लगभग सात महीने होने वाले हैं इस सफ़र को शुरू हुए। सोलो बाइकिंग शौक़ था, आज भी है। आप इसमें जो महसूस करते हो न, वो कहीं और महसूस नहीं करते। इस दौरान पूरे भारत में सोलो बाइकिंग करते हुए मैंने अपनी ज़िंदगी में जो बदलाव हुए, उनसे मैं हर बार कुछ नया ही सीखा हूँ।
मैं आज आपके साथ इन 15 अनुभवों को साझा कर रहा हूँ। यक़ीन मानिए, 11 से लेकर 15 तक के पॉइंट मेरी ज़िंदगी के सबसे यादगार अनुभवों में से एक हैं।
1. सफ़र चाहे मीलों का हो, शुरू तो एक कदम से ही होता है।
मेरी प्यारी सी बाइक, सात महीने और 30,000 किमी0 का अन्तहीन सफ़र। लेकिन सबसे कठिन थी इसकी शुरुआत। एक बार स्टार्ट कर दो, फिर तो चीज़ें अपने आप खुलने लग जाती हैं। पहली नज़र में जैसा दिखता है न, वैसा होता नहीं।
हालाँकि, मुझे इतनी कोई दिक्कत भी नहीं है, अगर लोग ऐसा ही सोचते हैं तो।
2. मदद माँगने में हिचकिचाना कैसा। सारे काम अकेले नहीं किये जा सकते।
अचानक होने वाली बारिश... ख़ूब लम्बा ट्रैफ़िक मानो मेरा स्वागत करने के लिए ही बैठा था जब पहली बार मैं अपनी बाइक पर माउंटेन पास पार कर रहा था। इस लम्हे में जो डर लगता है, थर्राने वाला होता है। लेकिन अगले पल जब आप हीरो की तरह निकलते हो, तो उसकी भी बात ग़ज़ब होती है। मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और ख़ुद से कहा, “चाहे जो कुछ हो जाए, लेकिन आज मैं इसे पूरा करके ही रहूँगा।” लेकिन इसके साथ ही सफ़र में ये दो साथी (तेजस्व और पंकज) मिल गए, जिनके साथ मैंने पूरा ज़ोजिला पास पार किया। पहली बार इन पहाड़ों से मेरा डर दूर हुआ।
मैं यह सोच कर अकेला निकला था कि इससे मैं आज़ाद और ज़िम्मेदार बनूँगा, लेकिन अब लगता है कि थोड़ी बहुत मदद माँगने में भी कोई इतनी दिक्कत नहीं है।
3. आप अकेले नहीं हो, कोई न कोई हमेशा आपके आस-पास आपके लिए है
सूरज, अर्जुन, निशान्त और जस्टिन (बाएँ से दाएँ), ये चार साथी इलाहाबाद से लेह जा रहे थे और बीच रास्ते में सरचू, लद्दाख पर मुझे एक दुर्घटना में पड़ा देखा। उन्होंने मेरी इतनी मदद की कि क्या कहूँ। सबसे पहले उन्होंने मेरे लिए एक ट्रक को रोका जो मनाली जा रहा था। पैसों को लेकर उन्होंने ट्रक वाले से मोलभाव किया, मेरी बाइक और सामान को ऊपर चढ़ाया।
इस दुर्घटना के बाद तो मेरा मन भी सोलो ट्रिप के मना कर रहा था। लेकिन उनकी मदद के कारण ही मैं फिर से साहस बना पाया, कि कोई तो होगा जो अगली बार मेरी मदद करेगा।
4. लोगों पर भरोसा करो। हर कोई आपको धोख़ा नहीं दे रहा होता है
