आप में से कौन-कौन जयपुर घूम कर आ चुका है ?
इसका जवाब बाद में दीजिएगा, पहले ये सुनिए कि......
यूनेस्को ने हाल ही में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट यानी विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है |
है ना खुशी की बात! यूँ तो जयपुर को कौन नहीं जानता | देश में आने वाले विदेशी दिल्ली, आगरा और जयपुर ज़रूर घूमते हैं | मगर इस घोषणा के बाद जयपुर शहर का पूरी दुनिया में डंके की चोट पर नाम हो जाएगा | गुलाबी नगरी को और भी ज़्यादा बढ़ चढ़ कर पहचाना जाएगा| पर अगर आपको 'वर्ल्ड हेरिटेज साइट' का मतलब और महत्व दोनों नहीं पता, तो पहले आप आसान शब्दों में इनके मायने समझ लीजिए
वर्ल्ड हेरिटेज साइट का मतलब क्या है ?
आइए जानें ....
दुनिया में ज़मीन एक सीमित संसाधन यानी 'लिमिटेड रीसोर्स' है | तो ज़मीन की सौदेबाज़ी होती रहती है | ज़मीन पर खड़े पुराने ढाँचों को या जंगलों को गिराकर वहाँ पक्की सड़कें, मकान, फ़ैक्टरियाँ आदि बनाई जाती है, ताकि कमाई की जा सके |
ऐसे में पुराने समय की ऐतिहासिक इमारतें और जगहें, जिन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए संजो कर रखा जाना चाहिए, उन्हें यूनेस्को 'वर्ल्ड हेरिटेज साइट' घोषित कर देता है |
यूनेस्को का पूरा नाम 'युनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइज़ेशन' है |
इन इमारतों या जगहों का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या वैज्ञानिक रूप से महत्व होता है, तभी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी इन्हें वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित करती हैं | ये इमारतें, ढाँचें या जगहें कुदरती भी हो सकती हैं और इंसान द्वारा बनाई हुई भी हो सकती हैं | वर्ल्ड हेरिटेज साइटों के देख-रेख, रख-रखाव और सुरक्षा के लिए यूनेस्को अपने फंड में से पैसे भी देता है |
तो इस साल की 'वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी 2019' ने जयपुर जिले के परकोटे में बसे पुराने जयपुर, जिसे असली मायनों में पिंक सिटी या गुलाबी नगरी कहा जाता है, को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित कर दिया |
यूँ तो पहले भी जयपुर के जंतर-मंतर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया हुआ है, मगर इस साल पूरी गुलाबी नगरी को इज़्ज़त से नवाज़ा गया है |
पूरे शहर को ही क्यों घोषित किया गया?
सन् 1727 में कचवाहा जाति के शासक महाराज जय सिंह द्वितीय ने महान विद्वान विद्याधर भट्टाचार्य से सलाह लेकर जयपुर शहर की नींव रखी थी | विद्याधर भट्टाचार्य ने भारत के 'शिल्प शास्त्र' के नियमों के हिसाब से जयपुर की गलियाँ, चौराहे और चौपड़ बनाए |
जयपुर की बेमिसाल वास्तुकला और शहर नियोजन (टाउन प्लानिंग) को मद्देनज़र रखते हुए वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में सम्मान दिया है |
तो बारिश के मौसम में जयपुर में सैलानियों की चहल-पहल बढ़ने वाली है | ऐसे मेंआप जयपुर घूमने कब जा रहे हैं ?