कर्नाटक भारत के खूबसूरत राज्य में से एक है।जहाँ घूमे फिरने के बहुत से स्थान है।चिकमंगलूर दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने कॉफी के बागानों और उत्पादन के लिए विश्व भर में जाना जाता है। भारत में कॉफी के पौधे उगाने की शुरुआत चिकमंगलूर से ही की गई थी, जिसका श्रेय बादा बुदन को जाता है, जो कॉफी के बीज अरब देश यमन से लेकर भारत आए थे। यहां की पहाड़ियां कॉफी के बागानों से भरी हैं, जो पर्यटकों को आनंदित और रोमांचित करने का काम करती हैं। चिकमंगलूर एक आदर्श विकल्प है, जहां आप प्रकृति के करीब जाकर कुछ समय फुर्सत के बिता सकते हैं।
यहां घूमने-फिरने के लिए कई शानदार जगहें मौजूद हैं, जिन्हें आप यात्रा के दौरान देख सकते हैं। यहां आप कुदरती सौंदर्यता का आनंद उठाने के साथ-साथ कई तरह की एडवेंचर गतिविधियां का अनुभव भी ले सकते हैं। चाहे पारिवारिक भ्रमण हो या दोस्तों के साथ ट्रिप प्लान यह पहाड़ी स्थल दोनों के लिए उपयुक्त है। चिकमंगलूर के प्राकृतिक खजाने से आज हम आपको बाबा बुदनगिरी हिल्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जानिए यह पहाड़ी आपको किस प्रकार आनंदित कर सकती हैं।
बाबा बुदनगिरी हिल्स
बाबा बुदनगिरी चिकमंगलूर स्थित एक खूबसूरत पहाड़ है, जो पश्चिमी घाट में बसा हुआ है। इस पहाड़ी का नाम एक सूफी संत बाबा बुदन के नाम पर रखा गया था जो अरब से भारत इस्लाम का संदेश लेकर आए थे। माना जाता है कि वे अपने साथ यमन के मोचा बंदरगाह से कॉफी के बीज भी लेकर आए थे, और जिसके बाद ही भारत में कॉफी का उत्पादन शुरु हुआ। यहां सूफी संत हजरत दादा हयात खालंदर की दरगाह भी है, जिसके दर्शन के लिए मुस्लिमों के साथ-साथ हिन्दुओं का भी आगमन होता है। यह पहाड़ी दत्तात्रेय पीठ के नाम से भी जानी जाती है, माना जाता है कि यहां मौजूद एक गुफा में संत दत्तात्रेय ने अपने जीवन के कुछ समय बिताए थे। यहां दत्ता जयंती भी मनाई जाती है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यह पहाड़ी स्थल प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों रूपों में महत्व रखता है। बाबा बुदनगिरी समुद्र तल से लगभग 1895 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो प्रकृति प्रेमियों, श्रद्रालुओं और रोमांच का शौक रखने वालों के लिए भी दूर से आकर्षित करती है। आगे जानिए इस पहाड़ी से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण तथ्य ।
बाबा बुदनगिरी के मुख्य आकर्षण
मुल्यायनगिरि
चिकमंगलूर के पर्यटन स्थल में शामिल मुलायनगिरी समुद्र तल से 1930 मीटर की ऊंचाई पर स्थित। मुलायनगिरी चोटी पश्चिमी घाट के बाबा बुदन की पहाड़ी में स्थित है। यह स्थान नीलगिरी रेंज और हिमालय पहाड़ी के बीच एक उच्चतम शिखर के रूप में कार्य करता है। प्राकृतिक प्रेमियों और साहसिक व्यक्तियों के लिए माउंटेन बाइकिंग और रोड बाइकिंग जैसी कई गतिविधियां है।
हेब्बे फॉल्स
कर्नाटक के पश्चिमी घाटों में 35 अद्भुत झरनों में से एक है, हेब्बे फॉल्स जो अपनी अद्भुत सुंदरता के लिए जाना जाता है। आप यहाँ पानी के साथ झाड़ियों में उगने वाली औषधीय जड़ी बूटियों को भी पा सकते हैं, जिसे आसानी से जीव विज्ञानियों और वनस्पति विज्ञानियों के लिए इसे अवश्य देखें।
केम्मनगुंडी
बुदन गिरी में घूमने वाली आकर्षित जगहों में केम्मनगुंडी एक प्रमुख स्थान हैं। यह सुंदर पहाड़ी प्रकृति प्रेमी और साहसिक गतिविधियों को करने वालो पर्यटकों के लिए एक शानदार टूरिस्ट प्लेस हैं। केम्मनगुंडी पहाड़ी में सुंदर उद्यान, मुलायनगिरी (कर्नाटका की सबसे उंची चोटी), केम्मनगुंडी या केआर पहाड़ियों के व्यापक दृश्य वहा के सैलानियों को रोमांचित कर देने वाले हिल स्टेशन के रूप में जानी जाती है।
हिरेकोले झील
चिकमगलूर में घूमने वाली जगहों में से हिरेकोले झील एक है जो की मानव निर्मित झील है। चिकमगलूर का यह पर्यटन स्थल चिकमगलूर से 10 किलोमीटर और केम्मनगुंडी से 50 किलोमीटर के अन्तराल पर है। इस स्थान पर कर्नाटक राज्य कि सबसे ऊँची चोटी को देखना अति- सुखद अनुभव होता है। इस झील को निर्मित करने के पीछे एक जन कल्याणकारी उद्देश्य ये था कि पूरे गांव को पानी कि आपूर्ति कराना ओर सिचाई के लिए पानी कि पूर्ती करना था।
