उत्तराखण्ड में घूमने वाली जगहे

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Uttarakhand me Ghumne Ki jagah की बात करे तो देव भूमि उत्तराखण्ड में घूमने के लिए आपके पास ढेर सारे विकल्प मौजूद है इस प्रदेश में आप प्रकृति की अद्भुत सुन्दरता देखने को पाओगे इसके अलावा यहाँ पर तमाम जाने माने मन्दिर , गुरुद्वारा , चर्च , मस्जिद , पार्क , ट्रेक , रोमांच भी पाओगे |

कहने का तात्पर्य बस इतना है की आपको देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ बाबा , बद्रीनाथ धाम , हेमकुण्ड साहिब जैसी धार्मिक जगहे भी मिलेंगी वही नैनीताल भीमताल कौसानी रानीखेत अल्मोड़ा औली चोपता मसूरी धनोल्टी जैसी जगहे भी है जहा आप झीले , झरने , पहाड़ , हरियाली का अनन्द ले सकते है वही गंगोत्री यमुनोत्री देवप्रयाग हरिद्वार जैसे स्थल भी है जहाँ आप पावन नदियों में स्नान कर सकते है |

इसके आलावा यदि आपको रोमांच पसंद हो तो आप ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का मजा ले सकते हो वही नैनीताल तरफ आपको और भी साहसिक गेम्स देखने को मिलेंगे , आपको बर्फ देखनी हो तो ठण्डी के मौसम में औली चोपता धनोल्टी में आप यह सुख भी ले सकते हो |

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अब जानते है Uttarakhand me Ghumne Ki jagah का वर्गीकरण

देवताओं की भूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड को दो मण्डलो में बात दिया गया है जीने नाम कुमायूं और गढ़वाल है और इन्ही दोनों मण्डलो में उत्तराखण्ड के समस्त जिले और Uttarakhand me Ghumne Ki jagah आती है आइये अब आपको यह भी बता दे की कौन सा जिला किस मण्डल में आता है कुमाऊ मण्डल - बागेश्वर , चम्पावत , अल्मोड़ा, नैनीताल , पिथोरागढ़ और उधमसिंह नगर |गढ़वाल मण्डल - रुद्रप्रयाग , तिहरी गढ़वाल, पौढ़ी गढ़वाल , देहरादून , हरिद्वार , उत्तरकाशी , चमोली |अब आप समझ गये होंगे की उत्तराखण्ड का कौन सा जिला किस मण्डल में आता है आइये अब बात करते है Uttarakhand me Ghumne Ki jagah के बारे में जिसके अन्तर्गत हम सम्पूर्ण उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों को कवर करेंगे |

उत्तराखण्ड में घूमने की जगहे

वैसे तो आप पूरे के पूरे उत्तराखण्ड को घूमिए तो आपको मजा ही आएगा परन्तु आज इस पोस्ट में हम आपको कुछ खास खास जगाहोके बारे में बताएँगे -

देहरादून

इस शहर का नाम आपने जरूर सुना होगा क्यूंकि यह उतराखंड की राजधानी है निसंदेह इस शहर में आपको पर्यटन के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा |

देहरादून के लिये आपको भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरो से ट्रेन मिल जाएगी इसके अलावा यहाँ एक एअरपोर्ट भी है जिसका नाम जॉलीग्रांट एअरपोर्ट है |इस शाहर में घूमने के इए आपको टपकेश्वर महादेव मन्दिर , सहस्त्रधारा , मालसी मृग विहार , राबर्स केव , लच्छीवाला , मिंद्रोलिंग मठ , फेन वेल्ली , तपोवन मन्दिर , जोनल म्यूजियम आदि है यह सभी पर्यटन स्थल अत्यधिक सुन्दर है आपको यहाँ जरूर जाना चाहिये , यहाँ आपको प्राकृतिक सुन्दरता के साथ साथ मन्दिर भी देखने को मिलेंगे और आप जब भी देहरादून आये तो साथ में मसूरी और धनोल्टी भी जा सकते है आगे इन दोनों जगहों के बारे में भी बताऊंगा |

