35 वा सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला 19 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। वैसे इस मेले का आयोजन हर साल 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच किया जाता था लेकिन इस बार इसका आयोजन 19 मार्च से 4 अप्रैल किया जाएगा। मेले का उद्घाटन हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। इस साल मेला एक घंटा ज्यादा देर तक चलेगा। वही मेला स्थल तक लाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा विशेष बसें चलाई। जिससे वहां आने वाले दर्शकों को परेशानी ना हो।
इस बार मेले के लिए जम्मू-कश्मीर को थीम स्टेट बनाया गया है,जम्मू एंड कश्मीर को दूसरी बार थीम स्टेट बनने का मौका मिला है। जबकि इस राज्य से धारा 370 हटने के बाद पहली बार थीम स्टेट के रूप में आ रहा है। उन्होंने बताया कि 22 साल बाद कश्मीर को थीम स्टेट बनने का मौका मिला है। इसके पहले वर्ष 2000 में थीम स्टेट बना था। मेला को लेकर तैयारियां धीरे धीरे शुरू की जा रही है।जबकि इसमें 20 से ज्यादा देश भाग लेंगे।
सूरजकुंड मेला परिसर में बनाए गए बनारस के घाट पर इस बार अरावली के जंगल में रह रहे वन्यजीवों की झलक दिखेगी। राजस्थान के रणथम्भोर के कलाकार इसे घाट की दीवारों पर उकेरेंगे। अपनी चित्रकारिता से अरावली में रह रहे चीता, लकड़बग्घा, अजगर, सांबर, खरगोश आदि को प्रदर्शित करेंगे। साथ ही वन्य जीव के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। मेले मे भागीदार राष्ट्र के रूप में उज़्बेकिस्तान सहयोगी देश है। अपना घर आगंतुकों को एक नए अवतार में रोमांचित करेगा। अपने घर में हरियाणवी कल्चर के बारे में दिखाया जाएगा।
पहली बार मेले का आयोजन 1987 से शुरू हुआ था सूरजकुंड मेला फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र स्थित सूरजकुंड में पहला हस्तशिल्प मेला 1987 में आयोजित किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंशीलाल ने हस्तशिल्प, हस्त करघा और भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए इसकी शुरुआत की थी। शुरू के वर्षों में देशभर के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों को आमंत्रित किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार एशियाई देशों तक होने लगा।
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