चित्रकूट दर्शन
मंदाकिनी नदी के किनारे बसी आध्यात्मिक नगरी 'चित्रकूट' में बनें हुए मंदिर, आश्रम,और इन्हें खुद में समेटे हुए पर्वतों की श्रृंखला बहुत ही खूबसूरत लगती है। जहां तक नजर जाती है बस हरियाली ही हरियाली दिखती है। लाल-पीले, हरे गुलाबी, नारंगी और बैंगनी हर रंग के खिले फूल। सबकी नजरे अपनी ओर खींच लेते हैं।
चित्रकूटधाम मे मेरी यात्रा
भारत “विविधता में एकता" का प्रतिनिधित्व करता है। हमारा देश संस्कृतियों, क्षेत्रों,
परंपराओं, भोजन में विविधता, भाषाओं आदि का मिश्रण है, हमारे भारत के लोग प्रकृति
में इतने विनम्र, समझने और मदद करने वाले हैं। भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है और
बहुत सुंदर है। भारत इतना अविश्वसनीय है और रंगों से भरा हुआ है और अपने राष्ट्रीय
पशु के रूप में बाघ है, अपने राष्ट्रीय खेल के रूप में हॉकी, आदि हमारे देश की राष्ट्रीय
भाषा या मातृभाषा हिंदी है। भारतीय भी इतने प्रतिभाशाली हैं और उन्होंने बहुत अधिक
विकास दिखाया है। यह। हमारे देश का क्षेत्र बुद्धिमान सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के कारण
विकास में तेजी दिखाता है।
चित्रकूट मे मेरी यात्रा-
जानकी कुण्ड –
कामदगिरि मंदिर -
स्फटिक शिला -
राम दर्शन -
सती अनुसुइया आश्रम –
गुप्त गोदावरी –
हनुमान धारा –
रामघाट-
गणेश वाग –