पहाड़ो की रानी मसूरी

यदि आप एक प्रकृति प्रेमी है आपको पहाड़ पसंद है तो आ जाइए आप मसूरी जो की हिमालय की गोद में स्थित है यह भारत का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है , मसूरी देहरादून से महज 35 किलोमीटर ही है और देहरादून से तमाम सरकारी और प्राइवेट बसे मिल जाएँगी , रहा सवाल रुकने का तो यह एक बड़ा पर्यटन स्थल है तो यहाँ आपको बहुत से होटल मिल जायेंगे आप अपने बजट के अनुसार होटल ले सकते है |मसूरी में घूमने के लिये आप गन हिल जा सकते है जो की एक ऊँची छोटी है यहाँ से आप हिमालय का नजारा ले सकते हो इसके आलावा आप केम्पटी फाल जा सकते है जो की एक सुन्दर झरना है , आप लेकमिस्ट जाकर वहां की कृत्रिम झील में नौका विहार कर सकते हो , आप मसूरी झील भी जा सकते हो , लाल टिब्बा आप जरूर जाइये यहाँ से आपको गगनचुम्बी पहाड़ दिखाई देंगे , बौद्ध धर्म का तिब्बती मन्दिर भी यहाँ का प्रमुख पर्यटन स्थल है इसके साथ साथ आप भत्ता फाल , मुनिसिपल गार्डेन या कम्पनी गार्डेन , क्लाउड एंड भी जा सकते हो |

धनोल्टी

यह बेहतरीन पर्यटन स्थल मसूरी से लगभग 60 किलोमीटर और देहरादून से 36 किलोमीटर ही है इस जगह पर आपको सुन्दरता के साथ साथ गज़ब की शांति का अभाष होगा यहाँ आपको प्रकृति से रूबरू होने का मौका मिलता है , यह भी एक जाना मन पर्यटन स्थल है तो हटेल आदि आसानी से मिल जायेंगे और यहाँ आना भी आसान है आपको देहरादून या मसूरी या ऋषिकेश हरिद्वार से बसे भी मिल जाएँगी , Uttarakhand me Ghumne Ki jagah में धनोल्तो बेहद खास है |धनोल्टी आये तो आप ईको पार्क जरूर घुमे यहाँ के देवदार के पेड़ और हरियाली आपका मन मोह लेगी इसके अलावा एप्पल ओर्चार्ड रिसोर्ट में आप ताज़े फलो का स्वाद लेना न भूले , धनोल्टी का प्रमुख धार्मिक स्थल सुरकंडा देवी मन्दिर है यहाँ आप अवश्य जाये , अगर आप एडवेंचर के शुखीं है तो शिशिर गंगधार जाकर देखे आपको मजा आ जायेगा इन सबके आलावा धनोल्टी में आप कही भी घुमो आपको मजा ही आएगा |

ऋषिकेश

अगर Uttarakhand me Ghumne Ki jagah की बात हो तो योगनगरी ऋषिकेश का ज़िक्र होगा ही यह ऐसा पर्यटन स्थल है जो योग के लिए जाना जाता है धर्म के लिए जाना जाता है , प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है , राफ्टिंग जैसे साहसिक खेलो के लिए जाना जाता है , यहाँ पहुंचना अत्यन्त आसान है तमाम शहरो से यहाँ के लिए सीधी ट्रेन है और यदि आपके शहर से ऋषिकेश की कोई सीधी ट्रेन नहीं है तो आप हरिद्वार आके ऋषिकेश आ जाइये |यहाँ रुकने की तो कोई दिक्कत ही नहीं है होटल तो बहुत से है उसके अलावा आपको ऋषिकेश में ढेर सारी सुव्यवस्थित सस्ती धर्मशालाए भी मिल जायेंगी जहाँ आप आराम से रुक सकते हो |इस शहर में घूमने के लिए आप गंगा नदी पर बने राम झुला , लक्ष्मण झुला , जानकी झुला की और जा सकते है राम झूले के पास आपको परमार्थ निकेतन , गीता भवन , चौरासी कुटिया जा सकते हो , त्रिवेणी घाट पर जाकर गंगा स्नान करे , ऋषि कुण्ड , भारत मन्दिर भी देखे , भूतनाथ मंदिर , त्रयम्बकेश्वर मंदिर देखे फिर नीलकंठ महादेव के दर्शन करे |राम झूला के आसपास के पर्यटन स्थल ऋषिकेश से थोड़ी ही दूरी पर स्थित माँ कुंजापुरी देवी का मन्दिर है यहाँ भी आप अवश्य जाइये , नीरगढ़ और पटना और गरुण चट्टी वाटरफाल भी आप जा सकते हो आप दो तीन दिन यहाँ जरूर रुके गंगा आरती परमार्थ निकेतन की देखे त्रिवेणी घाट की देखे बहुत ही मजा आएगा आपको ऋषिकेश में |

