसके बाद आता है आमेर किले जहाँ का अनूठा राजसी माहौल आपको राजा महाराजा के ज़माने में ले जाएगा।

यदि आपको लगता है जयपुर केवल महल और किलों के लिए जाना जाता है तो आपने शायद अबतक लक्ष्मी मिष्ठान भंडार का नाम नहीं सुना है। जयपुर की ये जगह खानपान के शौकीनों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। यदि आप जनवरी में जयपुर जा रहे हैं, तो आपको जयपुर साहित्य महोत्सव में भाग लेना चाहिए। किताबों से लगाव रखने वाले लोगों के लिए ये बढ़िया जगह है।

2. जैसलमेर

जैसलमेर वो शहर है जिसका नाम इसके जादुई एहसास को बयां करने के लिए काफ़ी है। रेत के टीलों से भरे रेगिस्तान में ऊंट सफारी, जैसलमेर के मिलने वाले सर्वोच्च अनुभवों में से है। अंतहीन रेगिस्तान, ऊपर टिमटिमाते सितारे और हवा की कोमल थपकियों के बीच कैंपिंग करने का मजा आपको केवल जैसलमेर में मिलेगा। यकीन मानिए ये सभी चीज़ें अरेबियन नाइट्स की एक सेटिंग की तरह लगती हैं।

हालाँकि, यहाँ डेजर्ट सफारी के अलावा और भी बहुत चीजें हैं। आप जैसलमेर का किला देख सकते हैं, जो शुरू से अपनी राजसी कहानियों और पुराने संग्रहालय के दम पर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता आया है। इसके अलावा, इस रेगिस्तानी शहर में आपको धनी व्यापारियों द्वारा निर्मित सुंदर और शानदार हवेलियां भी देखने मिलेंगी। इनमें से सबसे प्रसिद्ध पटवों की हवेली है। यदि आप चाहें तो द लस्सी शॉप में भांग भी आज़मा सकते हैं, जिसे मूल रूप से द भांग शॉप के नाम से जाना जाता है। जैसलमेर में आयोजित डेजर्ट फेस्टिवल, राज्य की प्रामाणिक संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है, और यहाँ आपके जरूर जाना चाहिए।

3. उदयपुर

उदयपुर वो राजस्थानी शहर है निश्चित तौर पर स्टाइल से पर्यटकों को लुभाना जनता है। झीलों के शहर के नाम से मशहूर इस भारतीय शहर से जुड़े सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक पिछोला झील देखने लायक है। इसके चमकीले पानी पर तैरता है लेक पैलेस जिसका निर्माण 18वीं शताब्दी शुद्ध संगमरमर से किया गया था। कहने की जरूरत नहीं है, कि पिछोला झील के किनारे खड़ा लेक पैलेस दुनिया की सबसे रोमांटिक सेटिंग प्रस्तुत करता है।

सिटी पैलेस दिन के समय देखने लायक है। सिटी पैलेस छोटे छोटे गलियारों से भरा हुआ है जो महल के आंगनों और अन्य कमरों की ओर ले जाते हैं। उदयपुर के अन्य दर्शनीय स्थलों में से एक रणकपुर का अविश्वसनीय जैन मंदिर और फतेह बाग पैलेस, जिसको अब एक हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है। राजस्थान के लोक संगीत और नृत्य को देखने के लिए बागोर-की-हवेली में जा सकते हैं जहाँ आपको पूरे राजस्थान से आए नर्तकों और कलाकारों द्वारा प्रस्तुति देखने मिलेगी। यदि आप विंटेज कारों के प्रेमी हैं, तो विंटेज और क्लासिक कार संग्रहालय देख सकते हैं, जिसमें कुछ दुर्लभ और पुरानी कारें हैं या फिर, उदयपुर विश्व संगीत समारोह में भी शिरकत कर सकते हैं।

4. जोधपुर

जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, जिसे प्यार से "ब्लू सिटी" के नाम से जाना जाता है। ये पारंपरिक के साथ साथ आधुनिक विकास को बेहद सुंदर तरीके से मिश्रित करता है। एक पर्यटक के रूप में, आपके पास यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है। हालांकि, यहाँ का सबसे प्रमुख आकर्षण मेहरानगढ़ किले का है, जहाँ से शहर के बाकी हिस्से साफ दिखाई देते हैं। इस किले में जोधपुर फ्लेमेंको और जिप्सी फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, जहाँ स्पेन और राजस्थान की जिप्सी संस्कृति का जश्न मनाया है।

