राजस्थान :- सिंजारा और हरियाली तीज, जानिए क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

Tripoto
13th Jan 2022
Photo of राजस्थान :- सिंजारा और हरियाली तीज, जानिए क्यों मनाया जाता है यह त्योहार by Pankaj Sharma
Day 1

#सिंजारा और हरियाली #तीज, जानिए क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

आज #सिंजारा है और कल हरियाली #तीज उत्सव है #तीज _श्रावण _मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। यह मुख्य रूप से #स्त्रियों के उल्लास का त्योहार है। इस समय तक #बारिश का आगमन हो चुका होता है और धरती पर चारों ही तरफ हरियाली की चादर बिछ जाती है। ऐसे में स्त्रियों के समूह गीत गाकर झूला झूलते हैं। हरियाली के वातावरण में चारों तरफ उत्सव का वातावरण रहता है जिसे 'हरियाली तीज" कहा जाता है। हरियाली तीज #राजस्थान में विशेष रूप से मनाई जाती है।

हरियाली तीज पर #मां_पार्वती का पूजन परिवार में शांति और सुख लाता है। समस्त उत्तर-भारत में तीज पर्व बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है।

तीज #भारत के अनेक हिस्सों में मनाई जाती है परंतु राजस्थान की राजधानी #जयपुर में इसका विशेष रंग देखने को मिलता है। तीज के आगमन को भीषण ग्रीष्म ऋतु के बाद पुनर्जीवन के रूप में देखा जाता है। तीज के दिन वर्षा का होना इसके उत्सवी रंग को और भी बढ़ा देता है। इस त्योहार पर #लड़कियों को #ससुराल से #पीहर आने का न्योता भेजा जाता है।

#विवाह के पश्चात जब पहला #सावन आता है तो लड़कियों को उसका उत्सव पीहर में मनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। #नवविवाहिता लड़की को ससुराल से इस त्योहार पर #सिंजारा भेजा जाता है। हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है

सिंजारा यानी इस दिन नवविवाहिता लड़की को ससुराल से #वस्त्र, #आभूषण, #श्रृंगार का सामान, #मेहंदी और #मिठाई भेजी जाती है। स्त्रियां इन सभी वस्तुओं का उपयोग करके अपना श्रृंगार करती हैं।

राजस्थान में जिन कन्याओं की सगाई हो गई होती है उन्हें अपने भावी #सास_ससुर से तीज से एक दिन पहले ही भेंट मिलती हैं। इस भेंट को भी शिंझार या श्रृंगार कहते हैं। इसमें मेहंदी, #लाख की चूड़ियां, #लहरिया नामक विशेष वेशभूषा और #घेवर नामक मिष्ठान्न् शामिल होता है।

तीज के दिन सबसे प्रमुख कार्य होता है खुले स्थान पर बड़े-बड़े #वृक्षों की शाखाओं पर #झूला डालना। झूला महिलाओं को मुदित होने का मौका देता है। झूला झूलते हुए वे अपने तमाम #दुखों को विस्मृत करती हैं और #उल्लास से भर जाती हैं। मल्हार गाते हुए #मेहंदी रचे हाथों से झूले की रस्सी पकडकर झूलना उन्हें खुश होने का मौका देता है।

तीज पर स्त्रियां पति के दूर देश से लौट आने की कामना करती हैं। यह उनके लोकगीतों में भी मुखरित होता है। तीज पर तीन बातें त्यागने का विधान है जिनमें पति से #छल_कपट, #झूठ व #दुर्व्यवहार और #परनिंदा शामिल हैं।