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हरिद्वार

यह एक ऐसा धार्मिक स्थान है जहाँ हर साल लाखो की संख्या में पर्यटक आते है और पावन माँ गंगा में डूबुकी लगाते है , हरिद्वार में कुम्भ का मेला भी लगता है , हरिद्वार उत्तराखंड का एक जाना मन शहर है और यहाँ आने के लिए आपको भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरो से ट्रेन मिल जाएँगी तो यहाँ आना अत्यंत आसान है |हरिद्वार में ठहरने की भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है यहाँ आपको तमाम होटल और धर्मशालाए मिल जाएँगी , धर्मशालाओ में आप रुकोगे तो आपको काफी सस्ता पड़ेगा |

यहाँ घूमने के लिए बहुत स्थल है जैसे गंगा के घाट जिनमे हरी की पौड़ी , चंडी घाट, कनखल का घाट प्रमुख है इसके आलावा आप मनसा देवी मंदिर , चंडी दक्ष महादेव मंदिर , भारत माता मन्दिर, माया देवी मन्दिर, पायलट बाबा आश्रम , सप्तऋषि आश्रम , भूमा निकेतन , माता वैष्णो देवी गुफा मंदिर , तुलसी मानस मंदिर , शिवानन्द धाम , इण्डिया टेम्पल , पावन धाम , पारद शिवलिंग , शांतिकुंज आदि जगहों पर जा सकते हो |

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उत्तराखंड के पञ्च प्रयाग में से एक देवप्रयाग टीहरी गढ़वाल जिले में आता है इस स्थल पर आप नदियों और पहाड़ो के सुन्दर द्रश्य देख पाओगे , देवप्रयाग आप ऋषिकेश से आ सकते हो लगभग ७० किलोमीटर पड़ेगा , यहाँ घूमने के ज्यादा स्थल तो नहीं है फिर भी आप यहाँ पर दशरथशिला , भागीरथी और अलकनंदा का संगम , रघुनाथ मंदिर , चन्द्रबदनी मंदिर आदि स्थल देख सकते है |

उत्तराखंड के चार धाम

गंगोत्री , यमुनोत्री , केदारनाथ , बद्रीनाथ ये उत्तराखण्ड के चार धाम है जहाँ की अत्यन्त श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है इन चारो धाम की सुन्न्द्रता देखते ही बनती है गज़ब का अलौकिक सा माहोल रहता है , Uttarakhand me Ghumne Ki jagah में इन धामों को जरूर शामिल करे |गंगोत्री माँ गंगा का उद्गम स्थल है यही से माँ गंगा हिमालय से निकलती है यहाँ का सबसे प्रमुख मंदिर गंगोत्री मंदिर है यह स्थान सर्दियों में बर्फ से ढक जाता है यहाँ आने के लिए आपको हरिद्वार ऋषिकेश से बस मिल जाएगी आप जब भी गंगोत्री आये तो हरसिल , डोडी ताल , केदार ताल , दयार बुग्याल , नादाँ वन तपोवन , गोमुख आदि जरूर जाए ये सभी जगहे अनेको प्राकृतिक द्रश्यो से भरी है |

