रेल यात्राओं का अपना एक अलग ही अनुभव है - खिड़की से बाहर झाँकते हुए गाँवों और शहरों को पीछे छूटते हुए देखना, कभी घने हरे जंगल तो कभी पीली रेत ही रेत | साथ ही चलती रहती हैं चाय-कौफी की चुस्कियाँ, मैं अपनी ज़िंदगी में रेल यात्राओं को नहीं भूल सकता | जब भी इन्हें याद करता हूँ तो चेहरे पर एक मुस्कान तैर जाती है |
रेल यात्राओं का एक और पहलू भी है जो इस सब से काफ़ी अलग है | इस पहलू को जीने की लिए थोड़ा ज़्यादा खर्च करना होगा, क्योंकि आम ट्रेनों की बजाय लग्जरी ट्रेनों में सफ़र करके ही इस पहलू को जिया जा सकता है | जिन्हें शाही ठाट- बाट से सफ़र करना और यात्रा में रोमांटिक तड़का लगाना पसंद है, उनके लिए एक लग्ज़री ट्रेन का सफर अपने आप में ही एक बेहरीन अनुभव होगा, जैसे हनीमून के लिए बेताब नवविवाहित जोड़े |
ऐसी ही एक ट्रेन है जो आपको पुराने रजवाड़ों के समय जैसी राजसी आरामपरस्ती में ले जाएगी और वो भी आधुनिक सुविधाओं के साथ | इस ट्रेन का नाम है महाराजा एक्सप्रेस जिसे आप पैलेस ऑन व्हील्स के नाम से भी जानते होंगे | यकीन मानिए, ये ट्रेन वाकई किसी पैलेस,यानी महल से कम नहीं है। ट्रेन में आपकी सेवा राजस्थान के महाराजाओं जैसी की जाती है | तो अगर आप अपने और अपने साथी के लिए एक शानदार अनुभव चाह रहे हैं तो लपक कर चढ़ जाइए - इस ट्रेन में !
महाराजा एक्सप्रेस की जानकारी
पैलेस ऑन व्हील्स भारत की सबसे पहली लग्जरी ट्रेन है जिसे सन 1982 में राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने भारतीय रेलवे के सहयोग से लॉन्च किया था | इस ट्रेन में 14 कोच हैं और ये दुनिया की 5 सबसे लग्जरी ट्रेनों की सूची में शामिल है। हर कैबिन में आपको मिनी पैंट्री मिलती है और लाउंज में टीवी, डीवीडी प्लेयर और एक छोटी लाइब्ररी मौजूद है |
पैलेस ऑन व्हील्स का यात्रा कार्यक्रम: दिल्ली - जयपुर - सवाई माधोपुर - चित्तौड़गढ़ - उदयपुर - जैसलमेर - जोधपुर - भरतपुर - आगरा - दिल्ली
पहला दिन
नई दिल्ली
आपकी यात्रा शुरू होती है देश की राजधानी दिल्ली से जो ऐतिहासिक रूप से तो महत्व रखती ही है, साथ ही यहाँ प्राचीन और मध्यकालीन वास्तुकला के शानदार नमूने भी हैं | ये शहर कला, साहित्य, राजनीति और पारंपरिक रूप से काफ़ी समृद्ध है |
शाही स्वागत के लिए शाम 4.30 बजे सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन पहुँच जाइए | विनम्र स्टाफ आपको आपके कैबिन तक ले जाया जाएगा और वहाँ मौजूद सुविधाओं से अवगत करवाया जाएगा | इसके बाद आप लाउंज में बने बार में जा कर मुफ़्त वेलकम ड्रिंक्स का मज़ा ले सकते हैं | रेल 6.30 बजे निकलती है |
भोजन : रात का खाना ट्रेन में ही परोसा जाएगा |
दूसरा दिन
जयपुर
आपका अगली मंज़िल है राजस्थान की राजधानी जयपुर, जिसे गुलाबी नगरी या पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है | यहाँ की वास्तुकला में आपको राजपूती शिल्पकारी के साथ ही मुग़ल शिल्पकारी की झलक भी देखने को मिलेगी | जयपुर के भव्य महल, किले, कॉर्टयार्ड और म्यूज़ियम देख कर सैलानी दंग रह जाते हैं |
