जब दुनिया में कोविड-19 के प्रकोप को कम करने की जद्दोजहद चल रही थी, विश्व के एक देश भूटान में कोरोना के अलावा एक ऐसी ऐतिहासिक ट्रेल को वापस से खोलने की तैयारी की जा रही थी जिसके बारे में शायद ही किसी को जानकारी है।
दो साल की व्यापक बहाली के बाद, भूटान साम्राज्य 60 वर्षों में पहली बार ऐतिहासिक और पवित्र ट्रांस भूटान ट्रेल को फिर से खोलेगा। कहा जा रहा है कि इस ट्रेल को मार्च 2022 में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। ट्रेल का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन भूटान के महामहिम राजा द्वारा किया जाएगा, जिनकी सोच रोमांच, पर्यटन और कनेक्शन से जुड़े इस प्राचीन मार्ग को बहाल करना था। अप्रैल 2022 से, अंतरराष्ट्रीय पर्यटक पहली बार इस ट्रेल पर चल सकेंगे। इस ट्रेल के खुलने के साथ ही साथ ग्रामीण समुदायों को भी काफी आर्थिक सहायता प्रदान की जा सकेगी।
इस ट्रेल पर काम करने के लिए सामुदायिक पर्यटन के महारथी, जी एडवेंचर्स, को भूटान कनाडा फाउंडेशन द्वारा चुना गया है। भूटान कनाडा फाउंडेशन गैर-लाभकारी संगठन है, जो ट्रेल के लोगों के लिए खुलने के बाद पहले कम्युनिटी एडवेंचर ऑपरेटर के रूप में काम करेगा। जी एडवेंचर्स के साथ ट्रेक बुक करने के लिए फिलहाल दो नए सक्रिय ट्रेकिंग यात्रा कार्यक्रम उपलब्ध हैं। इस ट्रेल में 11-दिवसीय कैंपिंग शामिल है जो द ट्रांस भूटान ट्रेल ट्रिप पर आवश्यक है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में 12 दिनों की हाइलाइट्स शामिल है जिसमें कैंपिंग और होमस्टे की सुविधा है, और स्थानीय स्वामित्व वाले होमस्टे में आवास के साथ गेस्ट हाउस और होटल के बारे में भी जानकारी दी गई है।
ट्रांस भूटान ट्रेल के बारे में
ट्रांस भूटान ट्रेल की उत्पत्ति हजारों साल पहले की है जब ये प्राचीन सिल्क रोड का हिस्सा थी। आधिकारिक अभिलेखों से मालूम चलता है कि ये ट्रेल 16वीं शताब्दी में काफी अहम और एकमात्र मार्ग हुआ करती थी जो देश के पूर्व और पश्चिम हिस्से या पूर्वी हिमालई इलाकों के दुर्गम किलों को आपस में जोड़ती थी। ये ट्रेल बौद्ध भिक्षुओं के लिए पश्चिमी भूटान और तिब्बत में पवित्र स्थलों की यात्रा करने के लिए तीर्थ मार्ग के रूप में भी काम करता थी। केवल यही नहीं पुराने समय में इस ट्रेल का इस्तेमाल संदेश और चिट्ठियों के आदान प्रदान के लिए भी किया जाता था।
जब 1960 के दशक में पूरे भूटान में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण शुरू हुआ, तो ट्रेल की प्राचीन सीढ़ियाँ और फुटपाथ धीरे-धीरे जीर्ण-शीर्ण हो गए। बहाली के लिए मार्च 2020 में, प्राचीन मार्ग सर्वेक्षणकर्ताओं की टीम ने जंगलों को साफ करना, नदियों और पुलों को उनके पूर्व गौरव के लिए फिर से बनाना शुरू किया। इस काम के दौरान, भूटान के तमाम समुदायों ने उन्हें आतिथ्य और सहायता प्रदान की और बुजुर्गों ने इस मार्ग से जुड़ी अतीत की कहानियों को साझा किया।
जी एडवेंचर्स में प्रोडक्ट के वाइस प्रेसिडेंट यवेस मार्सेउ का कहना है कि इस लगभग 403 किमी. (250 मील) लंबी ट्रेल पर विशेष रूप से चयनित हिस्सों पर ट्रेकिंग, भूटानी जीवन और संस्कृति के बारे में जानने पर ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय लोगों से जुड़ने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिससे टूरिज्म के साथ साथ सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। इस प्रकार सामुदायिक पर्यटन के लाभों के साथ सांस्कृतिक विरासत पर भी काम किया जाएगा।
"हमें गर्व है कि हमें इस नए मार्ग को लॉन्च करने के लिए भूटान कनाडा फाउंडेशन और ट्रांस भूटान ट्रेल के साथ काम करने का मौका मिला है। ये एक ऐसा देश है जिसमें हमने एक दशक से भी अधिक समय से यात्राएँ आयोजित की हैं और लंबे समय से अपने लोगों की खुशी और जीवन के स्थायी तरीके के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की प्रशंसा की है, जो जो एक संगठन के रूप में हमारे मूल्यों के साथ बैठता है।"
