जन्नत जैसे लद्दाख में घूमने सम्बन्धित 12 खूबसूरत जगहें और उनकी संपूर्ण जानकारी

Tripoto
8th Aug 2022
Photo of जन्नत जैसे लद्दाख में घूमने सम्बन्धित 12 खूबसूरत जगहें और उनकी संपूर्ण जानकारी by Sachin walia
Day 1

घूमना आज के दौर में किसे पसंद नहीं है। घूमना पसंद सभी लोग करते हैं। लेकिन कहाँ घूमे और वहाँ क्या क्या देखें यह बात उन लोगों के लिए हमेशा से परेशानी का कारण बन जाता है। इसके लिए वह लोग गूगल का सहारा लेते हैं। हालांकि कई ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जिनके बारे में गूगल भी उन लोगों के सामने नतमस्तक हो जाता है।

आज हम आपको भारत की ऐसी खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी खूबसूरती को कम आंकना एक मूर्खता भरी बात होगी। जी हां हम आज बात, भारत की जन्नत मानी जाने वाली उस खूबसूरत लद्दाख की कर रहे हैं। जहां जाना हर घुमक्कड़ी लोगों का सपना होता है। विश्व में सबसे शांत और मनोरंजन जगहों में से एक विख्यात लेह लद्दाख घूमने के लिए उच्च स्तरीय का पर्यटन स्थल है। तो चलिए आपका ज्यादा समय ना लेते हुए आपको लद्दाख की उन 12 खूबसूरत जगहों और उनकी सम्पूर्ण जानकारी बताते हैं।

1) त्सो मोरीरी झील

त्सो मोरीरी लद्दाख की मुख्य आकर्षक झीलों में से एक है जिसकी खूबसूरती का अंदाजा इसके साफ़ सुथरे पानी को देखकर ही लगाया जा सकता है। इस झील का पानी नीले रंग के देखने के कारण ही पर्यटकों के बीच अपनी पहचान बनाये हुए है। हालाँकि इस झील तक पहुंचने के लिए आपको ऊँचे स्थान और मुश्किलों भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ेगा। इसी कारण इस झील को देखने पर्यटक कम ही पहुंच पाते हैं। अगर आप भी एडवेंचर् के शौकिन हैं तो आपको दिक्कतों का सामना कम करना पड़ेगा।

समुद्र तल से यह खूबसूरत झील 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 29 किलोमीटर लंबी और 8 किलोमीटर चौड़ी इस झील का सोंदर्य देखते ही बनता है। ऊँची ऊँची बर्फ से लदी पहाडियों के बीचों-बीच प्राकृतिक तौर पर बनीं इस झील की सुन्दरता किसी भी पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देगी।

2) पैंगोंग झील

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अगर आप भी धार्मिक विचारों और धार्मिक स्थानों पर घूमने का शौंक रखते हैं तो आप लद्दाख के इस दर्शनीय स्थल पैंगोंग झील पर जा सकते हैं। इस पैंगोंग झील का नाम तिब्बती शब्द पैंगोंग त्सो से पड़ा है। इस झील की दिलचस्प बात आप इसी बात से लगा सकतें हैं कि, इस झील का पानी सुबह नीला दिन में हरा और शाम को लाल 3 रंगों में बदलता हुआ दिखाई देता है। इस झील की यही खासियत लद्दाख में आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

3) लेह

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भारत में लेह लद्दाख द्वारा पर्यटन उद्योग को काफी बढ़ावा मिला है। पर्यटकों का लेह लद्दाख घूमने की दृष्टि से खूबसूरत सर्वश्रेष्ठ स्थान है। लेह लद्दाख बौद्ध धर्म के अनुयायियों और उनके गुरुओं को अपनी साधना करने के लिए उच्चतम धार्मिक स्थान है। यहां का शांत माहौल उनके अध्यात्म के लिए बेहद उच्चतम जगह है। बर्फ से लदी चारों ओर की खूबसूरत पहाडियों से सायॅ सायॅ कर चलने वाली हवा मन को बहुत सुकून देती है। लेह लद्दाख अपनी ऊँची ऊँची पथरीली पहाडियों और झीलों से सुसज्जित हुईं किसी जन्नत से कम नहीं लगतीं हैं।

4) ज़ांस्कर घाटी

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ज़ांस्कर घाटी लेह लद्दाख की सबसे खूबसूरत पहाडियों में शुमार है जो कि ऊँची ऊँची पथरीली बर्फ की पहाडियों से सुसज्जित होकर हर पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र माना जाता है। जांस्कर घाटी लद्दाख के सुदूर में स्थित एक खूबसूरत खड़ी पहाड़ी है। जिसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। गर्मियों के समय में जांस्कर नदी पर कई वाटर स्पोर्ट्स भी करने को मिल जाएंगे। रिवर राफ्टिंग यहां पर सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला प्रसिद्ध सपोर्ट है। इसके अलावा ज़ांस्कर घाटी में आप पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, राॅक क्लाइम्बिंग जैसे एडवेंचरस भी कर सकते हैं। इसलिए हर साल यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है।

