बस, स्कूटी और मात्र 4000 रुपए: तीन दिन में इस तरह से की खूबसूरत नैनीताल की यात्रा

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Photo of बस, स्कूटी और मात्र 4000 रुपए: तीन दिन में इस तरह से की खूबसूरत नैनीताल की यात्रा by Rishabh Dev

पहाड़ों में जाना हर किसी को अच्छा लगता है। मैं भी उन्हीं लोगों में से हूं। मैं हर पहाड़ी शहर और गाँव को देखना चाहता हूं इसलिए जब भी मौका मिलता है। पहाड़ का रूख कर लेता हूं। उत्तराखंड मेरे दिल के काफी करीब है। मैं यहाँ कई साल रहा भी हूं और बहुत घूमा भी हूं। मैंने हाल ही में नैनीताल की यात्रा की। नैनीताल उत्तराखंड की सबसे फेमस जगह होने के साथ-साथ महंगी जगह भी मानी जाती है लेकिन मैंने 4000 रुपए में नैनीताल, नैनीताल के आसपास की सभी झीलें और ट्रेक भी किए। आइए तो मैं आपको अपनी नैनीताल यात्रा पर ले चलता हूं।

दिन 1

रामनगर से नैनीताल

मैं देश की राजधानी दिल्ली में था। मैं नैनीताल बस या फिर ट्रेन से जा सकता था। मैंने इस लंबी यात्रा के लिए पैसेंजर ट्रेन को चुना। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चली ट्रेन से हम उत्तराखंड के रामनगर पहुँचे। रामनगर कुमाऊं का एक छोटा-सा कस्बा है। यहाँ से हमें नैनीताल की बस मिल गई। कालाढूंगी तक तो सीधा रास्ता था लेकिन उसके बाद घुमावदार रास्ता और खूबसूरत नजारा देखने को मिला। रास्ता इतना खतरनाक था कि बस बिल्कुल धीमे-धीमे चल रही थी। लगभग 6 घंटे की यात्रा के बाद हम शाम को नैनीताल पहुँचे। हमने मल्लीताल में एक सस्ता सा कमरा ले लिया।

खर्च:

रामनगर से नैनीताल- 110 रुपए

होटल- 800 रुपए

डिनर- 100 रुपए।

दिन 2

नैनीताल

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अगले दिन हम सुबह-सुबह जल्दी उठे। पूरे दिन में हमें नैनीताल की कई सारी जगहें देखनी थीं। सबसे पहले हमने नैनीताल में एक स्कूटी रेंट पर ली। अब हम नैनीताल को आराम से घूम सकते थे। सबसे पहले सुबह-सुबह हम खूबसूरत नैनी लेक को देखने गए। सवेरे-सवेरे कुछ ज्यादा भीड़ नहीं थी और लेक खूबसूरत भी लग रही थी। अब अगला पड़ाव हमारा कैंची धाम था। हम स्कूटी से पहले भवाली पहुँचे। कुछ देर बाद हम नीम करौली बाबा के कैंची धाम पहुँच गए। मंदिर काफी शानदार है। मंदिर के अंदर एकदम अध्यात्म माहौल था।

भीमताल

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नीम करौली बाबा के कैंची धाम के बाद हम वापस भवाली की तरफ चल पड़े। यहाँ से एक रास्ता भीमताल की ओर जाता है। हम उसी रास्ते पर चले पड़े। रास्ते में कई खूबसूरत नजारे दिखाई दे रहे थे। पहाड़ों में स्कूटी चलाने का एक अलग ही मजा है। नैनीताल की सड़कों पर स्कूटी चलाने में एकदम आनंद आ रहा था। हम घुमावदार रास्ते से आगे बढ़ते जा रहे थे। कुछ देर बाद हम भीमताल पहुँच गए। भीमताल एक कस्बा है और यहीं पर बेहद शानदार झील है। झील काफी बड़ी है और यहाँ पर नैनी लेक की तरह कोई भीड़ भी नहीं है। आप यहाँ बोटिंग कर सकते हैं।