अब हम बात करते है यमुनोत्री की यहाँआने के लिये आपको सबसे पहले हनुमान चट्टी आना होगा फिर वहां से ट्रेक करके आप यमुनोत्री आएँग , यह स्थान यमुना नदी का उद्गम स्थल है , यहाँ आप गर्म कुण्ड के जल से स्नान करे जो की यमुनोत्री मंदिर के पास ही है यहाँ से 7 किलोमीटर दूर जानकी चट्टी आप जा सकते हो |बद्रीनाथ धाम तो लगभग सबने ही सुना होगा यह हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पवित्र स्थल है यहाँ जाने के लिए आपको शुरुआत हरिद्वार या ऋषिकेश से करनी होगी हरिद्वार से बद्रीनाथ धाम लगभग 325 किलोमीटर की दूरी पर होगा , बद्रीनाथ में रुकने के लिए आपको तमाम होटल मिल जायेंगे , यहाँ आप जब भी जाये तो यहाँ की पान्ह्क शिलाओ के दर्शन जरूर करे , यहाँ बने तप्त कुण्ड में स्नान भी करे अब आप नारद कुण्ड , चरण पादुका , माना गाँव , भीम पुल , शेष नेत्र जैसे स्थल भी देख सकते है |

केदारनाथ महादेव का दिव्य स्थान जहाँ का धार्मिक महत्त्व और नैसर्गिक सुन्दरता हर किसी को बुलाती रहती है वैसे तो यह स्थल रुद्रप्रयाग जिले में आता है और यह 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है आप यहाँ भी हरिद्वार या ऋषिकेश से बस के द्वारा जा सकते है हरिद्वार से सोनप्रयाग और सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तो आप वहां से जा सकते हो उसके बाद की यात्रा आपको पैदल / खच्चर / पिट्ठू से ही करी होगी यहाँ सबसे पहले तो आप भोले बाबा के अलौकिक दर्शन करे फिर आप गौरीकुंड , वासुकी ताल भी जा सकते है |केदारनाथ मंदिर से 4 किलोमीटर की दूरी पर चोखादो ताल इसे गाँधी ताल भी कहते है यहाँ भी आप जा सकते हो |त्रियुगीनारायण मंदिर गौरीकुंड से १० किलोमीटर की दूरी पर है आप यहाँ भी दर्शन हेतु जा सकते है |केदारनाथ से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उखीमठ भी आप जा सकते है जब केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो जाते है तो उनकी पूजा उखीमठ में की जाती है |देवरिया ताल भी यहाँ से महज 60 किलोमीटर की दूरी पर है और वासुकी ताल भी आप जा सकते हो |नोट - ध्यान से ये चारो छोटे धाम के कपाट खुलने की जानकारी करके ही यहाँ जाए |

उत्तराखण्ड के पञ्च प्रयाग

प्रयाग शब्द का मतलब नदियों के संगम से होता है तो उत्तराखंड में पांच ऐसे पवित्र स्थल है जहाँ ये संगम हुये है इनको है आइये इनके बारे में भी जान लिया जाय -

देवप्रयाग

देवप्रयाग के बारे में हम ऊपर बता ही चुके है |

रुद्रप्रयाग

इस स्थल पर मंककिनी और अलकनंदा नदियों का संगम होता है यह स्थल हरिद्वार से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर है , रुद्रप्रयाग संगम से महज ३ किलोमीटर की दूरी पर कोटेश्वर मन्दिर है जहाँ आपको जरूर दर्शन हेतु जाना चाहिए इसके अलावा आप रुद्रनाथ मन्दिर और अगस्त्मुनिजैसे स्थलों पर भी जा सकते है |

कर्णप्रयाग

यहाँ पर अलकनंदा और पिंडर नदियों का संगम होता है , ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की दूरी लगभग 173 किलोमीटर है , रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग की दूरी मात्र ३३ किलोमीटर है यहाँ देखने के लिए आप उमा मंदिर , कर्ण मंदिर , आदि बद्री मन्दिर जा सकते है |