राजू, एक ट्रक ड्राइवर। मैंने सरचू से मनाली जाने के 2000 रु. तय किए थे। बीच रास्ते में उन्होंने मुझे मंडी चलने की सलाह दी, जो कि 100 किमी0 आगे था। फिर भी वो उतने ही पैसे में मान गए। उन्होंने मेरे रात के खाने का भी पैसा दिया। हम रात को ट्रक में ही सोए। अगली सुबह उन्होंने मेरे नाश्ते का भी पैसा दिया और मंडी में मेरा सारा सामान उतरवाया।
यह सबके बावजूद, उन्होंने मुझे 400 रु. लौटा दिए जिससे मैं अपनी बाइक को ठीक करा सकूँ।
5. लोगों की मदद करना बहुत बड़ी बात है। इसके लिए बस मन की ख़ुशी ही काफ़ी है
यह क़िस्सा है असम से भूटान रास्ते पर पड़ने वाले संप्रूद जोनकार बॉर्डर का। इस समय मेरे पास 7000 भूटानी करेंसी थी जिसे मुझे भारतीय करेंसी में बदलवाना था। वहाँ 4 भूटानी पुलिसवाले हर भारतीय गाड़ी को रोककर भूटान में पेट्रोल भरवाने को बोल रहे थे (भूटान में पेट्रोल सस्ता है)। यहाँ मैं कुछ देर के लिए रुका। अगले 2 घंटे में उन्होंने पूरी 7000 भूटानी करेंसी को बदलकर भारतीय रुपए दे दिए। उन्होंने इसके लिए कोई चाय पानी या कुछ कमीशन नहीं माँगा।
उन्होंने बस यूँ ही मेरी मदद कर दी। अगर मैं बॉर्डर पर ऐसा करवाता तो इसके लिए मुझे 10% कमीशन देना पड़ता। इस छोटी सी बात और उनके व्यवहार ने यह पल यादगार कर दिया।
6. लोगों की अच्छाई पर भरोसा रखिए। न जाने आपकी क़िस्मत में कौन सा ख़ज़ाना लिखा हो
मणिपुर-बर्मा बॉर्डर के मोरेह पर मैं पहुँचा तो मेरी जेब में बस 120 रु. थे। यहाँ नज़दीक में कोई एटीएम भी नहीं था। शाम ढलने वाली थी। अब ऐसा रोज़ रोज़ तो होता नहीं है इसलिए मैं भी थोड़ा अचकचा रहा था। लेकिन मन बाँधकर मैं तमिल संगम पहुँचा और उनसे रात को फ़्री में ही ठहरने का अनुरोध किया। तमिल संगम के लोगों ने रात को मुझे सोने की जगह दी और रात को खाने को भी दिया। अगली सुबह उन्होंने मुझे नाश्ता भी दिया।
इसके अलावा एक जगह मुझे एक अनजान दोस्त ने 1000 रु. बतौर इमर्जेंसी भी दिए हैं।
7. लोगों का सहयोग करिए। कई बार कुछ पैसे दे देना बहुत अच्छा लगता है
मणिपुर के एक छोटे से गाँव पर मैं फँस गया था जहाँ पर सुरक्षा के जवानों ने मुझे रात में बॉर्डर पार करने से मना किया था। मैंने तस्वीर में दिख रही अंटी वेरोनिका से उनकी दुकान में सोने का अनुरोध किया। और उन्होंने मानने में बिल्कुल भी समय नहीं लिया। वो मेरे लिए चटाई और तकिया लाईं। मैंने अगली सुबह उनको कुछ पैसे देने के लिए कहा, तो उन्होंने मना कर दिया।
उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। और वो दिख भी रहा था। मुझे लगा कि पैसे देकर मैं उनकी मदद कर रहा हूँ। लेकिन उन्होंने पैसे लेने से मना कर दिया। उनकी भलमनसाहत का मैं आज भी शुक्रगुज़ार हूँ
8. लोगों को इज़्ज़त देने का सबसे अच्छा तरीका उनके साथ समय बिताना है। हाँ, अगर थोड़ा बहुत एल्कोहॉल हो तो कहना ही क्या...
