देश दुनिया के घूमने के शौकीन लोगो का लेह (लद्दाख) के प्रति प्रेम जग जाहिर हैं । लेह लद्दाख सिर्फ कोई आम शहर या क्षेत्र नही हैं। घूमने के शौकीन घुम्मकड़ लोगो के लिए तो
ये इमोशन है। इसको शब्दो में बया कर पाना इतना आसान नहीं। जिस किसी को थोड़ा भी घुमक्कड़ी के कीड़े ने काटा
हुआ है। आप उससे बात करके या पूंछ कर देखिए । लद्दाख , लेह का नाम सुनकर आंखो में अलग ही चमक आ
जाती है। लद्दाख का जिक्र करते ही बरबस आंखो के सामने
वो बर्फ से ढंकी ऊंची ऊंची चोटियों, वो बलखाती पहाड़ी नदिया , वो ऊंचाई वाले रास्ते , वो न भूलने वाले मनोरम दृश्य , वो नैसर्गिक सौंदर्य , वो कठिन , खतरनाक, पहाड़ी दर्रे, वो लोगो की सादगी , इत्यादि । घूमने के शौकीन लोगो का एक सपना तो होता ही है । की जिंदगी में कम से कम
एक बार तो लेह लद्दाख जाना ही हैं। पर ये इतना आसान भी
नही है । लेह लद्दाख भारत के उत्तर में अत्यधिक ऊंचाई वाले
अति दुर्गम हिमालय क्षेत्र में आता है। साल के 6 महीने ये
पूरा इलाका बाकी देश से लगभग कटा ही रहता हैं। अत्यधिक बर्फ के कारण गर्मियों के कुछ महीनो में रास्ते खुलते है। तब जाकर कही मौका मिलता है इस स्वर्ग जन्नत सरीखी जगह को देखने का ।
तो इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की कैसे आप कम से कम पैसे में सरकारी बस की सहायता से दिल्ली से लेह तक की यात्रा कर सकते है।
आगामी 2 जून 2023 से दिल्ली और लेह के बीच चलने वाली
बहु प्रतीक्षित बस सेवा फिर से बहाल होने वाली है।
ये अत्यधिक हर्ष का विषय है। इस अनोखे बस सफर का
लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। आपको बताते चले की
दिल्ली से लेह वाया मनाली की दूरी लगभग 1050 किलोमीटर है। इस अनोखे रोमाचकारी सफर को पूरा करने में लगभग 36 घंटे का समय लगता है । ये कोई मामूली या आम सफर नही है। अगर आपको सच में रोमांच पसंद है ।तभी इस सफर पर निकले अन्यथा आपको अंग्रेजी वाला सफर "suffer" भी करने को मिल सकता है । पूरी दुनिया में ये अपनी तरह का एकलौता सफर हैं। जिसमे बस दुर्गम इलाकों में ऊंचे ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों, दर्रो को पर करती हुई लेह तक जाती है। रास्ते में पड़ने वाले कुछ पहाड़ी दर्रे इस प्रकार है । जैसे बारालाचा दर्रा , रोहतांग दर्रा हालाकि अब अटल टनल बन जाने से रोहतांग दर्रा नही जाना होता , नकी दर्रा , तंगलांग ला दर्रा , लाचुंग दर्रा इत्यादि ।
रास्ते इतने मनमोहक है। की मारे खुशी के आपकी आंखों से
आंसू भी आ सकते हैं। आपने शायद ही ऐसे दृश्य, नजारे पहले कही देखे हो। हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन
एचआरटीसी हर साल इस यात्रा का जिम्मा उठाता हैं।
इतनी लंबी दूरी लगभग 1100 किलोमीटर को पूरा करना कोई आसान काम नही हैं। इसके लिए दक्ष बस ड्राइवर की आवश्यकता होती है। इस पूरी यात्रा में 3 बार ड्राइवर बदलता है। पहला ड्राइवर लेह से केलांग तक गाड़ी चलाता है। यहां से दूसरा ड्राइवर केलांग से सुंदरनगर ( मंडी ) तक गाड़ी चलाता हैं। फिर यहां से तीसरा और अंतिम ड्राइवर मोर्चा संभालता है मंडी से नई दिल्ली तक तब जाकर लगभग 36 घंटों में जाकर ये सफर खत्म होता हैं। पुरे सफर में 2 बार परिचालक ( कंडक्टर ) भी बदलता हैं। लेह से चलने वाली बस जब केलांग आती है तब दूसरा परिचालक कंडक्टर अपनी ड्यूटी देता हैं।
अगर सब कुछ ठीक रहता है। तो आगामी 2 जून से ये बस सर्विस फिर से शुरु होगी। तो अगर आपने भी लद्दाख जाने का सपना देखा है। तो आप इस बस के माध्यम से अपना
सपना साकार कर सकते है ।
अधिक जानकारी के लिए एचआरटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखे ।
किराया लगभग 18 00 रुपए हैं। जोकि बहुत ज्यादा नही हैं
36 घंटे का सफर रहेगा दिल्ली से लेह के बीच बाकी सफर मौसम के ऊपर भी निर्भर करता है।
आप चाहे तो टुकड़ों में भी सफर कर सकते है। जैसे आप पहले दिल्ली से मनाली या केलोंग तक सफर करिए । यहां एक दो दिन बिताए फिर यहां से दूसरी बस पकड़ कर आसानी से लेह जा सकते है। ऐसा करके आपको हाई एल्टीट्यूड सिकनेस नहीं होगी और आप ऊंचाई वाले मौसम के हिसाब से अपनी बॉडी को ढाल सकेंगे ।
जोकि एक अच्छा फैसला साबित हो सकता हैं।
क्या किसी ने इस बस के माध्यम से सफर किया हैं।
आपका कैसा अनुभव रहा ।
कृपया अनुभव साझा जरूर कीजिए ।