नंदप्रयाग

इस स्थल पर अलकनंदा और नंदाकिनी नदी का संगम होता है , नंदप्रयाग कर्णप्रयाग से महज २० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ के मुख्या मंदिरों में आप गोपाल मंदिर और चंडिका मंदिर है |

विष्णुप्रयाग

इस स्थल पर विष्णुगंगा और अलकनंदा नदी का संगम होता है , नंद्प्रयाग से विष्णुप्रयाग की दूरी 70 किलोमीटर है , यहाँ से 40 किलोमीटर की दूरी पर बद्रीनाथ धाम स्थित है 

पञ्च केदार

पञ्च केदार मतलब भगवान शिव के पांच पवित्र मन्दिर जो उत्तराखण्ड में स्थित है ये उत्तराखण्ड के काफी उंचाई पर स्थित शिव मंदिर है इनमे केदारनाथ , तुंगनाथ , रुद्रनाथ , मदमहेश्वर और कल्पेश्वर है |केदारनाथ के बारे में हम आपको पहले ही बता चुके है |

तुंगनाथ

यह पवित्र शिव मन्दिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है इस मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है , यह स्थल चोपता क्षेत्र में आता है , ऋषिकेश से यहाँ की दूरी लगभग 210 किलोमीटर है यहाँ आप तुंगनाथ मंदिर देखे फिर मंदिर से आगे लगभग 3 किलोमीटर पर चंद्रशिला शिखर है वहां भी आप ट्रेक कर सकते है |यहाँ पहुचने के लिए आपको चोपता आना होगा वहां से आप तुंगनाथ मंदिर की और जा सकते है , तुंगनाथ मंदिर का ट्रेक बड़ा ही शनदार है और दिसंबर जनवरी में यहाँ आपको बर्फ भी देखने को मिलती है | चोपता भी एक जाना माना हिल स्टेशन है यहं भी आप घूम सकते हो |

रुद्रनाथ महादेव

भगवान शिव का यह मन्दिर चमोली जनपद में स्थित है यह मंदिर गोपेश्वर केदारनाथ रोड पर स्थित है , यहाँ जाने के लिए आपको सबसे पहले गोपेश्वर आन अहोगा फिर गोपेश्वर से रुद्रनाथ की यात्रा शुरू होती है , यहाँ की यात्रा में आपको बुग्याल कई प्रसिद्ध मंदिर मिलते है यह यात्रा बेहद ही रोचक होती है |

मदमहेश्वर

यहाँ आने के लिए आपको उखीमठ आना होगा फिर उखीमठ से ऊनिआना गाँव और यहाँ से से लगभग 21 किलोमीटर का ट्रेक करना पड़ता है जिसमे आपको प्रकृति के सुन्दर नज़ारे देखने को मिलते है , यह रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है |

कलपेश्वर

यहाँ आपको भोलेनाथ की जटा के दर्शन होते है जो की एक चट्टान सी है यह चमोली जिले में है यहाँ आने के लिए आपको हेलंग आना होगा फिर वहां से ट्रेक करके आप इस मन्दिर तक अ सकते है |

पञ्च बद्री

उत्तराखण्ड में भगवान विश्वु के पांच धाम है जिसमे बद्रीनाथ मन्दिर , ध्यान बद्री ,वृद्ध बद्री , योग बद्री , भविष्य बद्री है बद्रीनाथ धाम के बारे में हम आपको बहा ही चुके है Uttarakhand me Ghumne Ki jagah में इन बद्री को शामिल करना आवश्यक था |योग ध्यान बद्री जिला चमोली में आता है और यह अलाक्नान्दनादी के किनारे गोविन्द घाट पर बना है यह पांडूकेश्वर नाम की जगह पर है यहाँ भगवान् विष्णु ध्यान की मुद्रा में है |भविष्य बद्री भी चमोली जिले में है और यह बद्री जोशीमठ के पास सुभई गाँव में है यहाँ विष्णु जी के नरसिंह रूप की पूजा की जाती है यहाँ आने के लिए आप सबसे पहले जोशीमठ आये फिर सलधर फिर सलधर से 6 किलोमीटर का ट्रेक करके जाए भविष्य बद्री और दर्शन करे |वृद्ध बद्री जोशीमठ से लगभग 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है नाम के अनुसार इस जगह विष्णु जी की पूजा वृद्ध रूप में की जाती है मतलब बूढ़े रूप में , यह साल के बारह महीने खुला रहता है |आदिबद्री यह स्थान कर्णप्रयाग से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |

