जी हाँ आपने सही पड़ा। कंपकंपाती ठंड, आसमान छूती हुईं ऊँची ऊँची बर्फ से ढकी पहाडियाँ और वहाँ पर बन रहा संकरा रास्ता शायद यही ब्यान करता है। अब तक हम मुख्य रुप से कैलाश मानसरोवर के बारें में सुनते या जानते आ रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एक और कैलाश है जो की भारत में ही है और उसे कैलाश के समान ही दर्जा प्राप्त है। यहां पहुंचना भी अभी इतना मुश्किल नहीं रहा है और खर्चा भी श्री कैलाश मानसरोवर की अपेक्षा बेहद कम, और वह है आदि कैलाश। यह पंच कैलाश में से एक है। माना जाता है कि जब महादेव कैलाश से बारात लेकर माता पार्वती से विवाह करने आ रहे थे तो यहां उन्होंने पड़ाव डाला था। कैलाश मानसरोवर यात्रा के बाद आदि कैलाश यात्रा को सबसे अधिक पवित्र यात्रा माना जाता है।
उत्तराखंड से आदि कैलाश तक रोड़ बनाने का कार्य पंजाब की एक निजी कंपनी 2009 से कर रही है और यह बोर्डर रोड़ ऑर्गनाइजेशन (BRO) की देख रेख में चल रहा है। हालांकि इस निजी कंपनी ने काफी हद तक कार्य पूर्ण भी कर दिया है। अभी तक की स्थिति यह है कि उत्तराखंड के धारचूला से मालपा तक रोड़ सम्पूर्ण तैयार है हालांकि बरसात के दिनों में भूस्खलन से थोड़ा बहुत रोड खराब होता है पर bro की टीम उसको जल्द से जल्द ठीक भी कर देती है।
इतने सालों से इस रोड पर कार्य कर रही इस निजी कंपनी ने रोड कटिंग में अपने बहुत से स्टाफ़ (मशीन ऑपरेटरों) को खोया है।
पर फिर भी यह कंपनी उसकी परवाह ना करते हुए निरन्तर अपना कार्य सुचारू रूप से जारी रखा हुआ है जैसा कि आप ऊपर तस्वीर में देख सकते हैं। और पंजाब की इस महान निजी कंपनी का नाम गर्ग एंड गर्ग है जो कि बहुत काबिले तारीफ है। क्योंकि मैं भी इस रोड पर कार्य कर चुका हूँ।
इसलिए मेरा शीर्षक भी (यह रास्ता नहीं आसान) यही था।
और मेरे लिए फक्र की बात यह भी रही है कि मुझे कुछ बर्ष इस कंपनी द्वारा आदि कैलाश मार्ग बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और हो भी क्यूँ ना, ऐसा लगता है मानो प्राकृतिक ने सारी सुंदरता यहीँ पर ही बिखेर रखी है।
यहाँ तक आयें कैसे
आदि कैलाश आने के लिए पहले आपको उत्तराखंड के पिथौरागढ तक आना होगा।
पिथौरागढ़ से धारचूला तक लगभग 92 किमी जिसमें 4-5 घंटे लगते हैं।
धारचूला से लखनपुर तक लगभग 50 किमी ड्राइव करें जिसमें 2-3 घंटे लगते हैं।
फिर लखनपुर से लमारी 9 km
लमारी से बुद्धि 5 km
बुद्धि से छोटा कैलाश 37 km
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जय भारत