भारत में भी बहुत सी हांटेड जगह हैं और आज मैं आप सब लोगों को लेकर चल रहा हूं जैसलमेर का हॉन्टेड कुलधारा विलेज। यह जैसलमेर से 26 किलोमीटर दूर है।इस गांव की स्थापना 13वीं शताब्दी में हुई थी।
यहां मैं 2018 में भी आ चुका हू। जब उस टाइम आया था तो बड़े सवाल है मेरे जहन में। क्योंकि यह एक प्रेत्वाधित जगह है तो इसके पीछे कुछ तो कहानियां होंगी ही। जब मैं पहली बार आया था तो बड़े सवाल से मन में।
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1.) आखिर क्यों गांव वाले इस जगह को छोड़ कर चले गए?
2.) इसकी सच्ची कहानी आखिर है क्या?
3.) क्या यह जगह आज भी हांटेड है?
चलिए शुरू करते हैं पहली कहानी से-
काफी पीढ़ियों तक पूरे भारत में पालीवाल ब्राह्मण सिर्फ यहां रहा करते थे। आज आज जहां भी पालीवाल ब्राह्मण हैं पूरे भारत में माना जाता है कि उनके पूर्वज यही के थे।
एक समय आया सलीम सिंह का जो जैसलमेर का प्रधानमंत्री हुआ और इसको कोई भी पसंद नहीं करता था। इसकी नजर पड़ी यहां के मुखिया की सुंदर सी बेटी पर।सलीम सिंह ने इन मोहतरमा का हाथ मांगा और साथ ही साथ चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा नहीं किया तो भयंकर परिणाम होंगे।
वहां के लोगों ने उससे थोड़ा टाइम मांगा। कुलधरा 83 गांव का समूह हुआ करता था। कहा जाता है कि गांव वालों ने सलीम सिंह की नहीं मानी। और एक ही रात में सब के सब यहां से चले गए। कहां गए, कैसे गए किसी को भी नहीं पता।
पर यह जगह प्रेतवाधित कैसे हो गई?
ऐसा माना जाता है कि यह लोग जब यहां से निकले, उन्होंने इस जगह को शापित कर दिया। इनके बाद जो भी यहां गांव बसाने आया वह कभी भी नहीं रह पाया।
एक दूसरी कहानी के अनुसार सलीम सिंह ने बहुत ज्यादा कर लगा दिया था मतलब टैक्स लगा दिया था इस गांव के ऊपर इसलिए यहां के सब लोग अचानक से चले गए।
एक तीसरी कहानी यह भी कहती है कि यहां पर अकाल पड़ गया था और भूकंप आया था जिसकी वजह से काफी लोग यहां मर गए थे और बचे हुए लोगों ने यह जगह छोड़ दी थी।
Lord of the Ring फिल्म अगर आप लोगों ने देखी है तो उसमें शुरुआत में ही एक मोनोलॉग है जिसमें कहा गया है -
And something which should not have been forgotten were lost, history became legend and Legend became myth.
इतिहास कुछ समय बाद दंतकथा बन जाता है और दंत कथाएं कुछ समय बाद बन जाती है काल्पनिक कहानियां|
अब क्या यह कहानियां काल्पनिक है या नहीं यह तो आप जब यहां पर आएंगे तो आप पर निर्भर करता है।
एक बात तो पक्की है यह काफी बुद्धिमान सभ्यता रही होगी। जिन्होंने ऐसे वास्तुकला के हिसाब से घर बनाए थे। यहां पर एक मंदिर और तीन घरों को दोबारा से बनाया गया है । यह दिखाने के लिए कि किस तरह से यहां लोग रहा करते होंगे।
एक घर में एक छोटी सी गुफा भी बनाई हुई है यह दिखाने के लिए कि किस तरह से यह लोग अपनी कीमती चीजें कहां रखते होंगे|
काफी कलाकृतियां यहां से चोरी भी हुई है तो सरकार ने अब यहां पर एक बाउंड्री भी बना दी है।
हम लोग देर शाम तक रुके यहां और नाइट फोटोग्राफी भी करी। प्लान तो यह था कि गैलेक्सी शूट करें यहां पर पर बादल बहुत छाए हुए थे तो हम लोगों ने कुछ अलग किया|
सच बताऊं तो मेरे यहां पर रोंगटे खड़े हो गए मुझे लगा कुछ दूर कुछ लोग हंस रहे हैं। हम यहां से उसके बाद जल्दी ही निकल लिए थे।
कुलधरा में ना जाने कितनी कहानियां और दफन होंगी । अगर आप जैसलमेर आए तो एक चक्कर यहां भी लगाएं। और कोशिश करें इतिहास में झांकने की जब यहां काफी चहल-पहल रहती होगी।
यहां सही आने का समय
यहां सही आने का समय सर्दियों का है मतलब नवंबर से मार्च के बीच में।
यहां कैसे पहुंचे
नजदीकी हवाई अड्डा बस अड्डा रेलवे स्टेशन सब जैसलमेर में है। अजमेर से यहां आने के लिए आप प्राइवेट टैक्सी कर सकते हैं|
आशा करता हूं कि यह blog आपको पसंद आया होगा। फिर आऊंगा एक नई डेस्टिनेशन के साथ।तब तक के लिए इजाजत चाहता हूं| ईश्वर आपको खुश रखे स्वस्थ रखे।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
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