लामायुरु : भारत की यह जगह जो चाँद पर होने का एहसास कराती है, जानिए कब और कैसे जा सकते है?

Tripoto
9th Aug 2023
Photo of लामायुरु : भारत की यह जगह जो चाँद पर होने का एहसास कराती है, जानिए कब और कैसे जा सकते है? by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

जब से चन्द्रयान 3 सुर्खियों में आया है तब से हर किसी के मन चांद पर जाने की और वहां घर बसाने के बारे में हर किसी ख्वाहिश बन गयी है। पर अभी यह आमजन के लिए संभव नहीं है, लेकिन आपको निराश होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं क्यों कि ऐसी जगह हम अपनी पृथ्वी पर ही जा सकते है और आज इस लेख में आपको ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जो हूबहू चांद जैसी दिखती है, जहां पहुँचने पर आपको चांद पर होने का एहसास होगा, और यह जगह कहीं और नहीं अपने भारत में ही मौजूद है।

कहाँ स्थित है इंडिया का मूनलैंड और जाने का सबसे अच्छा समय

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यह जगह भारत के श्रीनगर से 434 किमी और लेह से महज 127 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का नाम लामायुरू गांव है। दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं। खासकर मूनलैंड की दीदार के लिए जरूर आते हैं। यह गांव 3,510 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लामायुरू  की यात्रा का सबसे अच्छा समय युरु कबग्यात के त्योहार के उत्सव के दौरान है, जो जुलाई/अगस्त में होता है। आमतौर पर मई से अक्टूबर के महीने लामायुरू मठ की यात्रा के लिए सही समय है क्योंकि मौसम यात्रा के लिए सबसे अनुकूल है। इस समय मौसम सुहावना रहता  है और उस दौरान श्रीनगर और मनाली दोनों ओर से लद्दाख की सड़कें भी खुली रहती हैं।

लामायुरू का इतिहास

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लामायुरू मठ 10वीं शताब्दी के लद्दाख के सबसे पुराने मठों में से एक है,।यहाँ लद्दाख का सबसे बड़ा गोम्पा भी मौजूद है। इसके साथ कई किंवदंतियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनमें से एक यह है कि लामायुरू में एक विशाल झील मौजूद थी और संस्थापक लामा, महासिद्धाचार्य नरोपा ने गाँव और मठ की नींव रखने के लिए झील को सुखा दिया था। इस प्रकार, पानी सूखने के बाद, भूमि पर चाँद जैसे गड्ढे और संरचनाएँ बनने लगीं। बेशक, इस किंवदंती का कोई ठोस प्रमाण नहीं है और यह केवल एक कहानी है जो सदियों से बताई जाती रही है।

क्यों इस जगह को 'इंडिया का मूनलैंड' कहा जाता है?

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लद्दाख का यह छोटा सा गाँव 'लामायुरु' जिसे देखते ही ऐसा लगता है कि यह जगह हमारी धरती का हिस्सा नहीं है। अलग से दिखने वाले इस जगह पर ना के बराबर वेजीटेशन है और बहुत कम एयर प्रेशर होने की वजह से इसे 'मूनलैंड' कहा जाता है। इस विलेज के टाॅप में है 'लामायुरु मोनेस्ट्री' और आसपास के घर भी गुफाओं में बने है। मंगल और मून की धरती को स्टडी करने के लिए यह जगह रिसर्चर्स और साइंटिस्ट्स के लिए यह जगह किसी खजाने से कम नहीं है। लेकिन इसे ऊबड़ खाबड़ जगह की वजह से इसे "मूनलैंड" नहीं कहा जाता है। फुल मून नाइट में यहां की मिट्टी नार्मल दिन से ज्यादा रिफलेक्ट करती है और तब इस बंजर जमीन को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे आप चांद की सतह पर खड़े हो। इसलिए अगर आपको भी चांद की सतह पर चलने जैसा एक्सपीरियंस करना है तो आपको अब पता है चाँद अब ज्यादा दूर नहीं है।

लामायुरु में करने लायक चीजें

1. योग और ध्यान

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आध्यात्मिक शांति की चाह रखने वालों के लिए, लामायुरू शांति का आश्रय स्थल है। लामायुरू मठ का शांतिपूर्ण माहौल, जहां भिक्षु योग और ध्यान करते हैं, आधुनिक जीवन की हलचल से एक शांत मुक्ति प्रदान करता है। यात्री अक्सर खुद को आध्यात्मिकता की भावना की ओर आकर्षित पाते हैं जो यहां की हवा में व्याप्त है, जिससे यह आत्म-प्रतिबिंब और आंतरिक शांति के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है।

2. ट्रेकिंग और एडवेंचर

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लामायुरू लद्दाख के कुछ सबसे प्रसिद्ध ट्रैकिंग मार्गों का प्रवेश द्वार है। लामायुरू से पदुम तक का चुनौतीपूर्ण लेकिन फायदेमंद ट्रेक साहसी लोगों को दूरदराज के गांवों, ऊंचे पहाड़ी दर्रों और लुभावने परिदृश्यों से होकर ले जाता है। यह ट्रेक स्थानीय संस्कृति से जुड़ने, ग्रामीणों के साथ बातचीत करने और लद्दाख के जंगल की प्राकृतिक सुंदरता को देखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।

3. स्थानीय संस्कृति और त्यौहार

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लामायुरू के निवासी मुख्य रूप से लद्दाखी समुदाय से हैं, जो अपने गर्मजोशी भरे आतिथ्य और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। क्षेत्र के त्यौहार, जैसे हेमिस महोत्सव और डोस्मोचे महोत्सव, रंगीन मुखौटा नृत्य, पारंपरिक संगीत और विस्तृत समारोहों का प्रदर्शन करते हैं। ये उत्सव लद्दाख की सांस्कृतिक समृद्धि की झलक पेश करते हैं और आगंतुकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं।

लामायुरू की यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

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जैसे-जैसे अधिक यात्री लामायुरू की ओर आकर्षित होते जा रहे हैं, पर्यटन और संरक्षण के बीच एक नाजुक संतुलन बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिम्मेदार पर्यटक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि, स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करना और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना, यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए लामायुरू की सुंदरता बरकरार रहे। लामायुरू की यात्रा एक भौतिक अन्वेषण से कहीं और अधिक है - यह एक आध्यात्मिक महत्व, प्राकृतिक आश्चर्यों और सांस्कृतिक खजानों की दुनिया है। चाहे आप रोमांच चाहने वाले हों, इतिहास प्रेमी हों, या बस शांति की तलाश में हों, लामायुरू एक परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करता है जो यात्रा समाप्त होने के बाद भी लंबे समय तक दिल में रहता है।