मेघालय को उत्तर पूर्वी भारत की बेहतरीन जगहों में गिना जाता है | मेघालय की राजधानी शिलांग भी बेहद खूबसूरत जगह के रूप में प्रसिद्ध है | बहुत लोग छुट्टियों का आनंद लेने मेघालय के सुंदर नज़ारे देख्नए के लिये उत्सुक रहते हैं | आप भी यदि अपने सफर को हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहते हैं तो मेघालय को अपनी पर्यटन सूची में लाना न भूलें | इस क्षेत्र में आपको घाटियां, गुफाएं, झरने, झीलें और प्रकृति के कई अद्भतु नजारें देखने को मिलेंगे तो चलिए आपको यहां की कुछ जगहों के बारे में बताते हैं |
मेघालय में घूमने की जगह शिलांग पर्यटन स्थल है जो मेघालय राज्य की राजधानी हैं। यह देश का ऐसा पहला हिल स्टेशन हैं जहां चारों तरफ से पहुंचा जा सकता हैं।

समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1,491 मीटर और गुवाहाटी से शिलांग की दूरी लगभग 100 किलोमीटर हैं। शिलांग हिल स्टेशन को बादलो का निवास स्थान भी कहां जाता है। अपनी रमणीय पहाड़ियों के कारण इसे “पूर्व का स्कॉटलेंड” भी कहां जाता हैं।
मेघालय के पर्यटन स्थलों में कुछ अद्भुत और रहस्यमयी गुफाएं भी है। मावसई गुफा इनमे से एक है जो लोकप्रिय स्थल के रूप में जानी जाती है दूसरी है, मवसमाई गुफा जो भूलभुलैया की तरह चमकती हुई रौशनी और अनगिनत पत्थरों को दर्शाती है।

मेघालय की राजधानी शिलांग से मावलिननोंग और डॉकी की यात्रा करते समय, चारों ओर का दृश्य एक कहानी की तरह प्रतीत होता है। रास्ते में ऊंचे-नीचे पहाड़, घने जंगल और पत्थरों से बना रास्ता, यात्रा को रोमांचक बना देते हैं।मेघालय की यात्रा मावलिननोंग और डॉकी के बिना अधूरी है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, साफ-सफाई और स्थानीय लोगों की सरलता आपको बार-बार यहां आने पर मजबूर कर देगी। यह यात्रा न केवल आपके मन को शांति प्रदान करेगी बल्कि आपको प्रकृति के करीब ले जाएगी।

मेघालय की यात्रा शिलांग की शहरी संस्कृति और चेरापूंजी की प्राकृतिक सुंदरता दोनों का आनंद दिलाती है। शिलांग अपनी पहाड़ी सुंदरता, ऊँची चट्टानों और धुंध से ढके रास्तों के लिए जाना जाता है। यहाँ पर स्थित चेरापूंजीअपनी बारिश, जलप्रपातों, और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।

** चेरापूंजी की रहस्यमयी पगडंडियाँ
मेघालय की हसीन वादियों में बसा चेरापूंजी, जहाँ हर कदम पर धुंध, ऊँची पहाड़ियाँ और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव होता है। यह स्थान अपने मूसलधार बारिश और हरे-भरे वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ियों पर चढ़ते हुए इन पत्थरों से बनी सीढ़ियों से गुजरना एक रोमांचक अनुभव है, जो आपको नोहकालिकाई जैसे विश्वप्रसिद्ध जलप्रपातों की ओर ले जाती हैं।