5) लेह पैलेस

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लेह पैलेस लद्दाख में सबसे ज्यादा देखे जाना वाला पर्यटन स्थल है। प्राचीनकाल में बने इस पैलेस की सुन्दरता देखते ही बनती है। बेशक अभी इस पैलेस की दुर्दशा थोड़ी खराब है लेकिन लेह में 16वीं शताब्दी में बने होने के कारण इसे पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक देखा जाता है। यह पैलेस लेह में सबसे पुरानी इमारत होने के साथ साथ ऊँचा होने के कारण भी लोकप्रिय है। 16वीं शताब्दी में बनी इस इमारत में किसी समय शाही राजाओं का राज था। इस पैलेस से आपको लेह के आस-पास की खूबसूरती देखने को मिल जाएंगी।

6) मैग्नेटिक हिल

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लेह लद्दाख आने वाले पर्यटकों के लिए मैग्नेटिक हिल किसी रहस्य से कम नहीं हैं। इस खास जगह को मैग्नेटिक हिल नाम देने के पीछे भी एक बजह है। लोगों का मानना है कि इस जगह पर चुम्बकीय जैसी कोई धातु है जो गाड़ी के इंजन बंद होने पर भी गाड़ी को उल्टी दिशा में चलने लगती है। इस हिल की इसी ख़ासियत से पर्यटकों द्वारा इसे सबसे ज्यादा देखा जाता आया है। चुंबकीय हिल लेह और करगिल राष्ट्रीय राजमार्ग मे ही है। पर्यटक इसी रोमांच को अपनी आंखों से देखने के लिए आते हैं।

7) शांति स्तूप

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अगर आप भी धार्मिक विचारों, धार्मिक और आध्यात्मिक जगहों पर घूमने का शौंक रखते हैं तो यह स्थान आपके लिए सर्वोत्तम है। लेह में बना शांति स्तूप भी किसी जन्नत से कम नहीं हैं। शांति स्तूप और इसके आस-पास का शांत वातावरण आपको अध्यात्म से जोड़ने के लिए प्रेरित करेगा। सफेद गुंबद खूबसूरत शांति स्तूप लेह से 5 किलोमीटर दूरी में एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। इसे पर्यटकों की दृष्टि से देखा जाने वाला प्रमुख स्थान माना जाता है। इस शांति स्तूप के आस-पास आपको देखने के लिए कई खूबसूरत नजारे देखने को मिल जाएंगे। शांति स्तूप में आपको महात्मा बुद्ध जी की सोने की खूबसूरत मूर्त देखने को भी मिल जाएगी। शांति स्तूप बौद्ध धर्म के आधार पर बना हुआ है जो कि बौद्ध धर्म को समर्पित भी है। 1985 में इस सुन्दर शांति स्तूप का उद्घाटन बौद्ध धर्म के गुरु दलाई लामा द्वारा किया गया था। अगर आप भी बौद्ध धर्म से जुड़े अध्यात्म से जुड़कर शांति और सुकून का अनुभव लेना चाहते हैं तो आप यहां आ सकते हैं।

8) अल्ची मठ

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अल्ची मठ अपनी अद्भुत शैली की खूबसूरत बनावट के कारण पूरे लद्दाख में ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी प्रसिद्ध है। 900 साल प्राचीन यह मठ बौद्ध धर्म पर आधारित अलची गांव में स्थित है। सिंधु नदी के तट पर बने इस मठ की खूबसूरती दोगुनी हो जाती है।जो कि यहाँ आने वाले हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस मठ को बौद्धिक लोगों द्वारा गोम्पा बोला जाता है। यह मठ लेह का सबसे बड़ा प्रसिद्ध गोम्पा भी है। इस मठ में अलग अलग प्रकार के 3 मंदिर दुखंग, सुमस्टेक और मंजुश्री हैं जो कि वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाये गये हैं। अल्ची मठ में बनें तीनों मंदिर हिन्दू धर्म और बौद्धिक दोनों धर्मों को साथ लेकर बनाये गये हैं। जो कि काबिलेतारीफ की बात है। इसी अनूठी कला को देखने पर्यटक दूर दूर से यहां आते हैं।

9) शे मठ

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लेह के शे मठ में तांबे से निर्मित भगवान बुद्ध की दूसरी विशाल प्रतिमा स्थापित है। शे मठ लेह से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मठ की दीवारों पर बनीं सुन्दर कलाकृतियां इतनी सुन्दर हैं कि किसी भी पर्यटक का इनको देख मंत्रमुग्ध होना लाजमी ही है। शे मठ में 17वीं शताब्दी में बनीं तांबे की इस खूबसूरत प्रतिमा के कारण ही यह मठ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक प्रसिद्ध है। इसी कारण आज यहाँ आने वालें पर्यटकों का जमावड़ा देखा जा सकता है।