दत्तात्रेय पीठ
बुदन गिरी का प्रसिद्ध स्थल दत्तात्रेय पीठ बुदन गिरि हिल्स पर स्थित हैं। इस धार्मिक स्थल पर हिंदू और मुस्लिम धर्म के अनुयाई सामान रूप से आते हैं। माना जाता हैं कि इस गुफा में गुरु दत्तात्रेय और हजरत दादा हयात मीर खलदार का आश्रय स्थान था। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार तीसरे महीने में उर्स के रूप में यहाँ तीन दिवसीय उत्सव मनाया जाता है।
झारी वाटरफॉल
चिकमगलूर का मशहूर झारी झारना जिसे “बटरमिल्क फॉल्स” के नाम से भी जाना जाता हैं। बाबा बुदनगिरी से 12 किलोमीटर के अन्तराल पर अत्तिगुंडी के निकट स्थित हैं। यह वाटर फाल्स जिले के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल में से एक हैं। विशाल घने जंगल में स्थित इस स्थान के आसपास कॉपी बागान भी हैं।
शृंगेरी शारदा पीठम
चिकमगलूर का दर्शनीय स्थल शृंगेरी शारदा पीठम तुंग नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर में प्रमुख देवता के रूप शरधम्बा देवी को पूजा जाता हैं। शंकराचार्य ने प्रारंभ में यहां चंदन की मूर्ती स्थापित की थी।
माणिक्य धारा झरना
माणिक्य धारा वाटरफाल्स बाबा बुदन गिरि हिल्स के आसपास के क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान चिकमगलूर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। पर्यटक यहां अपने परिवार के साथ आना पसंद करते हैं और प्रकृति कि इस सुंदर धरोहर पर समय बिताते हैं। इस स्थान पर शानदार ट्रेकिंग, खूबसूरत वन, बारहामासी झरना, खूबसूरत हरियाली और सुंदर वातावरण पर्यटकों लुभाता हैं।
बेलूर
बेलूर शहर चिकमगलूर का ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जोकि अपनी स्थापत्य उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। बेलुर होयस साम्राज्य के चमत्कार को अपने आप में समेटे हुए हैं। बेलुर शहर यागाची नदी की किनारे पर स्थित है और अपने चेन्नाकेश्वा मंदिर के लिए प्रसिद्ध हैं। इस परिसर में दो अन्य मंदिर भी स्थित है जोकि कपे चेन्निगराया और अम्मानवारा मंदिर के नाम से जाने जाते है।
खाने के लिए स्थानीय भोजन
स्थानीय भोजन को मालनडू व्यंजन के रूप में जाना जाता है। यहां स्वादिष्ट मसालेदार भोजन मिलता हैं। खासतौर पर नारियल का पानी और चावल-मछली की करी यहां बहुत अधिक मशहूर है। स्थानीय कॉफी की शानदार चुस्की लेने का अनुभव भी यहा लिया जा सकता है। इसके अलावा यहां के लौकप्रिय भोजन सामग्री में अक्की रोटी, काकाडू, निंद्रा चिप्स (केले के चिप्स) और बहुत कुछ हैं। उत्तर भारतीय कन्नड़ भोजन की भरमार यहां देखने को मिलती हैं।
बाबा बुदनगिरी घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
पर्यटन स्थल की यात्रा पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय सितम्वर से मार्च का माना जाता हैं। इस समय के दौरान यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत अधिक होती हैं।
कैसे पहुंचे बाबा बुदनगिरी
चिकमगलूर की यात्रा पर जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते है और अपनी यात्रा को सुखद बना सकते हैं।
फ्लाइट से
चिकमगलूर की यात्रा पर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंगलोर हवाई अड्डा चिकमगलूर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा हैं। चिकमगलूर से मंगलोर हवाई अड्डे की दूरी लगभग 157 किलोमीटर हैं। यह एअरपोर्ट चेन्नई, कोलकाता, मुंबई के अलावा अन्य भारतीय शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। एअरपोर्ट से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या यहां के स्थानीय साधनों से सफर कर सकते है। बंगलौर भी नजदीकी हवाई अड्डा हैं।
ट्रेन से
चिकमगलूर जाने के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिकमगलूर से 40 किलोमीटर की दूरी कडूर रेलवे स्टेशन हैं। यह स्टेशन शहर के सबसे नजदीक हैं और यहां से बस या टैक्सी आप ले सकते हैं।
बस से
चिकमगलूर की शानदार ट्रिप के लिए आप सडक मार्ग का चुनाव भी कर सकते हैं। यह पर्यटन स्थल बैंगलोर, मंगलौर, हुबली और हासन आदि शहरो से सडक मार्ग के जरिए बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इन सभी शहरों से नियमित रूप से बस चलती हैं।