हर हर महादेव। दोस्तो आज जैसा की आप सब लोग जानते है मैं अपने 2 ओर दोस्तो के साथ गुजरात की धार्मिक यात्रा पर गया था। यात्रा के शुरुवात के 3 दिन का उल्लेख मैं आपको कर चुका हूं।आज हमारी यात्रा का चौथा दिन है। हम एक और नए पड़ाव की तरफ जा रहे है लास्ट ब्लॉग में हमने आपको सोमनाथ ज्योतिलिंग ओर उसके आसपास के कुछ धार्मिक स्थलों का भ्रमण करवाया था। आज हम आपको अपने इस नए दिन की शुरुवात सोमनाथ से अहमदाबाद की ओर ले कर चलते है।आज का हमारा यात्रा स्थल कुछ निम्न प्रकार से रहेगा। गंगेश्वर महादेव टेंपलदीव आइलैंडदीव फोर्टगिर नेशनल पार्कचलिए सबसे पहले हम बात करते है गंगेश्वर महादेव मंदिर की, हमने अपनी यात्रा सुबह 7 बजे से शुरु की। सोमनाथ से गंगेश्वर महादेव मंदिर की दूरी 85 km है लगभग 2 घंटे के सफर के बाद आप गंगेश्वर महादेव के पहुंच जाएंगे  गंगेश्वर महादेव मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य गुजरात के दीव शहर से 3 किलोमीटर दूर फादुम गांव में स्थित है। इस मंदिर के नाम से ही जाना जा सकता है कि यह मंदिर पूर्णतयः भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में स्थिपित शिव लिंग महाभारत काल के है तथा पांडवों द्वारा बनायें गये है। इस मंदिर में पांच शिव लिंग है इसलिए यह मंदिर पांच शिव लिंग के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर का नाम गुजरात के प्राचीन शिव मंदिरों में आता है। इस मंदिर में स्थापित शिव लिंग लगभग 5000 साल पुराने हैक्योंकि शिव लिंग समुद्र के किनारे पर स्थित है। समुद्र में ज्वार आने पर ये शिव लिंग समुद्र के पानी में डुब जाते है। इस मंदिर का वातावरण अत्यन्त पवित्र व निर्मल है जोकि हर समय समुद्र की लहरों की आवाजों सुना जा सकता है इसलिए इस मंदिर से एक शक्तिशाली ऊर्जा का संचार होता है। जिसको देखने व महसुस करने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु आते है।गंगेश्वर महादेव के दर्शन के बाद वहा से कुछ दूरी पर स्थित डीयू आइलैंड हमारा अगला डेस्टिनेशन था वैसे अगर सैर- सपाटे का प्रोग्राम बन रहा है और वह भी सी बीच पर, तो दीव बढ़िया ऑप्शन है। बीच के अलावा, यहां आपको फोर्ट, चर्च और मंदिर खूब देखने को मिलेंगे दीव अपने खूबसूरत सी बीचेज, चर्च और नैचरल ब्यूटी के लिए दुनियाभर में पॉप्युलर हैं। अरब सागर में एक द्वीप के रूप में बसा यह टूरिस्ट प्लेस गुजरात के एक छोर पर स्थित है। यकीन मानिए, यहां बीच पर मस्ती करने का अलग ही मजा है। दीव में घूमने के लिए बहुत कुछ है। हम आपको कुछ खास चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप मिस करना नहीं चाहेंगे...चक्रतीर्थ बीचजालंधर बीचजालंधर बीचजामपोर बीचदेवका बीचगोमटीमाला बीचनागोआ बीचये सब बीच आसपास ही है। हमारे पास टाइम की कमी थी इसलिए हमने पास के एक बीच पर आधा घंटा अपना टाइम स्पेंड किया। वहा पर ही अपने ब्रेकफास्ट किया। उसके बाद हम पास में ही दीव फोर्ट को देखने के लिए चले गए।  दीव फोर्ट तीन साइड से समुद्र और चौथी साइड से एक छोटी नहर से घिरा है। नहर की तरफ से ही किले का ऐंट्री गेट भी है। 