जैसा की अपनी पुरानी पोस्ट में मैं पहले ही बता चुका हुं की ये 2023 दोस्तो और रिश्तेदारों से मिलने का रहेगा और साथ में खूब सारा घूमना तो साल की शुरुआत करी बुलंदशहर जा अपनी मौसी से सालो बाद मिल कर । उसके बाद आए अपने घर ग्रेटर नोएडा और वहा गए बिसरख जहां है रावण का मंदिर क्योंकि ये जगह है रावण का जन्म स्थान ।
हालाकि मैने ग्रुप में परिचय दिल से शीर्षक के लेख में इस मंदिर को ग्रुप के बाकी सदस्य , जो की नोएडा या उसके आस पास रहते है के साथ मिल कर देखने की इच्छा जताई थी पर शायद नोएडा या नोएडा एक्सटेंशन में ज्यादा ग्रुप के सदस्य रहते नही है तो प्रोग्राम सब के साथ बन नही पाया ।
बात करें इस जगह और मंदिर की तो यहां के ग्रामीणों का बोलना है रामायण के अनुसार रावण की मृत्यु के दिन जब दशहरा पूरे देश में हर्ष उल्लास से मनाया जाता है तब यहां किसी भी तरह का उत्सव या रावण दहन नही होता । बल्कि यहां के लोग रावण की आत्मा की शांति के लिए पूजा करते है और यज्ञ करते है
बिसरक गांव का बहुत बड़ा हिस्सा अब नोएडा एक्सटेंशन के नाम से जाना जाता है जहां जमीन करोड़ो की कीमत की हो गई है
गांव के नाम की बात करे । तो ये गांव रावण के पिता विश्रवास ऋषि के नाम पर पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि यह गांव में रावण ने अपने बचपन के दिन बिताए थे। और ये मंदिर हज़ार साल पुराने हैं।
यहा काफी छोटे बड़े मंदिर है इन मंदिरों में से एक, जिसे आमतौर पर रावण का मंदिर के रूप में जाना जाता है, जिसमे एक लिंगम है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे रावण के पिता ने बनाया था। स्थानीय लोग लिंगम को उसके वर्तमान रूप में पूजा करते हैं और मानते हैं कि गांव में राम लीला या दशहरा मनाने से रावण का प्रकोप होगा। यहां तक कि यहां दीवाली भी उस उत्साह के साथ नहीं मनाई जाती है जो पूरे देश में मनती है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भी यहां कुछ अवशेष, एक गुफा और कुछ पुराने सिक्के मिले । जिससे इस स्थान को रावण से जोड़ा जाने लगा । हालाकि ये स्थान कितना रावण से जुड़ा है और उसमे कितना सच है वो मुझे नही मालूम पर हां मेरे घर के पास ये जगह होने के कारण में इसको घूम आया ।
अब चलते है अपने अगले सफर #पलवल की तरफ अपने साथ हिम्मत सिंह के साथ .....
#travel4search
https://youtu.be/jqF6QKZzMpc