श्री हेमकुण्ड साहिब चमोली जिला

श्री हेमकुण्ड साहिब सिख समुदाय का एक बहुत ही पवित्र स्थल है यह चमोली जिले में है यह एक गुरुद्वारा है यह एक बहुत ही सुन्दर गुरुद्वारा है जिसके किनारे पर एक झील भी है , यह स्थल श्रधालुओ के लिए समूचे साल न खुलकर सिर्फ मई से ओक्टूबर के मध्य ही खुलता है क्यूंकि बाकी के दिनों में अत्यधिक बर्फ पड़ने के कारण यहाँ की यात्रा कठीन हो जाती है |यहाँ अप लक्ष्मण मन्दिर , कागभुसंडी ताल , भीम पुल , पांडूकेश्वर आदि देख सकते हो यहाँ तक आने के लिए आपको सबसे पहले जोशीमठ तक आना होगा फिर वहां से आपको गोविन्द घाट आना होगा अब गोविन्द घाट से आपको २० किलोमीटर ट्रेक करके हेमकुण्ड साहिब तक आना ओगा |

औली

औली एक ऐसा नाम जिसे आजकल के घुमक्कड़ बहुत ही पसंद करते है क्यूंकि यहाँ आप प्रकृति को बहुत ही पास से देखते है यहाँ आप बर्फ का भरपूर मजा ले सकते है और आइस स्कीइंग यहाँ से बेहतर शायद ही आप कही और पाए औली में आप क़वारी बुग्याल , गुरसो बुग्याल , चिनाल झील , छन्ना कुंड , सेल्धार , आदि देख सकते हो |यहाँ तक आने के लिए आपको सबसे पहले जोशीमठ आना होगा जोशीमठ से आप औली रोपवे के द्वारा जाइएगा |

जोशीमठ

आप देख रहे उत्तराखंड के कई पर्यटन स्थलों को केंद्र जोशीमठ ही है तो आपको जोशीमठ के आसपास के और भी टूरिस्ट सोत बता देते है यहाँ आपको बहुत सारे मठ और मंदिर मिलेंगे और ये स्थल ही बाद्रिनाथ का प्रवेश दार है जोशीमठ चमोली जिले में है नरसिंह मंदिर , ज्योतिरमठ , नंदा देवी राष्टीय उद्यान आप देख सकते हो |

फूलो की घाटी

यह बेहद की खूबसूरत स्थान चमोली जनपद में है और यहाँ आप जोशीमठ से आ सकते हो |

कोटद्वार

कोटद्वार उत्तराखण्ड राज्य के पौढ़ी गढ़वाल जिले में स्थित है यहाँ का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सिद्धबली हनुमान मन्दिर है जो की खोह नदी के किनारे पर है यह एक बहुत सुन्दर स्थल है इसके अलावा यहाँ से 15 किलोमीटर की दूरी पर कण्वाआश्रम है यहाँ भी आप जा सकते है यहाँ आप बड़ी ही आसानी से आ सकते है यह सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है यह स्थान हरिद्वार से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर है |

लैंसडाउन

कोटद्वार से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर लैंसडाउन नाम का एक हिल स्टेशन है जो की टिप एन टॉप के लिए फेमस है यहाँ आपको भीड़ बहुत कम दिखेगी तो आप जीवन में कभी यहाँ का भी प्लान बनाये यह हिल स्टेशन  लोकप्रिय हो रही है |