16वीं सदी में बने इस किले में आप उस जमाने की तोपें और तलवारें आज भी देख सकते हैं। आसपास की जगहों पर घूमने के लिए यहां से बोटिंग की भी सुविधा है।कालेपानी के नाम से जानी जाने वाली यह इमारत फोर्ट के बिल्कुल सामने है। नजदीक से देखने के लिए यहां से बोट की भी सुविधा है। सेंट पॉल चर्च को अब म्यूजियम में बदल दिया गया है।दीव फोर्ट को अच्छे से एक्सप्लोर कर के हम 12 बजे के करीब फ्री हो गए। इसके बाद हम गिर नेशनल पार्क देखने का प्रोग्राम बनाया वहा से 2 घंटे की दूरी पर गिर नेशनल पार्क था हम 2 बजे वहा आ गए। वैसे अगर आप गिर नेशनल पार्क घूमने का प्लान बना रहे हैं तो मैं आपको थोड़ा डिटेल में इसके बारे में बताना चाहता हु।गिर नेशनल पार्क को खासकर शेर के संरक्षण के लिए बनाया गया है।19वीं शताब्दी के अंत तक ऐसा समय आ गया था कि भारत में केवल एक दर्जन एशियाई शेर बचे थे और  ये सभी गिर के जंगल में थे। गिर के जंगल जूनागढ़ के निजी शिकार के मैदान के नवाब का हिस्सा था। बाद में शेरों की संख्या सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि एशिया के दूसरी जगह से भी गायब सी होने लगी।तब जूनागढ़ के नवाब ने गिर एरिया को शेरों के लिए आरक्षित करने का ऐलान कर दिया और शेरों के शिकार पर भी रोक लगा दी। आपको जानकर हैरानी होगी कि सन 1990 के बाद गुजरात में सिर्फ 14 शेर ही बचे थे। आज गिर एशिया का एक सिर्फ ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर एशियाई शेर हैं। इसके साथ ही इसकी समर्थित प्रजातियों की वजह से आज गिर एशिया का एक सबसे खास संरक्षित क्षेत्र बन गया। गिर को संरक्षित करने में सरकारी वन विभाग, वन्यजीव कार्यकर्ताओं और एनजीओ का बड़ा योगदान रहा है। इन सभी संगठनों के प्रयास की वजह से आज गिर का इकोसिस्टम पूरी संरक्षित है। वर्तमान में इस पार्क में शेर और तेंदुए की आबादी काफी ज्यादा है जिसने इस प्रजाति के जानवरों के प्रेमियों के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह है। वाइल्डकैट्स के साथ यहाँ पर और भी कई तरह की दुर्लब प्रजातियाँ जैसे कि जैकल, स्ट्राइप्ड हाइना, लंगूर, पोरपाइन, ब्लैक-लेपेड भी काफी मात्र में पाए जाते हैं। गिर एशिया के सबसे खास रिज़र्व पार्क में से एक है।2015 की गणना के अनुसार इस क्षेत्र में 523 शेर और 300 से अधिक तेंदुओं का निवास है। इन दो जानवरों के साथ ही इस पार्क में दो अलग-अलग प्रजाति के हिरन पाए जाते हैं। गिर नेशनल पार्क में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजाति पाई जाती है गिर नेशनल पार्क में रेंगने वाले जानवर और उभयचरों की 40 से अधिक प्रजातियां उपस्थित है। देवलिया सफारी पार्क, गिर से जुड़ा एक ऐसा क्षेत्र है, जो पर्यटकों को इस क्षेत्र में और अधिक सुंदरता और जंगल का एक खास अनुभव करवाता है। इस सफारी टूर पर एक सफारी जीप (Safari Jeep) के द्वारा ले जाया जाता है। इस जीप में ज्यादा से ज्यादा 6 लोग आ सकते हैं या आप अकेले भी जीप बुक कर सकते हैं। जीप को