जोधपुर कई पर्यटक आकर्षणों का घर है। इनमें से एक उम्मेद भवन पैलेस है, जो 20वीं शताब्दी में बना एकमात्र महल है और इसे दुनिया के प्राइवेट घरों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा जसवंत थड़ा देखा जा सकता है, जो 19वीं शताब्दी के अंत में नेता जसवंत सिंह को श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया सफेद स्मारक है। जोधपुर में आप जिप लाइनिंग टूर कर सकते हैं, जिसको फ्लाइंग फॉक्स भी कहा जाता है। इस जिप लाइनिंग टूर से आपको इस खूबसूरत शहर के कई हिस्सों के अलावा मेहरानगढ़ किले का एक हवाई नजारा भी दिखाई देता है।

5. पुष्कर

अजमेर के उत्तर पश्चिम में स्थित पुष्कर, भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। पुष्कर की एक बात जो इस शहर को अन्य राजस्थानी शहरों से अलग करती है वो ये है कि पुष्कर में दुनिया का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है। ब्रह्मा मंदिर के अलावा, यहाँ पुष्कर झील देखने लायक है। कोई भी तीर्थ यात्रा, "तीर्थ राज" और सभी तीर्थ स्थलों के राजा के नाम से मशहूर, पुष्कर झील में डुबकी के बिना पूरी नहीं मानी जाती है।

पुष्कर कई मंदिरों का घर है, जिनमें से सभी मंदिर अपने अद्वितीय इतिहास और पौराणिक कथाओं के लिए जाने जाते हैं। इस जगह पर जाने के लिए बेहतर समय पुष्कर मेला होता है। ये पॉंच दिवसीय वार्षिक मेले में पशुधन की खरीद और बिक्री की जाती है। इसे दुनिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक होने का गौरव भी प्राप्त है।

6. बीकानेर

राजस्थान के उत्तरी क्षेत्र में स्थित बीकानेर अपने किलों, मंदिरों और ऊंटों के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेर को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा इस्तेमाल किए गए दो मॉडलों में से एक होने का गौरव मिला हुआ है।

बीकानेर में होते हुए आपको जूनागढ़ किले की यात्रा करनी चाहिए। 1588 ईस्वी में निर्मित, इस किले पर कभी कब्जा नहीं किया जा सका। देखने लायक दूसरी जगह ऊंट पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र है। शहर से लगभग 8 किमी. दूर स्थित, ये एशिया में अपनी तरह की एकमात्र जगह है। 1898 और 1902 के बीच ब्रिटिश वास्तुकार सर सैमुअल स्विंटन जैकब द्वारा डिजाइन किया गया लक्ष्मी निवास पैलेस को अब एक लग्ज़री होटल में बदल दिया गया है। आप करणी माता मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। ये वो मंदिर है जहाँ चूहों को देवताओं के रूप में पूजा जाता है। हालाँकि, बीकानेर की आपकी यात्रा का मुख्य आकर्षण बीकानेर कैमल फेस्टिवल है। "रेगिस्तान के जहाज" को समर्पित ये एक वार्षिक उत्सव है जहाँ ऊंट की दौड़ और ऊंट ब्यूटी कंपटीशन जैसे अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

7. बूंदी

कोटा से लगभग 36 किमी. दूर स्थित बूंदी आकर आपको किसी परीकथा में होने का आभास होगा। बूंदी अपनी शानदार लोकेशन और बेमिसाल वास्तुकला की वजह से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बूंदी के तमाम पर्यटन स्थलों में से एक है बूंदी पैलेस। इस शहर में राजपूत शैली की वास्तुकला में निर्मित कई शानदार संरचनाएँ हैं। इनमें सुख महल (वो महल जहाँ रुडयार्ड ने अपना उपन्यास किम लिखा था), तारागढ़ किला (बढ़िया राजपूत वास्तुकला का एक उदाहरण) और रानीजी की बावड़ी (राजा की बावड़ी के रूप में भी प्रसिद्ध) शामिल हैं।

बूंदी के तमाम आकर्षणों में शहर की झीलें भी शामिल हैं। जैत सागर झील, नवल सागर झील और कनक सागर झील देखकर आपको वाकई अच्छा लगेगा। आप रामगढ़ विशधारी सैंक्चुरी में वन्यजीवों को भी देख सकते हैं। यदि आप बूंदी में हैं, तो बूंदी महोत्सव में जरूर भाग लें। नवंबर में मनाया जाने वाला ये उत्सव पारंपरिक कला, संस्कृति और शिल्प कौशल का एक बेजोड़ संगम है।

8. अलवर

राजस्थान की हर एक ट्रिप में अलवर की यात्रा जरूर शामिल होनी चाहिए। सबसे पुराने शहरों में से एक होने के अलावा, ये सबसे हाल में बने राजपूत राज्यों में से है। यहाँ देखने के लिए किले, महल और वन्य जीवन है। यहाँ देखने लायक कुछ स्मारक हैं जिसमें बाला किला (युवा किला), अलवर सिटी पैलेस (जो राजपूताना और वास्तुकला की इस्लामी शैली को जोड़ती है), पैलेस संग्रहालय और पांडु पोल (माना जाता है कि उनके निर्वासन के दौरान पांडवों की शरणस्थली थी) शामिल हैं। यदि आप राजस्थान में कुछ एडवेंचर करना चाहते हैं तो सरिस्का टाइगर रिजर्व आपको यकीनन पसंद आएगा। सरिस्का रिजर्व रॉयल बंगाल टाइगर के अलावा अन्य प्रकार के जीव-जंतुओं का भी घर है, जिनमें तेंदुआ, काराकल, जंगली बिल्ली और धारीदार बिल्ली शामिल हैं।

