लेह
हाइकरों और बैकपैकरों के बीच सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है लेह और लद्दाख | अगर आप अपनी अगली यात्रा के तौर पर लेह लद्दाख जैसी सुहानी जगह जाने की योजना बना रहे हैं तो कारणों की सूची में एक कारण और जुड़ गया है | सीमा सड़क संगठन ने ग्लेशियर से होकर गुज़रने वाली नई सड़क बनाई है जिस पर मोटर वाहन भी चल सकेंगे | अब लेह में इस सड़क पर आप निर्विघ्न 50 किलो मीटर तक वाहन चला सकते हैं |
सीमावर्ती सड़क संगठन ने जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लेह इलाक़े में समुद्र तक से 17000 फीट की ऊँचाई परहिमखंड को काट कर सड़क का निर्माण किया है जिस पर मोटर वाहन चल सकें | ये संगठन भारत के सीमावर्ती इलाकों में सड़क तंत्र के विकास और देखभाल के लिए ज़िम्मेदार है |
कहाँ है : सड़क का निर्माण 17800 फीट की ऊँचाई पर ससोमा से सेसर ला तक किया गया है।
प्रोजेक्ट हिमांक नाम की परियोजना के तहत बनाई गयी यह सड़क पूर्वी लद्दाख के हिमखंड क्षेत्रों के माध्यम से होते हुए गुज़रने वाली दुनिया की पहली ग्लेशियेटेड सड़क होगी।
चुनौतियाँ :
स्थानीय समाचार स्त्रोतों के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि चूँकि ये सड़क हिमखंडों और बर्फ के साथ बहाकर लाए गये मलबे यानी मौरेन पर बनेगी इसलिए इसका निर्माण अपने आप में काफ़ी जटिल कार्य होगा | इसके साथ ही समय की कमी, चुनौतीपूर्ण मौसम, हिमस्खलन और दरारों में धँसने की परेशानियाँ भी इस सड़क के निर्माण कार्य को और जटिल बना देती है |
एक बीआरओ प्रतिनिधि ने ग्रेटर कश्मीर को बताया, "सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, और गर्मियों में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसके चलते निर्माण कार्य के लिए समय बहुत ही कम बच पाता है | इसलिए चार से पाँच महीने पहले ही सारी योजना और तैयारी हो जानी चाहिए "
क्या आप पहले कभी लेह और लद्दाख गये हैं ? अपने अनुभव ट्रिपोटो पर साथी मुसाफिरों के साथ बाँटें | सफ़र से संबंधित अधिक जानकारी के लिए ट्रिपोटो का यूट्यूब चैनल सबस्कराइब करें |