कोणार्क मंदिर एक खूबसूरत इतिहास

Tripoto
13th Jan 2022
Photo of कोणार्क मंदिर एक खूबसूरत इतिहास by Pankaj Sharma
Day 1

उड़िसा के कोर्णाक में स्थित सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था। अपने विशिष्ट आकार और शिल्पकला के लिए यह मंदिर पूरे विश्व में जाना जाता है।
इतिहासकार बताते है  कि मुस्लिम आक्रमणकारियों पर सैन्यबल की सफलता का जश्न मनाने के लिए राजा नरसिंहदेव ने कोणार्क में सूर्य मंदिर का निर्माण कराया था। लेकिन 15वीं शताब्दी में मुस्लिम सेना ने यहां आक्रमण कर लूट मार  मचा दी थी। तब उस समय सूर्य मंदिर के पुजारियों ने यहां स्थापित मूर्ति को पुरी में ले जाकर रख दिया था। लेकिन कोई भी इस  मंदिर को मुस्लिमों से नहीं बच सका । क्योंकि मुस्लिमों का उद्देश्य ही हिन्दू मन्दिरो को लूटना और तोडना था इस आक्रमण से पूरा मंदिर काफी क्षतिग्रस्त हो गया और समय के साथ धीरे-धीरे मंदिर पर रेत जमा होती रही और मंदिर पूरा रेत से ढक गया।  20वीं सदी में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत इस मंदिर की एक बार फिर से खोज हुई और इसको रेत से बाहर निकाल देखने लायक बनाया गया ।

हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्य देवता के रथ में बारह जोड़ी पहिए मौजूद हैं। साथ ही 7 घोड़े भी हैं जो रथ को खींचते हैं। यह 7 घोड़े 7 दिन के प्रतीक हैं। वहीं, 12 जोड़ी पहिए दिन के 24 घंटों के प्रतीक हैं। कई लोग तो यह भी कहते हैं कि यह 12 पहिए साल के 12 वर्षों के प्रतीक हैं। इनमें 8 ताड़ियां भी मौजूद हैं जो दिन के 8 प्रहर का प्रतीक है। यह मंदिर सूर्य देवता के रथ के आकार का ही बनाया गया है। कोर्णाक मंदिर में भी घोड़े और पहिए हैं। यह मंदिर समय की गति को दर्शाता है। यहां पर दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। सौभग्य से आज अपने ओड़िसा यात्रा के दूसरे चरण में मुझे भी इस सुंदर और अद्भुत मंदिर को देखने को मिला ।