रुपिन पास: उत्तराखंड का ये खूबसूरत और दुर्गम ट्रेक आपको हिमाचल प्रदेश पहुँचा देगा, जानिए

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Photo of रुपिन पास: उत्तराखंड का ये खूबसूरत और दुर्गम ट्रेक आपको हिमाचल प्रदेश पहुँचा देगा, जानिए by Rishabh Dev

जो लोग प्रकृति के करीब रहना पसंद करते हैं और एडवेंचर का शौक रखते हैं। उन लोगों के लिए ट्रेकिंग एक बेहतर विकल्प है। भारत में ट्रेकिंग करने वालों की कोई कमी नहीं है। ऊँची-ऊँची पहाड़ों पर जाना हर किसी को पसंद होता है। ऊँचाई से दिखाई देना वाले ऐसे नजारे आपको और कहीं नहीं मिलेंगे। आपको ऐसे ही किसी ट्रेक पर जाना है तो रुपिन पास एक बढ़िया जगह है। इस लंबे ट्रेक में आपको रोमांच और कुदरती खूबसूरती दोनों देखने को मिलेगी।

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रुपिन पास उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के उत्तरकाशी में स्थित है। रुपिन पास समुद्र तल से 4,650 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। रुपिन पास उत्तराखंड के धौला से शुरू होता है और हिमाचल प्रदेश के सांगला में समाप्त होता है। रुपिन पास किसी जन्नत से खूबसूरत नहीं है। रुपिन पास ट्रेक लगगभग 52 किमी. का है और इसे पूरा करने में लगभग 7 दिन का समय लगता है। यहाँ आपको बुग्याल, पहाड़, ग्लेशियर और झरने देखने को मिलेगे।

रुपिन पास ट्रेक

दिन 1: शिमला से जिस्कुन

रुपिन पास ट्रेक के लिए सबसे पहले आपको दिल्ली से शिमला पहुँचना होगा। दिल्ली से शिमला के लिए कई वॉल्वो और सरकारी बसें चलती हैं। शिमला से अगले दिन आपको जिस्कुन के लिए निकलना होगा। शिमला से जिस्कुन लगभग 190 किमी. की दूरी पर है। रोहड़ू होते हुए आप जिस्कुन पहुँचेंगे। शिमला से जिस्कुन पहुँचने में पूरा दिन लग जाएगा। रात में जिस्कुन में ही ठहरें।

दिन 2: जिस्कुन से जाखा

अगले दिन सुबह-सुबह उठकर खूबसूरत सूर्योदय को देखिए। नाश्ता करने के बाद पैदल चलना शुरू कर दीजिए। जिस्कुन से ही रुपिन पास का ट्रेक शुरू होता है। जिस्कुन से जाखा लगभग 9 किमी. की दूरी पर है। जाखा पहुँचने में लगभग 5-6 घंटे का समय लगेगा। जाखा समुद्र तल से 8,740 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। ट्रेक के दौरान आपको बेहद शानदार नजारे देखने को मिलेंगे। पहले दिन के ट्रेक में आपको ज्यादा थकान महसूस होगी। रात में आप जाखा में होमस्टे में ठहर सकते हैं।

दिन 3: जाखा से सरुवास थच

अगले दिन आपका ट्रेक जाखा से शुरू होगा और सरूवास थच पर खत्म होगा। जंगलों से गुजरने वाला ये रास्ता आपको खूबसूरत घाटी से ले जाएगा। आपका रुपिन नदी के किनारे भी चलेंगे। उदाकनल नाम की एक जगह आएगी उसके बाद आप सरुवास थच पहुँचेंगे। जाखा से सरुवास थच 8 किमी. की दूरी पर है। इस ट्रेक को पूरा करने में आपको लगभग 5-6 घंटे का समय लगेगा।

दिन 4: सरुवास थच से धनदेरस थच

अगले दिन आपको जल्दी उठने की कोई जरूरत नहीं है। आराम से उठिए और सुरमई सुबह का आनंद लीजिए। इस दिन आपको छोटा-सा ट्रेक करना होगा। सरुवास थच से धनदेरस थच की दूरी लगभग 3 किमी. है। आप कुछ ही घंटे में धनदेरस थच पहुँच जाएँगे। आपको रास्ते में लोअर वाटरफॉल देखने को मिलेगा। धनदेरस थच समुद्र तल से 11,700 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।

दिन 5: धनदेरस थच से अपर वाटरफॉल

अगले दिन सुबह-सुबह उठकर खूबसूरत सूर्योदय का आनंद लीजिए। इसके बाद अपर वाटरफॉल को देखने के लिए निकल पड़िए। अपर वाटरफॉल 4 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग 3-4 घंटे का समय लगेगा। पहाड़ों के बीच इस खूबसूरत झरने को देखकर आपका दिल मदहोश हो जाएगा। अपर वाटरफॉल समुद्र तल से 13,275 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। रात में टेंट लगाकर आप वहीं आराम कर सकते हैं।

दिन 6: अपर वाटरफॉल से रुपिन पास

अगले दिन सुबह-सुबह 3 बजे उठिए और रुपिन पास के लिए निकल पड़िए। कैंप साइट से रुपिन पास पहुँचने में आपको लगभग 4-5 घंटे लग जाएँगे। सुबह-सुबह रुपिन पास का सुंदर नजारा भी आपको देखने को मिलेगा। रुपिन पास में कुछ देर ठहरने के बाद बाद आप रोंती गोड के लिए निकल पड़िए। शाम तक आप रोंती गोड पहुँच जाएँगे। रात में रोंती गोड में ठहरें।

दिन 7: रोंती गोड से सांगला

रुपिन पास ट्रेक का ये आखिरी दिन है। सुबह-सुबह नाश्ता करके आप रोंती गोड से सांगला के लिए चल पड़िए। रोंती गोड से सांगला लगभग 12 किमी. की दूरी पर है। सांगला पहुँचने में आपको लगभग 6 घंटे का समय लगेगा। सांगला पहुँचने पर यह ट्रेक खत्म हो जाएगा। सांगला से आप शिमला बस से जा सकते हैं। इस तरह रुपिन पास का ट्रेक शुरू तो उत्तराखंड में होता है और हिमाचल प्रदेश में जाकर पूरा होता है।

कब करें ट्रेक?

रुपिन पास ट्रेक करने के लिए 15,000 फीट की ऊँचाई से ज्यादा की जगह पर चढ़ाई करनी होती है। ये ट्रेक साल में कुछ ही महीनों के लिए खुला रहता है। रुपिन पास ट्रेक को करने के लिए सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर का माना जाता है।

सुझाव:

1. रुपिन पास की यात्रा के दौरान अपने साथ फोटो और पहचान पत्र साथ में रखें।

2. अपने साथ गर्म कपड़े, पानी की बोतल और जरुरी सामान रखें।

3. इस लंबे ट्रेक में अपने साथ फर्स्ट एड की किट रखना ना भूलें।

4. इस लंबे ट्रेक में आपको अपने साथ गाइड जरूर लेना चाहिए। स्थानीय लोग रहेंगे तो रास्ता खोजने में आसानी होगी।

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