रोड ट्रिप का बनाना है प्लान? बंगलौर से कुर्ग का सफर आपको तरोताजा कर देगा!

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अगर आप भी उन घुमक्कड़ों की टोली में से हैं जिन्हें घर पर बैठना एकदम नहीं पसंद तो आपका मन भी कहीं घूमने जाने का जरूर कर रहा होगा। वैसे जब घुमक्कड़ी की बात आती है तब रोड ट्रिप से ज्यादा रोमांचक और मजेदार चीज और कुछ नहीं होती है। तो बंगलौर वालों क्यों ना एक रोड ट्रिप पर जाया जाए? इतने महीनों घर की चार दिवारी के अंदर रहने के बाद आखिर एक रोड ट्रिप ही तो है जो घुमक्कड़ी का सबसे सेफ और समझदारी वाला तरीका है। वैसे तो बंगलौर से आप कहीं भी रोड ट्रिप पर जा सकते हैं। लेकिन वाया रोड बंगलौर से कुर्ग जाने का को मजा है उसके आगे बाकी सब मजे आपको कम लगेंगे। सुहाना मौसम, रास्ते में दिखाई देने वाले शानदार नजारे और ढेर सारी मस्ती। आखिर एक रोड ट्रिप की यही खूबियाँ तो इसको बाकी सबसे अलग बनाती हैं।

रोड ट्रिप क्यों?

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वेस्टर्न घाट में स्थित कुर्ग बंगलौर से लगभग 275 किमी. की दूरी पर है। क्योंकि बंगलौर से कुर्ग की सड़कें बहुत अच्छी हैं इसलिए इस रास्ते पर रोड ट्रिप करना तो बिल्कुल बनता ही है। बंगलौर से कुर्ग वाया रोड जाने के लिए आप कार या बाइक दोनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। दक्षिणी हिस्से में होने की वजह से कुर्ग का मौसम भी सदाबहार बना रहता है जिसकी वजह से आपकी रोड ट्रिप और भी मजेदार हो जाएगी। इस रोड ट्रिप की सबसे अच्छी बात ये है कि आप जगह जगह रुककर रास्ते के नजारों को भी एन्जॉय कर सकते हैं। बंगलौर से कुर्ग जाने के लिए एक नहीं बल्कि तीन रूट हैं। आप अपने मुताबिक इन तीनों में से किसी भी रूट को ले सकते हैं। इस रोड ट्रिप को पूरा करने में आपको कुल 6 घंटों का समय लग सकता है। लेकिन रोड ट्रिप में लगने वाला समय आपके चुने हुए रूट और ट्रैफिक पर भी निर्भर करता है।

रूट 1: द कुशलनगर रूट

बंगलौर-रामानगरा-मद्या-कुशलनगर-मदिकेरी-कुर्ग

इस रूट को लेने के लिए आपको मैसूर मदिकेरी हाईवे लेना होगा। रास्ते में भीड़ से बचने के लिए कोशिश कीजिए आप बंगलौर से सुबह जल्दी निकल जाएं। इस रूट से जाने में आपको 6 घंटों का समय लगना तय है। वैसे बंगलौर से कुर्ग जाने के लिए ये रूट लोगों का पसंदीदा रूट भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस रास्ते से जाने में आपको प्राकृतिक के साथ साथ और भी कई शानदार जगहें देखने के लिए मिल जाती हैं।

भगामंडला मंदिर: तीन नदियों के संगम पर बना इस मंदिर को देखने के लिए देश के हर कोने से लोग आते हैं। लोगों का कहना है कि इस मंदिर में दर्शन करने से आपकी मन की शांति मिलती है।

कॉफी प्लांटेशन: कुशलनगर रूट पर आपको तमाम कॉफी प्लांटेशन देखने का सुख भी मिलता है। इन प्लांटेशन में दक्षिण भारत की फेमस मदिकेरी कॉफी उगाई जाती है।

अब्बी फॉल्स: मदिकेरी का अब्बी फॉल्स एक बहुत ही फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। ढेर सारी हरियाली और कॉफी प्लांटेशन के बीच बसी ये वॉटरफॉल पिकनिक मनाने के लिए भी बहुत अच्छी जगह है।

दुबारे एलिफेंट कैंप: कुशलनगर से 14 किमी. आगे स्थित इस जगह पर आप एलिफेंट सफारी का मजा ले सकते हैं।

नमद्रोलिंग तिब्बती मोनास्ट्री: इस मोनास्ट्री में आप कई सरी दुकानें और स्वर्ण मंदिर देख सकते हैं।

