पटियाला की विरासत - किला मुबारक पटियाला

Tripoto
11th May 2022
Day 1

#पंजाब_की_पोस्ट
#किला_मुबारक_पटियाला

दोस्तों पंजाब  की पोस्ट में आपका सवागत हैं, जैसा कि आपको पता ही हैं इस सपैशल पोस्ट में पंजाब के किसी धार्मिक या ईतिहासिक जगह की जानकारी दी जाती हैं । इस बार हम बात करेंगे शाही शहर पटियाला के खूबसूरत किला मुबारक की।
पटियाला शहर को महाराजा आला सिंह ने 1763 ईसवी में बसाया और अपनी राजधानी बरनाला से बदल कर पटियाला बना ली और पटियाला रियासत बनाई।
महाराजा आला सिंह ने ही एक कच्ची गढ़ी का निर्माण कच्ची ईटों से करवाया जिसे बाद में पकका करवा दिया गया, इसी गढ़ को अब किला मुबारक पटियाला कहा जाता है। इस किले का बनाने का काम महाराजा आला सिंह ने किया और बाद में उनके पोते महाराजा अमर सिंह ने पूरा करवाया। किले के आसपास बहुत सारे पटियाला के मशहूर बाजार हैं जैसे अदालत बाजार, बर्तन बाजार आदि और किले के बहुत एक खुली जगह है जिसे किला चौक कहते हैं, इन बाजारों में ही आप पटियाला के मशहुर परांदे, फुलकारी, सूट और जुती खरीद सकते हो।
यह किला 10 एकड़ में बना हुआ है। यह किला मुगल और राजस्थानी कला का मिश्रण हैं। किले के अंदरले भाग को किला अंदरून कहा जाता हैं, उसमें खूबसूरत शीश महल भी बना हुआ है। दरबार हाल 1947 से पहले राज कचहरी हुआ करता था, जिसे अब मयूजियम बना दिया गया है जहां आप पटियाला रियासत के हथियार देख सकते है।
किले के दो भाग हैं
पहला- किला अंदरुन ( अंदरला भाग)
दूसरा- किला मुबारक ( अंदरले भाग से लेकर बाहरी दीवारों के बीच का हिस्सा)
दरबार हाल मयूजियम में नादर शाह दूरानी की तलवार पड़ी हुई हैं जिसे शिकार गाह कहते हैं, नादर शाह ईरान से था , यह भी अहमद शाह अबदाली की तरह एक लुटेरा था जिसनें हिंदुस्तान की दौलत लूटने के लिए 1739 ईसवी में हमला किया था।
किला मुबारक में बहुत सारे पैलेस बने हुए हैं जैसे
जेल वाला पैलेस ( शाही कैदियों के लिए )
मोती पैलेस
शीश महल
राजमाता पैलेस
रायल किचन जिसे लस्सी खाना कहते थे। यह एक दो मंजिला इमारत थी, कहते है किसी समय इस किचन में 35000 लोग खाना खाते थे।
गैसट हाऊस - जिसे रन बास कहते थे।
किले के बाहर दर्शनी गेट, शिव मंदिर और पटियाला के हैरीटेज बाजार  हैं जहां आप खरीदारी कर सकते हो। आप भी आओ कभी पटियाला घूमने जहां कण कण में ईतिहास और विरासत बसी हुई हैं। पटियाला शहर अपने पटियाला शाही सूट, पटियाला पग , पटियाला पैग, पटियाला परांदे , पटियाला के दुपट्टे आदि के लिए प्रसिद्ध हैं। बस जरूरत है टूरिज्म को बढ़ाने के लिए कयोंकि पटियाला में वह सब कुछ है देखने के लिए, जानने के लिए हिसटरी, विरासत , कुदरती सुंदरता ।
कैसे पहुंचे- पटियाला राजधानी चंडीगढ़ से 65 किमी दूर है। पटियाला में रेलवे स्टेशन भी हैं जो राजपुरा-बठिंडा रेलवे लाईन पर पड़ता हैं। पंजाब के सारे बड़े शहरों से बस द्वारा भी आप पहुंच सकते हो। पटियाला में रहने और खाने पीने के लिए होटल मिल जाऐंगे।

शाही किला पटियाला

Photo of Qila Mubarak Burji - Old Sabzi Mandi by Dr. Yadwinder Singh

किले के अंदर का दृश्य

Photo of Qila Mubarak Burji - Old Sabzi Mandi by Dr. Yadwinder Singh

किले के अंदर बनी भव्य ईमारत

Photo of Qila Mubarak Burji - Old Sabzi Mandi by Dr. Yadwinder Singh

दर्शनी गेट

Photo of Qila Mubarak Burji - Old Sabzi Mandi by Dr. Yadwinder Singh