नैनीताल

भारत का एक जाना माना हिल स्टेशन नैनीताल जो की उत्तराखंड राज्य में है यह वाकई में झीलों का शहर है यहाँ घुमने के लिए ढेर सारे विकल्प है यहाँ का सबसे पास का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है और काठगोदाम से नैनीताल लगभग 35 किलोमीटर है , यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल में नैना झील , नैना देवी मंदिर , सातताल, जू , रामनगर , रामगढ , भीमताल , माल रोड , हनुमान गढ़ी , मुक्तेश्वर , नौकुचियाताल , थोड़ी दूरी पर कैंची धाम आदि है |

रानीखेत

काठगोदाम रेलवे स्टेशन रानीखेत की दूरी महज लगभग 80 किलोमीटर है यहाँ आपको देवदार और चीड़ के ऊँचे ऊँचे पेड़ दिखाई देंगे जो वाकई में बेहद ही खूबसूरत है एक प्रकृति प्रेमी क लिए रानीखेत एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है यहाँ के मुख्य पर्यटक स्थल चौबटिया , दूनागिरी , गोल्फ का मैदान , शीतला खेत , चिलियानौला , मजखाली , द्वाराहाट , धोलिखेत आदि है यहाँ आने के लिए सबसे पहले आपको काठगोदाम आना होगा फिर काठगोदाम से आप रानीखेत बस , टैक्सी आदि साधनों से पहुँच सकते हो , रानीखेत अल्मोड़ा जिले में है |

अल्मोड़ा

यह खुद एक जिला है और काठगोदाम से लगभग 83 किलोमीटर की दूरी पर है यहाँ आप कथोदम से बस या टैक्सी लेके जा सकते हो यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थलों में चितई मंदिर , डिअर पार्क , मम्यूजियम , कसार देवी प्रमुख है |इसके अलावा अल्मोड़ा के आसपास भी ढेरो पर्यटन स्थल है जिन्हें हम नीचे बता रहे है - अल्मोड़ा से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर जागेश्वर है |अल्मोड़ा से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है बिनसर है |प्राकृतिक सौन्दर्यता से ओत प्रोत कोसी अल्मोड़ा से महज 13 किलोमीटर की दूरी पर है |बैजनाथ जो की एक उत्रुष्ट मंदिरों की श्रंखला है यह अल्मोड़ा से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर है |बागेश्वर भी एक जाना माना पर्यटन स्थल है जो की अल्मोड़ा से मात्र 90 किलोमीटर की दूरी पर है |

कौसानी

यहाँ की नैसर्गिक सुन्दरता देखते ही बनती है महात्मा गाँधीजी ने कौसानी को धरती का स्वर्ग कहा है यहाँ पर्यटन के बहुत से विकल्प नहीं है लेकिन आप यहाँ आये यहाँ रहे मजा आ जायेगा , कौसानी अल्मोड़ा से 50 किलोमीटर की दूरी पर है यहाँ के मुख्य पर्यटन केंद्र पन्त संग्रहालय , अनासक्ति आश्रम है इसके अलावा कौसानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर पिनाकेश्वर है जो की ट्रेकिंग के लिए बेस्ट है |

माँ पूर्णागिरी मन्दिर टनकपुर

यह धार्मिक स्थल चम्पावत जिले में है , माँ पूर्णागिरी देवी का मंदिर अन्नपूर्ण शिखर पे है और यह 108 सिद्धपीठो में से एक है यहाँ नवरात्र में अताधिक भीड़ होती है यहाँ आने के लिए आपको सबसे पहले टनकपुर आना होगा टनकपुर एक रेलवे स्टेशन है नै दिल्ली से टनकपुर की दूरी लगभग 330 किलोमीटर है और टनकपुर से यह मंदिर 22 किलोमीटर की दूरी पर है जिसे आप जीप द्वारा जा सकते है बस आपको लगभग 3 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करके माँ तक पहुचना होगा |यहाँ से अप नेपाल के महेन्द्रनगर में स्थित सिद्ध बाबा जा सकते है और टनकपुर में आप शारदा घाट जा सकते है यदि आपको राफ्टिंग का शौख है तो आप बूम राफ्टिंग सन्टर भी जा सकते हो  |