मार्स्यू कहते हैं, "शुरू से ट्रेल्स समुदायों को जोड़ने का काम करती आई हैं। पर्यटन के कारण स्थानीय लोगों की आय भी काफी हद तक इनपर निर्भर करती है। आज महामारी ने लोगों को प्रकृति में अधिक समय बिताने के लिए प्रोत्साहित कर दिया है और अब ज्यादातर पर्यटक इसी तरह के अनुभवों की तलाश में हैं। हमारी नई यात्राएँ, ट्रेल के मुख्य आकर्षण को कवर करती हैं जिसमें हाइकर्स को जंगल और घास के मैदानों को पार करने का मौका मिलता है। वो द्ज़ोंग्स के आसपास ग्रामीण बस्तियों की भी यात्रा करते हैं। इस ट्रेल पर हर दिन औसतन तीन से चार घंटे लंबी पैदल यात्रा और हर रात स्वादिष्ट स्थानीय भोजन शामिल है फिर चाहे वे कैंपिंग कर रहे हों या होमस्टे, होटल या स्थानीय गेस्ट हाउस में ठहर रहे हों।"
भूटान कनाडा फाउंडेशन के अध्यक्ष और ट्रांस भूटान ट्रेल के प्रमुख दाता सैम बेलीथ का कहना है कि जी एडवेंचर्स कंपनी का लंबा इतिहास और छोटे ग्रुप टूर्स को चलाने का अनुभव इस कंपनी को ट्रेल के लिए ऑब्वियस बनाता है।
"स्थानीय लोगों, विशेष रूप से युवाओं, ग्रामीण समुदायों में आय के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ, ट्रेल की बहाली एक समुदाय-आधारित परियोजना है जिसे एक प्राचीन सांस्कृतिक प्रतीक को संरक्षित करने और यात्रियों के लिए एक स्थायी अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सामुदायिक पर्यटन के परिणामस्वरूप आर्थिक लाभ सीधे स्थानीय समुदायों को दिया जाएगा फिर चाहे वो होमस्टे के द्वारा हो, बहु-दिवसीय यात्राओं के लिए स्थानीय रूप से आपूर्ति की खरीद या स्थानीय गाइड के रोजगार के माध्यम से हो।"
ब्लिथ कहते हैं "दुनिया के एकमात्र कार्बन नकारात्मक देश में फैला, ट्रांस भूटान ट्रेल देश के सकल राष्ट्रीय खुशी के दर्शन को भी दर्शाता है और भूटान के बच्चों को अपने पूर्वजों के नक्शेकदम पर चलते रहने के लिए सक्षम बनाता है। हम चाहते हैं कि एक दिन ट्रांस भूटान ट्रेल को दुनिया के सबसे महान रास्तों में शामिल हो।"
उम्मीद ये की जा रही है कि मार्च 2022 में ट्रांस भूटान ट्रेल के आधिकारिक उद्घाटन समारोह से पहले भूटान की सीमाएँ पर्यटन के लिए फिर से खुल जाएंगी। ट्रांस भूटान ट्रेल पर दो नई जी एडवेंचर्स यात्राएँ 01 मई, 2022 से शुरू की जाएंगी। आप इन दोनों में से किसी भी ट्रिप के लिए बुकिंग कर सकते हैं। इस बुकिंग में ट्रिप के लिए जरूरी परमिट भी शामिल है।
कैंपिंग के बारे में जानकारी
1960 के दशक तक, ट्रांस भूटान ट्रेल भूटान के पर्वतीय साम्राज्य तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता था। अब, इस ऐतिहासिक मार्ग को वापस से दुनिया के लिए खोला जा रहा है। इस 11-दिवसीय ट्रिप में कई ऐसी चीजें शामिल होंगी जिनके बारे में दुनिया को अंदाजा भी नहीं है। इस 403 किमी. लंबे के रास्ते के कुछ बेहतरीन हिस्सों को कवर करते हुए, यात्री एक अलग युग के लुभावने, विविध लैंडस्केप और टाइमलेस गांवों का अनुभव करने के लिए ट्रेकिंग करेंगे। स्थानीय घरों में आराम और खानपान का बढ़िया इंतजाम, इस दौरे में भूटान के ग्रामीण और आध्यात्मिक जीवन की एक झलक मिलेगी जो केवल एक ऑफबीट रास्ते पर ही संभव है।
ट्रांस भूटान ट्रेल की विशेषताएँ
इस ट्रेल पर आपको विश्व के सबसे खुशहाल देशों में से एक से होकर गुजरने का मौका मिलेगा। आप हजारों वर्षों से राजघरानों, भिक्षुओं और व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उसी रास्ते पर चल सकते हैं। इस 12-दिवसीय दौरे पर, आपको इस ऐतिहासिक ट्रेल के सबसे अच्छे हिस्सों में यात्रा और ट्रेक करने का मौका मिलेगा। आप पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, ऊँचे पहाड़, नदियों और घाटियों को पार करते हुए एक अलग युग से गाँवों में पहुँचेंगे जहाँ आप स्थानीय इतिहास, संस्कृति और माने जाने वाले रीति रिवाज जन सकते हैं।
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