रूट 2: द चैनारायापत्ना रूट

बंगलौर-चैनारायपत्ना-हस्सन-सक्लेशपुर-कुर्ग

कुशलनगर रूट की तुलना में इस रास्ते से जाने में आपको थोड़ा समय ज्यादा लगेगा। नेशनल हाईवे 48 से होकर गुजरने वाले इस रास्ते से जाने पर आपको बंगलौर से कुर्ग तक कुल 332 किमी. का सफर पूरा करना होगा। इस दूरी को तय करने में लगभग 7 घंटों का समय लगता है। बंगलौर से कुर्ग जाने के लिए बहुत कम लोग इस रास्ते को लेना पसंद करते हैं। लेकिन चाहे जो भी हो इस रूट की भी अपनी अलग खूबसूरती है।

चेन्नाकेसवा मंदिर: चैनारायपत्ना में स्थित इस भव्य मंदिर की लोकप्रियता यहाँ बनाई गईं विचित्र मूर्तियाँ हैं जो अपने आप में बेहद खूबसूरत हैं।

बेलूर और हलेबीडू: भारत के समृद्ध इतिहास की कहानियाँ लिए इस जगह पर आपको पौराणिक और उपनिषद से जुड़ी चीजें देखने के लिए मिलेंगी।

मंजाराबद फोर्ट: सकलेशपुर का मंजाराबाद किला का तारा-नुमा आकर इसकी पहचान है। इस किले को देखकर आपको भारत की सैन्य क्षमता का पता चलेगा।

बिस्ले घाट: अगर आपको प्रकृति से प्यार है तो आपको इस जगह पर जरूर आना चाहिए। यहाँ से आपको तीन पहाड़ियों का बेहतरीन नजारा दिखाई देगा।

मल्लाल्ली फॉल्स: बिस्ले घाट से थोड़ी दूरी पर आप मल्लाली फॉल्स देख सकते हैं। ये जगह खासतौर से फोटोग्राफी करने वाले लोगों को बहुत पसंद आती है।

रूट 3: द नागरहोल रूट

बंगलौर-रमानगरा-मंद्या-नागरहोल-गोनिकोप्पल-कुर्ग

इस रूट से जाने पर भी आपको 7 घंटों का से लग सकता है। ये रास्ता उन लोगों के लिए एकदम सही है जो बिना कहीं रुके प्राकृतिक नजारों को एन्जॉय करना चाहते हैं। बाकी रास्तों की तरह इस रास्ते पर भी आपको कई सारी ऐसी जगहें मिलेंगी जिन्हें आपको देख लेना चाहिए।

नागरहोल नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व: इस पार्क में आपको एशियाई हाथियों के साथ-साथ और भी कई तरह के जानवर देखने के लिए मिल जाएंगे।

निसर्गढ़ामा फॉरेस्ट: ये जंगल गोनिकोप्पल में स्थित है। आप कुशलनगर रूट से जाने पर भी से फॉरेस्ट को देखते हुए जा सकते हैं।

कब जाएँ?

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कुर्ग जाने के लिए आपको किसी तय समय का इंतेजार करने की कोई जरूरत नहीं है। आप साल के किसी भी समय कुर्ग जा सकते हैं। खासतौर से यदि आपको नेचर पसंद है तो आपको कुर्ग जरूर जाना चाहिए। जून से सितंबर के बीच कुर्ग में बारिश का मौसम रहता है। लेकिन उसका भी अपना एक अलग मजा है। कुर्ग जाने के लिए सबसे बढ़िया समय अक्टूबर से मई का होता है। इस समय कुर्ग का मौसम बेहद सुहावना होता है। अगर आप कुर्ग की प्राकृतिक छटा देखना चाहते हैं तो आपको मार्च और अप्रैल में जाना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान:

1. कुशलनगर रूट की सभी सड़कें बहुत अच्छी हैं इसलिए आपको यहाँ ड्राइव करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

2. सभी रास्तों पर मोड़ते समय आपको सावधानी रखने की बहुत जरूरत है। इन रास्तों पर आपको गड्ढे मिल सकते हैं। कभी-कभी स्थानीय लोग की सड़क पार करते हुए मिल सकते हैं इसलिए हर समय सतर्क रहना और भी जरूरी है।

3. बंगलौर से कुर्ग का रास्ता वैसे तो बहुत अच्छा है। लेकिन यदि आप बेमतलब के ट्रैफिक से बचना चाहते हैं तो सुझाव है कि बंगलौर से सुबह जल्दी निकल पड़िए।

4. क्योंकि ये तीनों ही रूट मुख्य हाईवे से होकर गुजरते हैं इसलिए यहाँ आपको खाने-पीने के लिए तमाम ढाबे मिल जाएंगे।

5. कोशिश कीजिए आप स्थानीय लोगों से रास्ता पूछने की जगह जीपीएस या गूगल मैप का इस्तेमाल करें।

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