9. भरतपुर

भरतपुर राजस्थान का वो शहर है जिसका इतिहास 5वीं शताब्दी से चला आ रहा है। ये शहर केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के लिए जाना जाता है जो दुनिया के सबसे अच्छे पक्षी देखने के स्थलों की सूची में शामिल है। ये जगह पर आप प्रवासी पक्षी जैसे बतख, गीज़, वेडर्स, रैप्टर और फ्लाईकैचर देख सकते हैं। इसके अलावा आप लोहागढ़ किला, डीग और गंगा मंदिर भी देख सकते हैं। यहाँ भरतपुर पैलेस और संग्रहालय भी है जिसमें बड़ी संख्या में पुरानी चीजें प्रदर्शित की गई हैं। इस संग्रहालय में 58 से अधिक पत्थर की मूर्तियां, 861 स्थानीय कला और शिल्प से जुड़ा सामान और प्राचीन ग्रंथ हैं जो भरतपुर की विशिष्ट कला और संस्कृति को दर्शाते हैं। अगर आप होली से कुछ दिन पहले यहाँ आते हैं, तो आप ब्रज होली महोत्सव में जा सकते हैं। त्योहार का मुख्य आकर्षण रासलीला नृत्य है जो बड़े उत्साह और एकता के साथ किया जाता है।

10. झालावाड़

झालावाड़, जिसे कभी बृजनगर कहा जाता था, अपने समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र की लोकप्रियता यहाँ मिलने वाले लाल अफीम के खेतों और नारंगी लदे बागों के कारण है। यहाँ के प्रमुख आकर्षण झालावाड़ किला और झालावाड़ सरकारी संग्रहालय हैं। झालावाड़ के अन्य पर्यटन स्थलों में भवानी नाट्यशाला है, जो कला की दुनिया में अजूबा है। ये शहर चंद्रभागा मेले के लिए भी जाना जाता है। झालावाड़ से लगभग 90 किमी. दूर प्राचीन बौद्ध गुफाएँ और स्तूप हैं। गुफाओं में भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति और नक्काशीदार स्तूप है जो सभी को देखना चाहिए।

11. अजमेर

अजमेर का अर्थ है "अजेय पहाड़ियाँ"। अजमेर की पहचान दरगाह शरीफ से की जाती है, जिसमें गरीब नवाज का मकबरा है जिन्हें मोइनुद्दीन चिश्ती के नाम से भी जाना जाता है। 13वीं शताब्दी में बनी अजमेर शरीफ दरगाह में सभी धर्मों के लोगों को प्रार्थना करने की आजादी है। अजमेर बेहद खूबसूरत शहर है। राजस्थान के अन्य शहरों की तुलना में इस शहर की चमक देखते बनती है। अजमेर में शायद आपको कोई बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल न मिले लेकिन इस शहर की खूबसूरती यहाँ के बाजारों और गलियों में दिखाई देती है। अजमेर खरीदारी करने के लिए बढ़िया ऑप्शन है। यदि आप राजस्थान आने का मन बना रहे हैं तो अजमेर आपकी लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए।

12. सवाई माधोपुर

आमतौर पर किसी भी राजस्थान टूर पैकेज में सवाई माधोपुर की यात्रा नहीं शामिल होती है। लेकिन ये एक ऐसी जगह है जो वाकई आपको राजाओं के ज़माने में ले जाएगी। इस जगह का राजसी माहौल, आकर्षक इतिहास और विविध लैंडस्केप देखने लायक हैं। साहसिक और ऐतिहासिक प्रेमियों को यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा। यहाँ रणथंभौर किले देखा जा सकता है जो "जौहर" करने वाली शाही महिलाओं की ऐतिहासिक कथा से जुड़ा हुआ है। इसके बाद घुश्मेश्वर मंदिर है, जिसे भगवान शिव के 12वें और अंतिम ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। टोंक देखने लायक जगह है जिसमें कोलोनियल इमारतें, चित्रित मस्जिदें और प्राचीन पुस्तकें हैं। सवाई माधोपुर से करीब 14 किमी. दूर स्थित है विश्व प्रसिद्ध रणथंभौर पार्क जहाँ आप बाघ के अलावा चिंकारा, सांभर, चीतल और पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियाँ देख सकते हैं।

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