जवाई बांध के जंगल

Tripoto
20th Oct 2020
Photo of जवाई बांध के जंगल 1/12 by A Mango Traveler

जवाई बांध हम लोग पहले भी आ चुके हैं मार्च 2020 में जस्ट बिफोर लॉक डाउन। और यहां इतनी जल्दी दोबारा आने का हमारे पास अपना एक रीजन भी था, और वह मैं आपको थोड़ी देर में बताता हूं पर उससे पहले, थोड़ा जवाई बांध के बारे में।

जवाई बांध के बारे में

यह छोटा सा टाउन पाली डिस्ट्रिक्ट में पड़ता है और बेसिकली ऐसे जवाई बांध बनाने के लिए बनाया गया था। 1957 में जोधपुर के राजा उम्मेद सिंह द्वारा इस बांध का निर्माण हुआ। बताया जाता है कि यह राजस्थान का वेस्टर्न रीजन में सबसे बड़ा बांध है और इसे बनाने का कारण यह था कि जोधपुर में पानी की कमी ना आए और आसपास के गांव वालों की खेती बाड़ी की चलती रहे।

आज यह जगह लेपर्ड यानी तेंदुए का घर बन चुका है और यह स्थान धीरे-धीरे काफी पॉपुलर हो रहा है वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर के बीच में हालांकि इतना आसान नहीं है इसे देखना। मैंने पिछले वीडियो की लिंक डिस्क्रिप्शन में दिया हुआ है आप देखिए उसे वह पूरी वीडियो सिर्फ लेपर्ड की chasing पर बनी है। (Video)

लेपर्ड्स को देखना

यह जगह काफी पथरीली है और इन पथरीले अरावली हिल्स में गुफाएं बन गई हैं। और इन्हीं गुफाओं में यह तेंदुए भी रहते हैं। बड़ा मुश्किल हो जाता है इन्हें सपोर्ट करना।

बड़ा मुश्किल हो जाता है इन्हें सपोर्ट करना यहां की जीभ राइवल्स बहुत डेरिंग होते हैं चलिए मान लीजिए कि आपको कोई भी लेपर्ड नहीं दिखता जब आप यहां आए पर मैं आपको इस बात की गारंटी दे सकता हूं कि किस जगह और यहां की ride को आप खूब इंजॉय करेंगे यह कोई छोटी मोटी सफारी नहीं है।

मार्च में जब हम लोग यहां आए थे तो एक female लेपर्ड ने हमें बड़ा नचाया था हालांकि आखरी सफारी में फोटो तो खींच ली थी हम लोगों ने और साथ ही साथ यह पता चला था कि जिस leopard की हमने फोटो खींची थी वह प्रेग्नेंट थी। यहां के गाइडस नें इसका नाम रखा हुआ है नीलम। Lockdown के दौरान इसने 3 बच्चे दिए और इन बच्चों को देखने के लिए सच बताऊं तो दोबारा प्रोग्राम बनाया गया था।

एक बार हालांकि नीलम ने हमें ज्यादा नहीं नचाया शायद पहचान गई होगी। तीसरी की सफारी में इस जंगल की रानी ने हमें अपने दर्शन के लिए और वह भी तीनों बच्चों के साथ।

Photo of जवाई बांध के जंगल 2/12 by A Mango Traveler

इस सारी सफारी हम लोगों ने जवाई बांध के बेरड़ा इलाके में की थी। पूरा जवाई बांध जंगल काफी बड़ा है और यहां लगभग बताते हैं 50 से 100 के बीच में तेंदुए हैं। अच्छी बात यह है कि यह लेपर्ड्स काफी शर्मीले किस्म के जानवर होते हैं और यह इंसानों पर अटैक नहीं करते।

जंगल सफारी

इसके अलावा आप यहां की जंगल सफारी भी कर सकते हैं। यहां आप बहुत वैरायटी की बर्ड्स और दूसरे जानवर जैसे नीलगाय और हिरन देख सकते हैं। यहां जंगल में घूमने का मजा ही अलग है।