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पिथोरागढ़

पिथोरागढ़ उत्तराखण्ड राज्य का एक जिला है और यहाँ भी पर्यटन के ढेर सारे विकल्प मौजूद है यहाँ आप सीढीनुमा खेत देखने को पाओगे यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है जो की यहाँ स लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर है यहाँ के मुख्य पर्यटन केंद्र थल केदार ध्वज , चन्दाक आदि है इसके आलावा इसके आसपास भी कुह जाने माने टूरिस्ट पॉइंट है जिन्हें भी आप जान ले तो बेहतर है |पिथोरागढ़ से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बेरीनाग यहाँ आप हरे भरे चाय के बागन और हिमालय के ऊँचे पहाड़ देख सकते हो |गंगोली हाट नाम की जगह पिथोरागढ़ से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है |नेपाल की सीमा से लगा हुआ धारचूला पिथोरागढ़ से 100 किलोमीटर की दूरी पर है |

मुन्सियारी

यह हिल स्टेशन पिथोराढ़ में स्थित है बहुत से लोग इसे उत्तराखण्ड का छोटा कश्मीर कहते है यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल पंचाचूली चोटी , महेश्वरी कुण्ड , बिरथी फाल , नंदा देवी मंदिर , कालामुनी मंदिर , बैतूली धार, दरकोट है काठगोदाम से मुन्सियारी लगभग 275 किलोमीटर की दूरी पर है और टनकपुर से 285 किलोमीटर है |

पातळ भुवनेश्वर

पिथोरागढ़ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पाताल भुवनेश्वर है जहा बनी गुफाये देखते ही बनती है |

चम्पावत

यह जिला उत्तराखण्ड राज्य में है यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल ग्वाल देवता , लोहाघाट , लोहाघाट से 40 किलोमीटर पर पंचेश्वर जगह है जो की चमू मंदिर के लिए प्रसिद्ध है , मायावती आश्रम भी आप जा सकते हो | इसके आलावा गुरुद्वारा रीटा साहिब , आदित्य मंदिर , एबट माउंट भी आप जा सकते हो |

केदारकंठा

केदारकंठा ट्रेकिंग के शौखीन लोगो के लिये एक उत्तम विकल्प है यह उत्तरकाशी जिले में है यहाँ आने के लिए आपको सांकरी गाँव आना होगा सांकरी गाँव आप देहरादून से आ सकते है फिर यहाँ से आप केदारकंठा का ट्रेक शुरू करेंगे यह सर्दियों में भी खुला रहता है यहाँ के लिए आप गाइड कर ले तो ज्यादा सही रहेगा गाइड आपको सांकरी से मिल जायेंगे |

श्रीनगर

अरे ये श्रीनगर जम्मू कश्मीर वाला नहीं है भैया ये उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल जनपद का एक टाउन है जो की एक पर्यटन केंद्र है यह जगह अलकनंदा नदी के किनारे पर है यह पर्यटन स्थल ऋषिकेश से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर है |

निष्कर्ष

मैंने इस लेख में Uttarakhand me Ghumne Ki jagah के कई पर्यटन स्थल का जिक्र किया है लेकिन फिर भी अभी भी ढेरो पर्यटन केंद्र जो की उत्तराखंड में होंगे यहाँ आप नहीं पाएंगे क्यूंकि मेरे हिसाब से तो पूरा उत्तराखण्ड ही घूमने वाला है मेरी जानकारी में जो जो था मैंने यहाँ लिख दिया और भी बहुत से टूरिस्ट स्पॉट जैसे न्यू टिहरी , पौढ़ी , चंबा , जिम कार्बेट , चकराता , कानाताल , पंगोत आदि भी देखने लायक है |खैर कोई नहीं आप सब कमेन्ट करके  |