मेरी बाइक बीच रास्ते में ख़राब हो गई थी और मैं रास्ते से गुज़रने वाले किसी ट्रक का इंतज़ार कर रहा था। तभी वहाँ से गुज़रते एक ट्रक ड्राइवर ने गाड़ी रोकी। उनके साथ जो समय बिताया, वो बहुत यादगार रहा। झरने के नीचे नहाना और फिर साथ में दोपहर का खाना खाना। जब तक मेरी बाइक ठीक नहीं हो गई, तब तक इनमें तीन लोग मेरा इंतज़ार कर ही रहे थे। उन्होंने मुझसे किसी पैसे की डिमांड नहीं की।
मैंने व्हिस्की की एक बोतल ख़रीदी और सड़क के किनारे ट्रक को रोका। रात भर हमने व्हिस्की पी और ट्रक के ही नीचे सोए। वो दिन तो आज भी बहुत यादगार है।
9. हमेशा चौकन्ने मत रहो, कभी-कभी... गो विद द फ़्लो
रास्ता बहुत ख़राब था, रात का वक़्त था और हाइवे मिलने के आसार दूर-दूर तक नहीं आ रहे थे। तभी मुझे बाइक पर दो लोग (कमॉन और रिला) आते दिखे- मैंने उनसे हाइवे का रास्ता पूछा। लगभग 10-15 किमी0 या उससे भी ज़्यादा आगे मैं उनके पीछे चला। इसके बाद उन्होंने पानीसागर में मुझे ठहरने के लिए लॉज दिलाया। हमने रात को खाना भी साथ खाया। अब खाने के साथ व्हिस्की और बीयर हो तो बात कुछ और ही हो जाती है।
और हाँ, इसका सारा पैसा उन्होंने दिया था। आप सोचने न लगो, तो मैंने बता दिया।
10. उम्मीद पर भरोसा रखिए... उसपे दुनिया क़ायम है
एक लम्बी सड़क और दोनों तरफ़ बिल्कुल सूनसान इलाक़ा। न जाने मैं कहाँ था... अपने कानों में आइपॉड लगाकर मैं अपनी ही मस्ती में बाइक चला रहा था, कि तभी एक एसयूवी तेज़ी से आगे निकली और मुझे रुकने का इशारा किया। अब इस समय आपके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है। कहीं कुछ पीछे छूट गया क्या... या फिर कुछ और। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था, जिसने मेरी बाइक रुकवाई वो असल में मेरा बहुत पुराना दोस्त था। ऐसा तो बस फ़िल्मों में ही होता है।
इनाका चिशी- मेरा एक ख़ास दोस्त जिससे मिले मुझे डेढ़ साल से ज़्यादा हो गए थे और मेरा उससे ऐसे मिलना हुआ।
11. मर्दों की खुजली उनकी सबसे शर्मनाक समस्याओं में एक है
भारत एक गर्म देश है। चुभती जलती गर्मी और उसमें होती खुजली। पसीने से भीगे होने पर खुजली आपको कहाँ कहाँ हो, और उसे कौन रोक सकता है। इसलिए अपनी दवा हमेशा अपने साथ रखिए, बेइज़्ज़ती से बचा लेती है।
12. मौत और पॉटी... कभी भी आ सकती है
बाइकिंग के ट्रिप पर कुछ चीज़ें तो काफ़ी यादगार होती हैं लेकिन सब कुछ नहीं। ये ऐसी समस्या है, जिसके लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। मैंने ये काम किसी रोड के किनारे कर चुका हूँ... नाम तो बिल्कुल नहीं बताऊँगा कहाँ।
13. और पॉटी बार-बार आ सकती है
हम्म्म... जैसा पहले बताया। बाइक ट्रिप पर सब कुछ रोमांटिक नहीं होता। अगर आप ऐसी किसी दिक्कत में फँसने वाले हो, तो अपने साथ टिशू और पानी की बोतल हमेशा साथ रखना। थैंक मी लेटर...
14. बाइकिंग करने का मतलब ये बिल्कुल भी नहीं कि लड़कियाँ आपके पीछे पागल हो जाएँगी
हाँ, अगर आप टॉम क्रूज़ टाइप दिखते हो तो हो सकता है। वरना नहीं...
15. लेकिन... बच्चे आपको ख़ूब पसन्द करते हैं
बच्चे दूर से ही हाथ हिला रहे होते हैं और मुस्कुरा रहे होते हैं। आपकी हर दिक्कत को वो भुला देते हैं फिर चाहे आप किसी भी देश में हों
आप उनके साथ एक फ़ोटो खिंचा लीजिए... प्यार जताने का ये भी अच्छा तरीक़ा है।
मेरे बारे में-
पिछले सात महीनों से बाइकिंग करते हुए मैं भारत के सभी राज्य, नेपाल और भूटान की कुछ जगहें और बर्मा के एक क़स्बे में घूम चुका हूँ। इसमें मेरी ढेर सारी कहानियाँ हैं, जहाँ मैं लोगों से मिला और दुनिया को देखने का मेरा नज़रिया। कुछ चीज़ें, जिन्होंने मुझे पागल कर दिया और कुछ ने टेंशन भी दिया। मुझे उम्मीद है कि मेरी कहानियाँ आपको पसंद आएँगी। आप और कहानियों के लिए मेरी प्रोफ़ाइल पर जा सकते हैं।
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