** मावलिननोंग का अनुभव
मावलिननोंग, अपनी सफाई और हरे-भरे बागानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां का हर घर बगीचों से घिरा हुआ है और लोग यहां की स्वच्छता को बहुत महत्व देते हैं। गांव के चारों ओर बने छोटे-छोटे रास्ते पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं। यहां का "लिविंग रूट ब्रिज" भी देखने लायक है, जो प्रकृति और मानव प्रयास का एक अद्भुत मेल है।
डॉकी, मावलिननोंग से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है, और यहां का मुख्य आकर्षण उम्नगोट नदी है। इस नदी का पानी इतना साफ है कि नौका विहार करते समय ऐसा लगता है मानो नाव हवा में तैर रही हो। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और साफ पानी का अनुभव एक बार जरूर करना चाहिए।
#मेघालय की यात्रा करते समय और भी अनेक सुंदर दृश्यों का नजारा आप देख सकते हैं:-

** नोहकालिकाई जलप्रपात
मेघालय, जिसे भारत का पूर्वोत्तर राज्य कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक दृश्यावलियों के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य में बसे चेरापूंजी में स्थित नोहकालिकाई जलप्रपात, यहां के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह जलप्रपात, जो लगभग 340 मीटर की ऊंचाई से गिरता है, भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है और इसकी सुंदरता देखते ही बनती है।मेघालय की राजधानी शिलांग से चेरापूंजी तक का सफर बहुत ही अद्भुत है। हरे-भरे पहाड़, बादलों से ढके रास्ते और ठंडी हवाओं के बीच की इस यात्रा का अनुभव अविस्मरणीय होता है। चेरापूंजी पहुंचने के बाद, नोहकालिकाई जलप्रपात का दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। इस जलप्रपात का नाम "नोहकालिकाई" एक स्थानीय कथा से प्रेरित है। कहानी के अनुसार, एक महिला जिसका नाम "लिकाई" था, अपने पति की मृत्यु के बाद दूसरी शादी करती है। लेकिन, उसकी दूसरी शादी में दुखद घटनाएँ घटती हैं और अंततः वह इस जलप्रपात से कूदकर अपनी जान दे देती है। इस कारण इस जलप्रपात का नाम नोहकालिकाई (नोह का अर्थ है कूदना) पड़ा।

** जलप्रपात का दृश्य
यह जलप्रपात का दृश्य देखने लायक होता है। इसकी ऊंचाई से गिरता पानी सफेद रेशम की तरह दिखाई देता है, जो नीचे एक हरे रंग के तालाब में समाहित हो जाता है। बारिश के मौसम में यह दृश्य और भी रोमांचक हो जाता है जब जलप्रपात का पानी और भी तेज़ी से गिरता है और चारों ओर का दृश्य धुंध से ढक जाता है। इस जलप्रपात पर मानसून के दौरान प्रकृति अपनी पूर्णता की छटा बिखेरती है। हालांकि, सावधानी बरतना जरूरी है क्योंकि बारिश के मौसम में रास्ते फिसलन भरे हो सकते हैं। चेरापूंजी में ठहरने के लिए कई छोटे-बड़े होटल और गेस्ट हाउस हैं, जो यात्रियों को सुविधाजनक आवास प्रदान करते हैं। इस जलप्रपात की यात्रा किसी सपने से कम नहीं है, यहां की ताजगी, स्वच्छता और प्राकृतिक सौंदर्य आपको एक नई ऊर्जा से भर देगा। मेघालय का यह अनमोल रत्न पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और जो कोई भी यहां आता है, उसकी यादों में यह दृश्य सदा के लिए बस जाता है।

** मेघालय में खाने पीने का समान
मेघालय में भ्रमण के दौरान वहाँ के स्वादिष्ट भोजन का आनंद जरूर लें | वहाँ मिलने वाले लोकल फूड में जादो, नखम बिची, धोख्ले, पुमालोई, बम्बू शूट्स, मोमो, दोहे जेम, तुंग रिंबाई, मिनिल सोंगा, हर्बड पोर्क और सेब, राइस बीयर, टंगटाप, दोहनीयनग, मीसा मच पूरा, एग दाल, मेलीम चिकन, पुडोह, मोमोज, जलेबी और तुंगरीम्बाई आदि के अलावा भी आपको कई आइटम देखने को मिलेंगे |