दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी

Tripoto
23rd Dec 2020
Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal
Day 1

भारत में वैसे तो कई हॉन्‍टेड प्‍लेस हैं, यानी ऐसी जगहें जो भुतहा तो हैं ही साथ साथ में डरावनी भी हैं । राजस्‍थान के किले तो इन चीजों के लिए काफ़ी मशहूर हैं । भानगढ़ के किले के किस्‍से भी आपने खूब सुने होंगे। पर क्या आपने दिल्ली में स्थित एक ऐसे हॉन्टेड प्लेस के बारे में सुना है जहां खुद पुलिस भी लोगों को जाने से रोकती है।दरअसल, हम बात कर रहे हैं दिल्ली में स्थित 'भूली भटियारी महल' की जहां आज भी ऐसी भूताह घटनाएं होती हैं की लोग वहां जाने से पहले 100 बार सोचते हैं।

दिल्ली का करोल बाग़ यहां का सबसे व्यस्त बाजार है। पर यहां पर कुछ ऐसे राज दफन है जिसके बारे में बहुत कम ही लोगो को पता है |आज हम आपको दिल्ली के एक ऐसे भूतिया महल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आज भी लोग जाने से कतराते हैं।

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal

भूली भटियारी महल का इतिहास:-

इस महल के बारे में कई सारी कहानियां प्रचलित है।इस महल का निर्माण राजा फिरोज तुगलक ने कराया था जो कभी राजा का शिकारगाह भी माना जाता है।लेकिन राजा की रानी को यह जगह काफी पसंद आई थी तो उसने इसी रानी के रहने की जगह बना दिया था। राजा अपनी इस रानी से बहुत प्यार करता था।

एक दिन राजा ने रानी को किसी और के साथ यहाँ मोहब्बत करते हुए देख लिया था। राजा को यह बात बिलकुल पसंद नहीं आई और उसने रानी को सदा के लिए इसी जंगल में कैद कर दिया। ऐसा बताया जाता है कि रानी ने इसी जंगल में अपना दम तोड़ दिया था। कोई कहता है कि रानी को जंगली जानवर खा गये थे। वहीँ कुछ लोग बताते हैं कि रानी ने इसी जगह आत्महत्या कर ली थी।

रानी के मृत्यु का तो किसी पर कोई पक्का सबूत नहीं है लेकिन लोगों के अनुसार तभी से रानी की आत्मा राजा से बदला लेने के लिए तड़प रही है।अब जब वह राजा से बदला नहीं ले पाती है तो तभी से यहाँ आने वाले लोगों को वह सताना शुरू कर देती है।

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal


इस महल को लेकर कुछ और कहानियां भी सुनी जाती है। कुछ कहानी में बताया जाता है कि यहां पर एक भटियारिन आयी थीं । भटियारिन यानी राजस्‍थान के आदिवासी कबीलों की एक महिला जो अपना रास्‍ता भूल गई थी । उसे ही ये जगह मिली और वो यहीं की हो गई । इस महिला के बाद इस जगह को ‘भूली भटियारी’ कहा जाने लगा । ये नाम स्‍थानीय लोगों में प्रचलित हुआ और आज भी इसी नाम से ये जगह जानी जाती है ।

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal

एक अन्य कहानी भी हैं इस जगह के बारे में कि इस जगह का नाम तुगलक वंश के सूफी संत बल-अली-बक्थियारी के नाम पर रखा गया था। इसी को आम लोगों ने तोड़-मरोड़कर भूली भटियारी कहना शुरू कर दिया।

इस तरह की और भी कहानियां है जिसमे इस महल को भूतिया बताया गया है। वैसे ऐसी कहानियां का किसी भी पुराने इतिहास की किताबों में जिक्र नही आता है। खैर किसी को भूत इधर मिले या नही मिले लेकिन आप अगर पुरानी इमारतों को देखने के शौकीन है और एकांत पसंद इंसान है। तो आपको यहाँ आना चाहिए। 

महल का स्ट्रक्चर:-

महल में एक ही प्रवेश द्वार है जिसमे एक छोटी सी गैलरी बनी हुई है फिर एक द्वार और है जिसको पार करने के बाद एक बडा सा आंगन(अहाता) आता है। जिसमे कुछ छोटे कोठरी (छोटे कमरे) बने हुए है। जहां पर कभी सैनिक या नौकर चाकर रहा करते होंगे। या फिर रसोईघर के रूप में उपयोग किया जाता होगा। महल में कुछ टॉयलेट जैसी बनावट के स्ट्रैचर भी मौजद है। एक सीढीदार रास्ता ऊपर की मंजिल पर चला जाता है। ऊपर भी दो एक जैसे टॉयलेट जैसे स्ट्रैचर बने है जो शायद जनाना और मर्दाना हो सकते है। बाकी कुछ कमरे भी रहे होंगे जो आज मौजूद नही है।

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal

करोल बाग़ में बग्गा लिंक से एक रोड एक वीरान जंगल की ओर जाती है जहा ना कोई दरवाजा है और ना ही कोई गेट | यहां पर केवल आपको एक बोर्ड पर ये लिखा मिलेगा कि सूर्यास्त के बाद इस वीरान जगह पर आने की पाबंदी है | इस जगह पर कोई गार्ड भी नही है और ऐसा कहा जाता है कोई भी गार्ड यहां एक रात से ज्यादा रुक नही पाता है |

ऐसी धारणा है कि कई गार्डों ने यहां रात में रानी के साए को घूमते हुए देखा है। कोई भी गार्ड यहां एक दिन से ज्यादा नहीं टिक पाया है। जो भी रात को यहां रुका, नकारात्मक शक्ति से उसका सामना हुआ और उसका अहित हुआ। आज स्थिति यह है कि इस महल में कोई भी गार्ड नहीं रहता है। दिन के समय भी यदि आप इस स्थान पर अकेले जाएंगे, तो आपको हवा में एक अजीब सी हलचल महसूस होगी। एक मान्यता के अनुसार एक फकीर का अभिशाप भी इस महल से जुड़ा है।

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal
Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal

आवश्यक जानकारी

. खुलने का समय:- सुबह 8 बजे से 5.30 बजे

. अवकाश:- कोई अवकाश नहीं। साल में 365 दिन खुला रहता है।

. प्रवेश टिकट:- निशुल्क

. फोटोग्राफी:- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी निशुल्क

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal

कैसे पहुंचे:-

महल देखने के लिए आप झंडेवालान मेट्रो स्टेशन पर उतरे और लगभग 600 mtr पैदल चल कर यहा पहुँच सकते है। सड़क मार्ग से आने के लिए आप करोल बाग के बग्गा लिंक पहुँचे या फिर हनुमान मंदिर(बड़ी मूर्ति वाले हनुमान) पर पहुँचे। महल का रास्ता इनके पीछे से ही जाता है।

भूली भटियारी का महल पता:-

सेंट्रल रिज रिजर्व फॉरेस्ट, 108 फुट संकट मोचन धाम, सिद्ध हनुमान मंदिर के पीछे, नई दिल्ली।

Photo of दिल्ली के करोल बाग़ में भी छुपा हैं एक भूतिया किला, जहां शाम 5 बजे के बाद हैं जाने की पाबंदी by Yadav Vishal