कुदरत की सौगात हरे भरे पहाड़ सबको आकर्षित करते है। इस संसार में बहुत सारे देश है जो पहाड़ों से लदे है। लेकिन भूटान एक ऐसा देश है जो संसार का सबसे ज्यादा पहाड़ी क्षेत्र रखता है।
भूटान अपने आप में खास देश है, संसार में अपनी अलग पहचान है। भूटान को लैंड of ड्रेगन भी कहते है।
निम्नलिखत बातें भूटान को खास बनाती है:
1)98.8 प्रतिशत पहाड़ी क्षेत्र वाला भूटान एक बेहद सुंदर देश है।
भूटान एक ऐसा देश है जहां हवा बहुत साफ है, कार्बन मुक्त देश है भूटान।
2)सिर्फ भूटान ही कार्बन नेगेटिव देश है, जहां पर इतने जंगल है , हरे भरे पेड़ कार्बन को सोख लेते है, जो भूटान को कार्बन मुक्त देश बना देता है। 70 प्रतिशित जंगल से गिरा भूटान जितनी कार्बन पैदा करता है उससे ज्यादा को सोख लेता है, इस लिए भूटान को कार्बन नेगेटिव देश कहा जाता है।
3)विदेशी सैलानियों को एक रात भूटान में रुकने का टैक्स देना पढ़ता है। जितने रात रुकना है सबका टैक्स होता है।
4)भूटान में 6000 मीटर से ऊंची चोटी पर पर्वतारोही का चढ़ना मना है, जिसका कारण यह है, यह ऊंची चोटी खतरे से खाली नहीं है, इस लिए भूटान गवर्नमेंट ने ऐसी चोटी पर चढ़ाई करने के लिए मना किया है।
5)तीर अंदाजी भूटान की राष्ट्रीय खेल मानी जाती है।
6)1974 तक भूटान दुनिया की नजरों से बचा रहा , 1974 के बाद ही यहां पर टूरिस्ट आने शुरू हुए थे।
7)भूटान के निवासियों के लिए एक ड्रेस कोड भी है, जो भूटान का परंपरागत ड्रेस है। यह सब के लिए जरूरी है।
8)भूटान की राजधानी में कोई भी ट्रैफिक लाइट नहीं है।
9)1999 से भूटान में प्लास्टिक पर रोक है, ऐसा करने वाला भूटान दुनिया का पहला देश है।
10) भारत के वासियों को भूटान जाने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं पड़ती।
अब बात करते है भूटान में घूमने की जगह की।
भूटान की राजधानी थिंपू एक बहुत ही खूबसूरत पहाड़ी शहर है। इस शहर में कोई भी ट्रैफिक लाइट नहीं हैं । हवा शुद्ध है, पॉल्यूशन से मुक्त है।
भूटान की देखने लाइक जगह है :
1. थिंपू : भूटान की राजधानी में काफी सारी जगह देखने लाइक है। जिस में बौद्ध मंदिर, म्यूजियम, बुद्ध स्टेच्यू, बोटेनिकल पार्क, क्लॉक टावर स्क्वायर, नेशनल मोमोरियल चोरटन , गोंपा, तशीचो डीजॉन्ग जैसी काफी जगह देखने लाइक है।
तशिचो डीजॉन्ग:
यह एक बुद्ध मठ मोनेस्ट्री है, जो थिंपू के उत्तर में बनी है। इसकी सुनहरी छत बहुत आकर्षित लगती है। इसकी 2 मंजले है, इस इमारत के चार कॉर्नर में 3 मंजलें टावर बने है। ।इस शानदार मोनेस्ट्री को देखने के लिए टूरिस्ट आते है। इस में 30 के लगभग बौद्ध मंदिर बने है।
परंपरागत ढंग से बनी यह इमारत काफी जगह में फैली हुई है। इसके इर्द गिर्द बहुत सारे सुंदर गार्डन, पार्क बने है।
नेशनल मेमोरियल चोरटन:
यह भूटान का प्रसिद्ध स्तुपा है, जो देखने में काफी सुंदर है। यह काफी ऊंचा भी है। इसकी सरचना वेस जैसी है। इसे 1974 में बनाया गया था। यह शहर के दशिन में स्थित है। इसे भूटान का महत्त्वपूर्ण लैंडमार्क माना जाता है।
रॉयल बोटेनिकल गार्डन :
भूटान की राजधानी थिंपू से 15 किलोमीटर की दूरी पर सेरबीथांग में बेहद खूबसूरत बोटेनिकल गार्डन है जो कुदरत प्रेमियों के लिए जा बॉटनी को पसंद करने वालों के लिए उत्तम है। यह गार्डन लगभग 28-32 ऐकड़ में फैले इस गार्डन में अलग अलग तरह के पेड़ पौधे, वनस्पति मिलती है।