नौकुचियाताल

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भीमताल को देखने के बाद हमारा अगला पड़ाव नौकुचियाताल था। नौकुचियाताल सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है। भीमताल से नौकुचियाताल 20 किमी. की दूरी पर है। लगभग आधे घंटे के बाद मैं नौकुचियाताल पहुँच गया। हरे भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरी ये झील वाकई में बेहद सुंदर है। यहाँ आकर आपको एकदम सुकून जैसा महसूस होगा। आप यहाँ कई सारी एक्टिवटीज भी कर सकते हैं। नौकुचियाताल के ठीक बगल में कमलताल है। जब ये झील कमल के फूलों से भर जाती है तो बेहद सुंदर लगती है। मैं कुछ देर बैठा रहा और फिर आगे बढ़ गया।

सातताल

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नौकुचियाताल के बाद हमें सातताल जाना था। नौकुचियाताल से सातताल लगभग 40 किमी. की दूरी पर है। सातताल लेक का रास्ता बेहद शानदार है। जंगलों से होकर गुजरने वाला ये रास्ता आपके सफर को और भी यादगार बना देगा। लगभग आधे घंटे के बाद हम सातताल पहुँच गए। हमने सुबह से कुछ नहीं खाया था इसलिए यहाँ पर हमने कुमाऊंनी थाली लेने का निर्णय लिया। इस थाली में हमें भट्ट की दाल, झोली, मडुवा की रोटी, भांग की चटनी, आलू के गुटके, कुमाऊंनी रायता, चावल और कुमाऊंनी खीर भी थी। खाना खाने के बाद हमने शानदार सातताल लेक को देखा। सभी झीलों में मुझे सातताल लेक सबसे खूबसूरत लगी।

टिफिन टॉप

सातताल लेक को देखने के बाद हम वापस नैनीताल की ओर मुड़ गए। हमें नैनीताल पहुँचने में हमें लगभग 1 घंटे का समय लगा। अब हम या तो अपने कमरे पर जा सकते थे या फिर किसी जगह को एक्सप्लोर कर सकते थे। हमने नैनीताल में टिफिन टॉप ट्रेक करने का मन बनाया। हम सबसे पहले टिफिन टॉप के प्वाइंट तक स्कूटी से पहुँचे और फिर वहाँ से पैदल चल दिए। टिफिन टॉप नैनीताल का छोटा-सा और बेहद खूबसूरत ट्रेक है। जंगलों से घिरे इस ट्रेक में हमें कोई नहीं मिला। शायद शाम होने की वजह से यहाँ लोग नहीं दिखाई दिए। टिफिन टॉप पर पहुँचने के बाद हमने नैनीताल का शानदार नजारा देखा। यहाँ पर कुछ देर रुकने के बाद हम नीचे लौट आए।

खर्च:

स्कूटी: 1400 रुपए

पेट्रोल: 400 रुपए

होटल: 800 रुपए

कुमाऊंनी थाली: 300 रुपए।

दिन 3

नैना पीक ट्रेक

मुझे अगले दिन नैनीताल के नैना देवी पीक का ट्रेक करना था। इस जगह को देखे बिना नैनीताल की यात्रा अधूरी है। हमने स्कूटी वाले से अगले दिन कुछ घंटे के लिए स्कूटी ले ली। मैं सबसे पहले स्कूटी से टांगे की बेन पहुँचा। जहाँ से नैना देवी पीक ट्रेक शुरू होता है। नैना देवी पीक के ट्रेक के दौरान मुझे ज्यादा लोग नहीं मिले। इस ट्रेक को करने में बहुत मजा आया। घने जंगलों से घिरा ये ट्रेक बेहद शानदार है। नैना पीक को चाइना पीक के नाम से भी जाना जाता है। जब मैं नैना पीक पहुँचा तो मुझे वहाँ कोई नहीं मिला। मैंने व्यू प्वाइंट से पूरे नैनीताल का शानदार नजारा देखा। कुछ देर यहाँ रूकने के बाद मैं वापस नैनीताल लौट आया। अब हमें एक नए सफर पर निकलना था।

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