Photo of जवाई बांध के जंगल 3/12 by A Mango Traveler
Photo of जवाई बांध के जंगल 4/12 by A Mango Traveler

कांबेश्वर मंदिर

जवाई बांध में देखने के लिए एक जगह और है, और वह है कांबेश्वर महादेव मंदिर जो कि लगभग 400 साल पुराना है।

इस मंदिर के नजदीक आते ही वेद सर और मैं अचरज में पड़े जब हम लोगों ने हजारों की तादाद में लंगूर देखें । लंगूर इन कंपैरिजन टो बंदर काफी शांत होते हैं। हमने इनकी खूब फोटोग्राफी करी और इसके बाद मैं चल पड़ा महादेव के दर्शन करने के लिए।

मंदिर पहुंचने के लिए लगभग 500 सीढ़ियां चढ़ने पड़ेगी।इन 500 सीढ़ियों के बीच में भी बड़े लंगूर थे। डर तो इन से मुझे काफी लग रहा था पर यह कुछ नहीं कहते।Corona pandemic की वजह से ज्यादा भीड़ यहां भी नहीं थी इसलिए दर्शन भी काफी अच्छे हुए।

मंदिर के गर्भ गृह में एक गुफा है जिसमें माना जाता है गंगा का पानी आता है।

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Photo of जवाई बांध के जंगल 7/12 by A Mango Traveler
Photo of जवाई बांध के जंगल 8/12 by A Mango Traveler

यहां के स्थानीय लोगों के बारे में

यहां के लोगों की अगर बात करूं तो ज्यादातर गांव वाले चरवाहे ही हैं और यह राबरी ट्राइब के हैं। पूरा राजस्थानी टच मिलेगा आपको यहां। अगर तेंदुआ इन्हें देख ले अपनी बकरियों के साथ तो भी अटैक नहीं करते। बड़ा ही अजीब सा समझौता है दोनों के बीच में।

Photo of जवाई बांध के जंगल 9/12 by A Mango Traveler
Photo of जवाई बांध के जंगल 10/12 by A Mango Traveler

यहां कहां रुके

हम लोग यहां थॉर नेचर रिजॉर्ट में ठहरे थे। इस रिजॉर्ट की एंट्री ही आपको अंदाजा दे देगी कि कितना रोचक होने वाला है यह आपका सफर।12 बिगो में इन्होंने अभी सिर्फ चार ही पर बहुत ही आलीशान टेंट लगाए हुए हैं जिसमें आपको कोई भी कमी महसूस नहीं होगी। 

खाने की यहां जितनी तारीफ करी जाए शायद वह भी कम होगी। ओवरऑल 10/10 की रेटिंग दूंगा मैं इस जगह को।

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यहां आने का सही समय

यहां का सही आने का समय सर्दियों का है मतलब अक्टूबर से मार्च के बीच में|

यहां कैसे आए

नजदीकी एयरपोर्ट इस जगह से दो हैं एक है जोधपुर और दूसरा है उदयपुर। मेरा सुझाव माने तो आप जोधपुर एयरपोर्ट को ही पकड़े क्योंकि वहां से जवाई बांध के लिए कनेक्टिविटी काफी अच्छी है।

नजदीकी रेलवे स्टेशन जवाई बांध में ही है। 

 नजदीकी बस अड्डा यहां सुमेरपुर में है जो कि लगभग 24 किलोमीटर दूर है और फिर वहां से आपको टैक्सी करनी पड़ेगी इस जगह के लिए।

आशा करता हूं कि यह blog आपको पसंद आया होगा। फिर आऊंगा एक नई डेस्टिनेशन के साथ।तब तक के लिए इजाजत चाहता हूं| ईश्वर आपको खुश रखे स्वस्थ रखे।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

Photo of जवाई बांध के जंगल 12/12 by A Mango Traveler