थिंपू ने ओर भी बहुत सारी जगह है देखने के लिए जैसे मोनेस्ट्री, यह एक बुद्ध से संबंधित शहर है।
2. पारो:
पारो भूटान का ऐसा शहर जो अपने व्यूज के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, इसके पहाड़ों का नजारा बहुत खूबसूरत दिखता है। भूटान के ट्रिप में पारो को भी शामिल करके 7 से 8 दिन का ट्रिप बन जाता है।
पारो में भी बौद्ध धर्म की मोनेस्ट्री जैसी बहुत सारी जगह है जो सैलानी देखने आते है। पारो में भूटान का एकमात्र अंतर राष्ट्रीय एयरपोर्ट है।
पारो में देखने लाइक जगह है :
पारो तकतसंग :
यह एक बौद्ध मंदिर और मोनेस्ट्री है। यहां मेडिटेशन करने के लिए गुफाएं भी है। यह मंदिर कला का अद्भुत नमूना है। यह मंदिर थोड़ा अपर बना है पहाड़ी पर सिर्फ यह ही एक मंदिर है जो इसे बाकी शहर से अलग करता है। इसकी ऊंचाई 3120 मीटर है। मंदिर का अदरूनी डिजाइन, आर्ट बहुत ही आकर्षित है। सभी मंदिर के लिए सीडियां है। इसे पारो का हार्ट माना जाता है सबसे आकर्षित जगह है भूटान की।
नेशनल म्यूजियम :
पारो में नेशनल म्यूजियम ऑफ भूटान स्थित है। भूटान की परंपरागत शैली से बने इस म्यूजियम में भूटान के कल्चर की झलक मिलती है। इसकी सरचना भूटान की पुरातनशैली जैसी है। इस में भूटान की पेंटिंग्स, बुत, कला, स्टेच्यू, वॉचटावर देखने को मिलते है।
चेले ला पास chele la :
पारो वैली और हा के बीच एक खूबसूरत दर्रा है, जो भूटान का सबसे ऊंचा 3988 मीटर की ऊंचाई पर जहा गाड़ी से जाया जा सकता है, सबसे खूबसूरत कुदरत का सबसे अच्छा तोहफा है भूटान को, इस दर्री को जाते समय बहुत से झरने आते है, पहाड़ों की चोटियां का दृश्य इतना सुंदर है, जिसके लिए सुंदर शबद भी कम है। पारो से 2 घंटे की दूरी पर स्थित इस जगह की वनस्पति अनछुती है, पूरी तरह से कुदरती और मानुष की दखलंदाजी से रहत जगह है।
वायर रोप स्लिंग ब्रिज:
पारो नदी के किसी भी कॉर्नर से देखने पर यह ब्रिज एक जैसा ही लगता है । वायर रोप स्लिंग और रॉक ब्रिज बहुत सुंदर जगह है, कुछ समय रुकने के लिए यह जगह उत्तम है। यह ब्रिज मजबूत है मगर हिलता रहता है । इसकी समर्थ के अनुसार लोग इस पर चलते है।
पारो में ओर भी काफी जगह है बौद्ध मोनेस्ट्री, दोजनग , पार्क,एयरपोर्ट आदि।
पारो का एयरपोर्ट भी बहुत सुंदर है, अपने आप में टूरिस्ट जगह है।
भूटान के और भी शहर है जो पारो और थिंपू से छोटे है मगर देखने लाइक है जैसे
3.पुनाखा:
भूटान का पुनाखा शहर है जो 1500 मीटर की ऊंचाई पर है। यह जिला भी है। पहले भूटान की पुरानी राजधानी था।
बहुत ही सुंदर शहर है जिस में नदियों के दृश्य बहुत ही खूबसूरत दिखाई देते है । बहुत सारे नदियों के पास रिजॉर्ट है , कैंप साइट है, चारागाह है जहां पर गाय घास चरती दिखाई देगी। यहां की मोनेस्ट्री भूटान की सबसे सुंदर मोनेस्ट्री हैं । इस शहर की लाइफ नदियों पर ही निर्भर है , नदियों के आस पास ही बसा है यह शहर। इस शहर की परमुख नदी पुनाखा है।
4. समड्रूप जोंगखर :
भूटान के दशन पूर्वी क्षेत्र में भूटान का सबसे पुराना शहर है समड्रूप जोंगखर। इस शहर की खास बात यह है इस शहर की भारत के साथ सीमा लगती है, जिस के कारण बहुत सारे दुकानदार अपना समान आयात निर्यात करते है। शोपिंग के लिए यह शहर प्रसिद्ध है। भारत के असम के साथ इसकी सीमा लगती है।
इस छोटे सुंदर देश को देखने के लिए साल में कभी भी जा सकते है। बारिश के मौसम के बाद जाने पर आप को हरियाली ज्यादा दिखाई देगी। ऊंचे पहाड़ी जगह पर बर्फ भी मिल जाती है।