घुमाई जाने वाली जगहें : सेंट अल्बर्ट संग्रहालय, पिंक सिटी पैलेस और यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर जंतर मंतर, हवा महल, दोपहर में पहाड़ी पर स्थित आमेर का किला और महल |
भोजन: ट्रेन में नाश्ता, किला परिसर में स्थित 1135 ई बुटीक रेस्तराँ में दोपहर का भोजन, ट्रेन में डिनर |
तीसरा दिन
सवाई माधोपुर
सवाई माधोपुर राजस्थान के सबसे शांत और सुंदर शहरों में से एक है और इसे 'गेटवे टू रणथंबोर ' के रूप में भी जाना जाता है | रणथंबोर नैशनल पार्क की वजह से ये जगह काफ़ी प्रसिद्ध हो गयी है | यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया रणथंबोर का किला भी यहीं मौजूद है | देखने लायक जगहों में गणेश मंदिर, चमत्कार मंदिर और खंडार किला हैं।
घुमाई जाने वाली जगहें ; सुबह साढ़े 6 बजे सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से रणथंबोर टाइगर रिज़र्व की ओर रोमांचक सफारी के लिए निकल जाइए | सुबह 9.30 बजे तक स्टेशन पर पहुँच जाइए ताकि चित्तौड़गढ़ के लिए रवाना हो सकें |
चित्तौड़गढ़
गंभीरी और बराच नदी के पास बसा चित्तौड़गढ़ राजस्थान के सबसे रोमांटिक और मशहूर शहरों में से एक है | यहाँ काफ़ी विशाल किले, महल और मंदिर हैं |
घुमाई जाने वाली जगहें : शाम करीब 4 बजे ट्रेन चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पहुँचती है | यहाँ से आप यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किए गए पहाड़ी पर बने किले में जाते हैं | शाम को किला परिसर में ही लाइट और साउंड शो का अनंद लिया जा सकता है |
भोजन : नाश्ता, दोपहर का भोजन, और रात्रिभोज ट्रेन में ही मिलते हैं |
चौथा दिन
उदयपुर
उदयपुर घाटी में बसा और चार झीलों से घिरा हुआ सुंदर-सा शहर है जो कभी मेवाड़ साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था | राजस्थान के इस शहर से भव्यता और राजसी ठाठ झलकता है, और इस वजह से ये भारत के सबसे आकर्षक शहरों में से एक है | 'झीलों की नगरी' के नाम से पहचाने जाने वाले इस शहार को यहाँ के महलों की वजह से काफ़ी पसंद किया जाता है |
घुमाई जाने वाली जगहें : सिटी पैलेस परिसर, क्रिस्टल गैलरी, लेक पैलेस होटल के चारों ओर पिछोला झील में नाव की सवारी का मज़ा लें, सहेलियों की बाड़ी के शाही बाग में सैर करें |
भोजन: ट्रेन में नाश्ता, फतेहप्रकाश पैलेस होटल में दोपहर का भोजन, ट्रेन में रात का खाना।
पाँचवाँ दिन
जैसलमेर
गोल्डन सिटी के नाम से पहचाना जाने वाला जैसलमेर किसी समय में राजस्थान का व्यापारिक केंद्र हुआ करता था | यहाँ की सुंदर हवेलियों और प्राचीन मंदिरों के अलावा रंगीन बाज़ार भी हैं जहाँ से आप जाते हुए तोहफे और दूसरी चीज़ें खरीद सकते हैं |
घुमाई जाने वाली जगहें : जैसलमेर का किला, पटवों की हवेली, पास ही बने 15वीं शताब्दी के जैन मंदिर, थार रेगिस्तान में रेत के टीले |
भोजन: ट्रेन में नाश्ता, 5-सितारा होटल में दोपहर का भोजन; 5 सितारा होटल में डिनर।
दिन 6
जोधपुर