10) नुब्रा घाटी

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लेह लद्दाख में सबसे ज्यादा देखे जानी बाली नुब्रा घाटी बेहद ही खूबसूरत और विश्व विख्यात है। नुब्रा घाटी लेह से मात्र 150 किलोमीटर की दूरी पर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जहां आप खूबसूरती से भरपूर ऊँचे ऊँचे चट्टाननूमां पहाड़ नदी नाले और झीलों का आनंद ले सकते हैं। नुब्रा घाटी की खूबसूरती देखने लायक ही बनती है। यहां आप सियाचिन और श्याक नदियों को एक साथ देख मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।

11) गुरुद्वारा पत्थर साहिब

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आपने भारत में बहुत से प्रसिद्ध और खूबसूरत गुरुद्वारे देखे होंगे। लेकिन क्या आपने सिख धर्म तीर्थस्थल के उस गुरुद्वारे के बारे में जानते हैं जो अपने ऊँचे क्षेत्र में होने के कारण विश्व विख्यात है। गुरुद्वारा पत्थर साहिब लेह से 25 किलोमीटर दूरी, लेह श्रीनगर मार्ग पर स्थित है। इस खूबसूरत गुरुद्वारे के अन्दर गुरु नानक देव जी और एक राक्षस के पदचिन्ह हैं। लोगों द्वारा कहा गया है कि बहुत समय पहले यहां पर लोगों को उस राक्षस द्वारा बहुत परेशान किया जाता था। उस दौरान उस राक्षस को सबक सिखाने खुद सीख धर्म के गुरु नानक देव जी सन 1517 में यहां आये और यहां के लोगों को उस परेशानी से मुक्त कराया था। उस दौरान गुरु नानक देव जी के यहां आने के कारण इस पवित्र स्थान में यहाँ के लोगों द्वारा गुरुद्वारा बनाया गया था। जो आज के समय में विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में देखा जाता है।

12) खारदुंगला दर्रा

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खारदुंगला दर्रा अपने आप में ही एक रोचक और खूबसूरत जगह है। यह समुद्र तल से 18000 फीट की ऊँचाई पर होने की वजह से ही विश्व प्रसिद्ध हुआ है। खारदुंगला दर्रा में स्थित सड़क विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसकी इसी खूबी के चलते पर्यटकों का आकर्षण इसकी ओर ज्यादा है। लेह से लगभग 40 किलोमीटर दूर खारदुंगला दर्रा पहुंचने के लिए आपको टेड़ी मेड़ी सड़कों और खूबसूरत पहाडियों से होकर जाना पड़ेगा। यहां का वातावरण शहरी वातावरण से बिलकुल अलग है। जहां आने पर आपको बेहद शांति का आभास होगा।

ट्रिप को प्लान करने से पहले की कुछ जरूरी बातें

लद्दाख में पेड़ पौधे और ऊंचाई के कारण आपको ऑक्सीजन की कुछ कमी हो सकती है और दूर दूर तक कोई मेडिकल शॉप ना होने के कारण आप वहाँ जाने से पहले अपने बैग में कुछ जरूरी मेडिसन रख लें। किसी भी तरह की ऐक्टिविटी करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी ले लें। लद्दाख आने से पहले यह बेहद जरूरी है।

लद्दाख आने का सही समय

अगर हम बात करें लेह लद्दाख कि तो यह पर्यटन स्थल साल के सिर्फ 5 या 6 महीनें मार्च से अगस्त के लिए ही खुलता है। क्योंकि साल के बचे 6 महीने बर्फ के कारण लेह लद्दाख दुनिया से पूरी तरह से कट जाता है। मार्च से अगस्त तक लेह लद्दाख में बिना किसी डर के घुमा जा सकता है।

कैसे पहंचे?

वायु मार्ग: हवाई मार्ग से लद्दाख आने के लिए आपको 5 किलोमीटर शहर से दूर लेह हवाई अड्डे पर आना होगा। जहां दिल्ली, जम्मू, श्रीनगर, चंडीगढ़ से सीधे तौर पर हवाई यात्रा की जा सकती हैं।

रेल मार्ग: लेह लद्दाख में आपको कोई भी रेल्वे स्टेशन देखने को नहीं मिलेगा। लेह लद्दाख से नजदीकी रेल्वे स्टेशन जम्मू तबी है जो कि लद्दाख से मात्र 700 किलोमीटर की दूरी पर है। जम्मू तबी रेल्वे स्टेशन दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और देश के अन्य जगहों से भी जुड़ता है।

सड़क मार्ग: लेह लद्दाख जाने के लिए दो सड़क मार्ग हैं। एक हिमाचल प्रदेश में मनाली के माध्यम से है जो लगभग 494 किलोमीटर दूर है और दूसरा श्रीनगर से है जो लगभग 434 किलोमीटर दूर है। लद्दाख पहंचने के लिए आप कैब या फीर JKSRTC बस के माध्यम से भी पहंच सकते हैं।

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जय भारत

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