बेहद खूबसूरत है भारत का स्कॉटलैंड, इन जगहों को नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा
बैंगलोर से कुर्ग का सफर किसी जन्नत से कम नहीं है। पहाड़ी रास्तों पर दोनों ओर प्रकृति की खूबसूरती को निहारना सच में किसी सपने के सच होने जैसा है। बैंगलोर से कुर्ग तक सड़क के रास्ते के दोनों तरफ लंबे-लंबे पेड़, कभी घने होकर जंगल का रूप ले लेते हैं तो कभी पहाड़ों को काटकर बनाए गए संकरे रास्ते आपके रोमांच को दोगुना कर देते हैं।
बैंगलोर से कुर्ग 245 किलोमीटर दूर है, जहां सड़क मार्ग से छह से सात घंटे में पहुंचा जा सकता है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरी इस जगह में अगर आप खुद गाड़ी चला रहे हों तो आप थोड़ी देर रुककर यहां की नैसर्गिक सुंदरता का आनंद भी ले सकते हैं। बैंगलोर से कुर्ग की यात्रा को प्लान करते समय यहां के दर्शनीय स्थलों का पहले लिस्ट जरूर बना लें। चारों ओर हरियाली से घिरे कुर्ग को भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है।
कर्नाटक राज्य में बसा यह हिल स्टेशन समुद्र तल से 900 मीटर से भी अधिक उंचाई पर है। जगह-जगह ऊंचे उंचे पेड़ और पहाड़ की खूबसूरती देख पर्यटक यहां जरूर आना चाहते हैं। आप जैसे-जैसे कुर्ग पहुंचते हैं, आपको कॉफी के पौधे दिखने शुरू हो जाते हैं। कुर्ग में बड़े पैमाने पर कॉफी की खेती होती है और पर्यटकों के लिए इसे देखना एक अलग अनुभव होता है।
बैंगलोर से मैसूर -
अगर आप कुर्ग छुट्टियां मनाने जा रहे हैं तो अपनी छुट्टियों को इस तरह प्लान करें कि ज्यादा से ज्यादा दर्शनीय स्थलों को देख सकें। बैंगलोर से कुर्ग जाते समय आप मैसूर जा सकते हैं। यहां चामुंडी पर्वत पर मां चामुंडेश्वरी का प्राचीन व भव्य मंदिर है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इसके बाद अगर आप यहां एक दिन रुककर मैसूर पैलेस भी घूम सकते हैं और दूसरे दिन कुर्ग के लिए सफर की शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके पास घूमने के लिए पर्याप्त समय नहीं है तो भी आप मैसूर में न रुककर मां चामुंडी मंदिर से कुर्ग के लिए निकल सकते हैं। पहाड़ी रास्ता होने के कारण रात होने से पहले कुर्ग पहुंचने की कोशिश करें।
नामद्रोलिंग मठ या गोल्डन टेंपल -
अगर आप कर्नाटक घूमने गए हैं और नामद्रोलिंग मठ या गोल्डन टेंपल नहीं देखा, तो आप बड़ी भूल कर सकते हैं। कर्नाटक के मैसूर में स्थित नामद्रोलिंग मठ तिब्बती बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा शिक्षण केंद्र है, जिसे देखने यहां दूर-दूर से लोग आते हैं। इस मठ को गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। मैसूर से 90 किमी दूर बायलाकुप्पे नाम के कस्बे में स्थित इस मठ में प्रवेश करते ही यहां का शांत वातावरण आपको एक अलग दुनिया का अहसास कराती है। मठ में अंदर प्रवेश करने पर एक विशाल मैदान से होकर आप मुख्य मंदिर तक पहुंचते हैं, जहां भगवान बुद्ध के दोनों ओर भगवान पद्मसंभव और भगवान अमितायस की स्वर्णजड़ित विशालकाय मूर्तियां स्थापित हैं, जो यहां की भव्यता दर्शाती हैं। यह मठ कुर्ग से लगभग 34 किमी की दूरी पर है।
कुर्ग में क्या देखें -
कुर्ग पर्यटन स्थल है। यहां पर्यटकों के लिए कई होटल और होमस्टे हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये स्थान किसी जन्नत से कम नहीं है। कुर्ग में झरने, वन्यजीव और बौद्ध मठ पर्यटकों के लिए दर्शनीय हैं।