बुक करने के लिए आपको 5300 रूपये देने पड़ते हैं। जीप को आप ऑनलाइन बुक भी कर सकते हैं लेकिन गिर पहुँचते समय आईडी प्रूफ होना चाहिए। जीप आपको आपके होटल से पिकअप करके वहीँ छोड़ देगी। यह जीप आपको गिर के दूसरे क्रॉस सेक्शन में ले जाती है। इस 20 से 30 मिनट के टूर में पर्यटक एशियाई शेरों के साथ दूसरे अन्य वन्यजीव भी देख पाते हैं। जून से लेकर अक्टूबर का महिना दक्षिण पश्चिम मानसून का समय रहता है जिसके चलते 16 जून से 15 अक्टूबर तक पार्क का प्रोटेक्टेड एरिया बंद रहता है। इसलिए दिसंबर से लेकर मार्च तक का समय मौसम के हिसाब से गिर नेशनल पार्क जाने के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा।गिर नेशनल पार्क घूमने के लिए कुछ शुल्क देने पड़ते हैं। भारतीय पर्यटकों के लिए, प्रवेश शुल्क 75 रुपये है जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए यह 100 रुपये है। सफारी के लिए वाहन शुल्क 35 रुपये है, फोटोग्राफी शुल्क 100 रुपये है और गाइड सेवा के 4 घंटे के लिए शुल्क 50 रुपये है। सफारी बुकिंग ऑनलाइन की जा सकती है। एक जीप में 6 भारतीय व्यक्तियों के साथ 5300 रुपये प्रति जीप सफारी तक शुल्क लगता है। जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए 13800 प्रति जीप सफारी तक शुल्क लगता है। 4 बजे तक हम लोग नेशनल पार्क को देख कर फ्री हो गए।थोड़ा हमने जल्दी जल्दी इसको एक्सप्लोर किया क्यू की आज रात तक हम लोग को अहमदाबाद आना था।अहमदाबाद में हमने पहले से ही अपने रूम बुक किए हुए थे। गिर नेशनल पार्क से अहमदाबाद की दूरी करीब 7 घंटे से ज्यादा थी।इसलिए हम लोग करीब रात के 12 बजे तक अहमदाबाद आ गए थे।सफर लंबा होने के कारण काफी थक चुके थे। कल हम लोग आपके साथ अपने ब्लॉग के माध्यम  से आपसे रूबरू होंगे। तब तक के लिए आपको शुभरात्रि।हर हर महादेव।
પોર્ટુગીઝ કોલોનીની મુલાકાત:પોર્ટુગીઝ કોલોની રહી ચુકેલો એક નાનકડો ટાપુ, નામે દીવ, સાસણ ગીરથી માત્ર ૯૫ કિમી દૂર છે. ૧૫૩૯ થી ૧૯૬૧ સુધીની પોર્ટુગીઝ વસાહત, તેના ચર્ચો, મંદિરો અને અન્ય ઐતિહાસિક ઇમારતો આજે પણ તેના ભૂતકાળની ચાડી ખાય છે. તેનો સુંદર દરિયાકિનારો, અને આરામદાયક વાતાવરણ આખા દેશમાં પ્રખ્યાત છે.
We get ready early because we have to first see the Gir forest and after that we have to head toward Diu our last stop.Taxi was waiting for us and we started our journey to Gir forest with a little hope. We roam around 2-3 hrs but apart from deer we cant see any lion so we came back and started our journey to Diu
Diu, part of 'Daman and Diu' - an Indian union territory, is geographically located in the state of Gujarat. Diu is one of the few places left in India where Portuguese influence is still evident, it offers a variety of attractions for travelers and is certainly an underrated gem. In case Diu is on your radar or you plan on visiting Gujarat, here is a list of top 15 places you must visit in Diu.