
हमारे सफर की शुरूआत होती है बहुत ही सुन्दर और आकर्षित शहर पौड़ी (गढ़वाल) उत्तराखण्ड से,जो कि मेरा home town है.यह उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से लगभग 142 kms दूर है और पौड़ी से राज राजेश्वरी मन्दिर(देवलगढ़ गाँव) लगभग 36 kms दूर है.
हम पौड़ी से सुबह 10बजे देवलगढ़ के लिए निकलते हैं पौड़ी से 7km दूर स्थित मांडाखाल में पिछली रात को snowfall हुआ था,जिससे सफर का मजा दोगुना हो गया. हमने अपनी गाड़ी को खड़ी कर कुछ समय वहाँ बिताया और बर्फ का मजा लिया.




कुछ वक्त वहाँ बिताने के बाद हम देवलगढ़ के लिए निकल पड़े जो कि अभी भी 28kms दूर था.रास्ते में हमें पर्यटक स्थल खिर्सू गाँव दिखायी दिया.यहाँ घूमने के लिए एक पार्क है जो कि काफी साफ,सुन्दर और हरियाली युक्त है, यह परिवार के साथ picnic मनाने के लिए बहुत अच्छा स्थान है.

हम आगे बढ़ते हैं और हमें रास्ते में काफी सुन्दर-सुन्दर गाँव देखने को मिलते हैं जैसे-ग्वाड,बुघनी आदि . फिर हम पहुँचते हैं देवलगढ़ गाँव जहाँ राज राजेश्वरी मन्दिर बहुत ही प्रसिद्ध ऐतिहासिक मन्दिर है कहा जाता है कि 14th century में राजा अजयपाल ने देवलगढ़ को अपनी राजधानी बनाई थी. राज राजेश्वरी गढ़वाल की कुलदेवी मानी जाती थी इसलिए राजा अजयपाल ने इस मन्दिर का निर्माण करवाया.



इसी मन्दिर के पास एक और मन्दिर है जिसका नाम गौरा देवी मन्दिर है,जो कि बहुत प्रसिद्ध है और बहुत ही सुन्दर है.इस मन्दिर का निर्माण भी गाँव के लोगों के आग्रह करने पर राजा अजयपाल द्वारा की गयी.








