ये जगहें हैं भारत की कुछ नायाब निशानियाँ, जो दोहराती है अपने अमर प्रेम की कहानियाँ

Tripoto
4th Jan 2021
Photo of ये जगहें हैं भारत की कुछ नायाब निशानियाँ, जो दोहराती है अपने अमर प्रेम की कहानियाँ by Smita Yadav
Day 1

भारतीय इतिहास के पन्ने पलटकर देखेंगे तो आपको उसमें कई सारी प्रेम कहानियां दर्ज मिलेगी। हर जमाने में प्रेम की कई गाथाएं सुनी सुनाई जाती है। अपने प्रेम को अमर बनाने के लिए प्राचीन काल में कई ऐतिहासिक इमारतें भी बनवाई गयी हैं जो आज भी उनके अमर प्रेम की गाथाओं को संजोकर रखे हुए है। आज भी उन स्थानों को देखकर मन खुश हो जाता है। लोग आज भी इन प्यार की कहानियों से भरी ऐतिहासिक जगहों को देखने जाते है और उन यादों को भी सुनते है जिसके कारण यह इमारतें बनी। चलिए हम आपको देश की कुछ ऐसी ही धरोहरों के बारे में बताते है जो आज भी अपने प्यार को जिंदा रखे हुए है और प्यार की मिसाल बनकर खड़ी है।

जी हाँ दोस्तों! आज मैं उन ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के बारे में बताऊँगी जो अपनी अमर प्रेम गाथाओं से पूरे विश्व में जाने जाते हैं जिनकी कहानियां युगों-युगों से लोगों के बीच दोहराई जाती रही है।

पुणे, महाराष्ट्र का मस्तानी महल, शनिवारवाड़ा किला:

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अगर आपने कभी इतिहास के पन्नों को पलटा हो तो आप सभी जानते होंगे कि पेशवा बाजीराव द्वारा शनिवारवाड़ा किला वर्ष 1730 में बनवाया गया था। यह किला भी अपने में कई ऐतिहासिक कथाओं को समेटे हुए है। पुणे का सम्मान और गौरव के रूप इस किले को पहचान मिली है। यह किला प्रथम बाजीराव और उनकी दूसरी पत्‍नी मस्तानी का घर हुआ करता था। बताया जाता है कि धार्मिक निष्ठाओं में भिन्नता होने के कारण कानूनी रूप से पेशवा बाजीराव के परिवार ने मस्तानी को पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया था जिसके कारण शनिवारवाड़ा किले में ही बाजीराव ने मस्तानी महल का निर्माण करवाया और वहां पर दोनों दोनों साथ रहा करते थे। परन्तु मस्तानी महल को अब नहीं देखा जा सकता है क्योंकि इसे ख़त्म कर दिया गया है। अब केवल अवशेष ही यहाँ दिखाई देते है। केवल किले की द्वार पर एक छोटे से नोटिस के रूप में लिखा है “मस्तानी दरवाज़ा”। जिसे आप आज भी देख सकते है। और उनके प्रेम की अलौकिक सुंदरता का दृश्य आज भी वहां देखने को मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश, आगरा में प्यार का प्रतीक ताजमहल:

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जहां प्यार की बात आए और जिक्र ताजमहल का न हो तो ऐसा हो नहीं सकता। इससे ज्यादा भव्य और राजसी प्यार का कोई प्रतीक नहीं है। और आपको बता दूं कि ताजमहल की खूबसूरती के पीछे शाहजहाँ और उनकी प्यारी पत्नी मुमताज महल की बेइंतहा मोहब्बत ही है जो आज यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है। साथ ही यह प्यार की निशानी भी है। आज यह आर्टिकल लिखते हुए मुझे अपने ताजमहल दर्शन की यादें फिर से ताज़ा हो गई। मैंने भी कुछ सालों पहले यहां का दीदार किया था।

वाकई इस खूबसूरत इमारत को देखकर ये प्रतीत होता है की मुमताज़ कितनी खूबसूरत रही होगी जिसकी मुहब्बत में गिरफ्तार शाहजहाँ ने ये आलिशान मक़बरा बनवाया। बेशक ये मक़बरा उस दर्द को कुरेदता है जिसमे एक आशिक़ तिल-तिल जलकर अपनी माशूका को ढूंढता रहा। इस विशाल इमारत में मुमताज़-शाहजहाँ का मक़बरा है। जब भी आप आगरा आएं तो इस बेस्कीमती रत्न का दीदार ज़रूर करें।

मध्‍य प्रदेश का खूबसूरत रूपमती मंडप, मांडू:

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मांडू के इतिहास की बात की जाए तो यह राजकुमार बाज बहादुर के साथ रानी रूपमती की पौराणिक प्रेम कहानी के लिए जानी जाती है। बताया जाता है कि मालवा की रानी रूपमती की मधुर आवाज़ पर मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक सुल्तान बाज बहादुर मोहित हो गए थे और उनसे प्यार कर बैठे। सुल्तान बाज बहादुर ने इसके बाद रूपमती के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा। इस पर रानी रूपमती ने भी राजा के सामने एक शर्त रखी की यदि वह ऐसे महल को बनवाएं जिसमे से वह अपनी नर्मदा नदी को देख सके तो ही वह उनसे शादी करेंगी। इसके कारण ही रूपमती मंडप का निर्माण हुआ जो की राजा और रानी की प्रेम कहानी की गाथा बयान करता है। जब भी आप मध्य प्रदेश आएं तो रूपमती मंडप ज़रूर जाएं।

राजस्‍थान में चित्तौड़गढ़ का विशालकाय किला:

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चित्तौड़गढ़ किला 7वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है।

इस किले में मुख्य आकर्षण का केंद्र प्राचीन सफेद रानी तीन मंजिला पद्मावती का महल है जो की कमल कुंड के किनारे निर्मित है। यह किला अपने आप में विशालता का प्रतीक है। आपको बता दूं कि चित्तौड़गढ़ किला राजा रतन रावल सिंह और रानी पद्मिनी की ऐतिहासिक प्रेम कहानी का प्रतीक माना जाता है। रानी पद्मिनी को राजा ने स्वयंवर के दौरान बहुत कठिन परीक्षा से प्राप्त किया था और उसके बाद अपनी प्रिय रानी बनाकर चित्तौड़गढ़ के किले में लाए। उनकी प्रेमकहानी किले की दीवारों में गुंजायमान है। जिसे आप किले में जाकर देख सकते है। तो जब भी आप राजस्‍थान के चित्तौड़गढ़ आएं तो इस विशाल किले के दर्शन ज़रूर करें।

क्या आपने भी ऐसे ही भारत की नायाब निशानियों की यात्रा की हैं अगर हां, तो अपना अनुभव शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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