राजस्थान के दूसरे नंबर के सबसे बड़े शहर जोधपुर को 'ब्लू सिटी ' के नाम से भी जाना जाता है | ये किसी समय में मारवाड़ साम्राज्य की राजधानी हुआ करता थी | देश के सबसे ज़्यादा घूमे जाने वाले शहरों में से एक जोधपुर के बिल्कुल पास ही थार का रेगिस्तान है और यहाँ कई किले और महल मौजूद हैं |
घुमाई जाने वाली जगहें : 16वीं सदी का मेहरानगढ़ किला, 19वीं शताब्दी में संगमरमर से बनी जसवंत थड़ा, उम्मेद भवन पैलेस का म्यूज़ियम जहाँ जोधपुर के महाराज की व्यक्तिगत कलाकृतियाँ देखी जा सकती हैं |
भोजन: ट्रेन में नाश्ता, हनवंत महल बुटीक रेस्तराँ में दोपहर का भोजन, ट्रेन में डिनर।
भरतपुर
घुमाई जाने वाली जगहें : अगले दिन सुबह 6.30 बजे भरतपुर पहुँचिए और भरतपुर पक्षी अभयारण्य (सैंकचुरी) जिसे केओलादेव घाना नैशनल पार्क भी कहा जाता है, पहुँच जाइए | ये भारत में काफ़ी प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य है जहाँ आपको देश- विदेश के पक्षी देखने को मिल जाएँगे |
वापिस ट्रेन के पास पहुँच जाइए जो 08.45 को आगरा की ओर प्रस्थान करेगी |
सातवाँ दिन
आगरा
उत्तर प्रदेश में बसे आगरा में दुनिया के सात अजूबों में से एक ताज महल स्थित है | यहाँ के मुगलकालीन वास्तुकला को देखने के लिए साल भर कोने-कोने से सैलानी आते हैं | यूँ तो इस शहर को ताज महल की वजह से ही जाना जाता है, मगर यहाँ देखने लायक बहुत कुछ है | ताज महल के अलावा यहाँ यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया हुआ आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी भी है |
घुमाई जाने वाली जगहें : आगरा का किला, ताजमहल, रंगीन स्थानीय बाज़ार
भोजन: भरतपुर के जंगलों में डेलक्स लॉज में नाश्ता, आईटीसी मुगल होटल में दोपहर का भोजन, आगरा के लग्ज़री होटल या पैलेस ऑन व्हील्स में डिनर |
आठवाँ दिन
नई दिल्ली
सुबह 5.30 बजे आपकी ट्रेन फिर से सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन पर पहुँच जाएगी |
भोजन: सुबह का नाश्ता (सुबह लगभग 6:30 से 7 बजे)।
पैलेस ऑन वील्स टूर का खर्च
अप्रैल, सितंबर 2019 के लिए
ऑक्यूपेंसी टाइप: सिंगल, डबल और सुपर डीलक्स (सुइट)
खर्च (प्रति व्यक्ति / प्रति रात): सिंगल के लिए 39,000 रु; डबल के लिए 30,000 रु; सुपर डीलक्स यानी सबसे शानदार सुइट की कीमत 1,08,000 रु है, अगर इसमें दो लोग शामिल हैं तो ये खर्च 54,000 प्रति व्यक्ति हो जाता है।
एक व्यक्ति का 8 दिनों के लिए कुल खर्च: सिंगल 2,73,000 रु; डबल 2,10,000 रु; सुपर डीलक्स (सुइट) की कीमत 7,56,000रु (सिंगल) 3,78,000रु (डबल) है |
पैलेस ऑन व्हील्स की प्रस्थान तिथि
अप्रैल, सितंबर 2019 के लिए
10, 17, 24 अप्रैल और 4, 11, 18 और 25 सितंबर 2019
महाराजा एक्सप्रेस का ये सफर भले ही आम यात्राओं से ज्यादा महंगा हो, लेकिन ये एक ऐसा अनुभव है, जिसे ज़िंदगी में एक बार करना तो ज़रूर बनता है।
क्या आपने किसी लग्जरी ट्रेन में सफ़र किया है? हमें अपने अनुभव के बारे में यहाँ लिखकर बताएँ |
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